AG-8 Ventures Scam: एक दशक बीत जाने के बावजूद लोगों को घर मुहैया नहीं कराने का आरोप
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज मिसरोद थाने से मिल रही है। यहां एजी—8 वेंचरर्स लिमिटेड (AG-8 Ventures Scam) के खिलाफ दर्जनों लोगों ने शिकायत की है। बिल्डर पर आरोप है कि उसने एक दशक बीत जाने के बावजूद लोगों को मकान मुहैया नहीं कराए। लोगों को शिकायत दर्ज करने के लिए थाने में कतार लगाना पड़ी थी। बिल्डर पर कार्रवाई के लिए रेरा, भोपाल कलेक्टर समेत कई अन्य संस्थानों ने पहले ही आदेश जारी कर दिए हैं। अब ग्राहकों की तरफ से एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है।
ऐसे दिखाए थे सपने
एजी—8 वेंचरर्स लिमिटेड की तरफ से 2010 में मिसरोद स्थित 11 मील चौराहे के नजदीक ग्राम छान में आकृति एक्वासिटी प्रोजेक्ट (Aakriti Aqua City Project News ) लांच किया था। करीब 100 एकड़ परिसर में बने इस प्रोजेक्ट में 2000 से ज्यादा परिवारों के लिए सुविधायुक्त कॉलोनी डेव्हलप का करार बिल्डर ने किया था। इसमें अस्पताल, बाजार, स्कूल, शॉपिंग सेंटर के अलावा सामुदायिक भवन बनाने का सपना दिखाया था। मकान 12 से 30 लाख रुपए कीमत का था। दूसरी सुविधाएं तो दूर बिल्डर (Builder Fraud News) ने मकान ही आधे से ज्यादा पूरे नहीं किए हैं। इन्हें खरीदने वाले ग्राहकों के आरोप है कि पजेशन तीन साल के भीतर दिया जाना था। लेकिन, ऐसा बिल्डर ने नहीं किया। जिसके खिलाफ ग्राहक कई समय से आंदोलन कर रहे हैं।
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यहां—यहां की गई शिकायतें
वंदना सिंघल (Vandana Singhal) ने बताया कि बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरु से ही नहीं की गई। इस कारण रेरा (Real Estate Regulation And Development Act) में जाकर इस बात की शिकायत की गई। जिसमें जनवरी, 2018 में फैसला भी आया। एजी—8 वेंचरर्स को धारा 40 के तहत आरआरसी का नोटिस भी जारी हुआ। ग्राहकों का आरोप है कि बिल्डर को करीब 350 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। इसके अलावा ग्राहकों ने राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की है। वहीं आर्थिक प्रकोष्ठ विंग में हुई शिकायत पर थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करने के लिए बोला गया। रिकवरी नोटिस को जो कलेक्टर कार्यालय से जनवरी, 2021 में जारी किया था उसको रसूख का इस्तेमाल करके लटकाया गया। अधिकांश शिकायत करने वालों का कहना था कि वे किराए के मकान में रहने के साथ—साथ बैंक का लोन चुका रहे हैं।
कौन है इस प्रोजेक्ट का मालिक
पीड़ितों ने बताया कि एजी—8 वेंचरर्स लिमिटेड के मालिक हेमंत सोनी (Hemant Soni) ने कई बार ग्राहकों को सपने दिखाए। यह कंपनी भोपाल में आकृति समूह (Aakriti Group) के नाम से कारोबार करती है। उसने पहले कहा कि वह अपनी शुगर मिल बेचकर रकम देगा। फिर दुबई (Dubai) से निवेशक का पैसा लाने का झांसा दिया। ऐसा करके उसने लगभग दो साल का समय लोगों का बर्बाद किया। वंदना सिंघल ने पुलिस को आवेदन देकर मांग की है कि बिल्डर हेमंत सोनी, राजीव सोनी (Rajiv Soni), स्वयं सोनी, रवि हरयानी (Ravi Haryani) के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया जाए। ग्राहकों का आरोप है कि बिल्डर ने रकम लेकर उस राशि को दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया है।
यह बोलकर फोन बंद किया
घोटाले (AG-8 Ventures Scam) को लेकर बुधवार को दर्जनों लोगों ने रैली निकालकर विरोध किया। ग्राहकों ने हेमंत सोनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बिल्डर के सताए ग्राहक हाथों में उसकी फोटो की तख्तियों के साथ थे। यह वीडियो दिनभर शहर में कई जगह वायरल भी हुआ। हालांकि इसकी मीडिया रिपोर्टिंग देखने नहीं मिली। आरोपों को लेकर आकृति समूह के मैनेजर मनीष पटेल (Manish Patel) से आधिकारिक प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया। उन्होंने फोन रिसीव किया और बातचीत भी की। लेकिन, जैसे ही आकृति एक्वा सिटी पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्हें फोन पर आवाज आना बंद हो गई। दूसरे नंबर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही बंद कर लिया। हालांकि दर्जनों शिकायत होने की पुष्टि मिसरोद थाना ने की है।
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