Special Task: अवैध कमाई का जरिया बना नारकोटिक्स का ज्ञान, एसपी की शह पर सिपाही चला रहा गिरोह

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पुलिस मुख्यालय में डीजीपी वीके सिंह ने ली बैठक, सिपाही का नपना तय तो एसपी पर भी गिर सकती है गाज

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भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के एक एसपी स्पेशल टास्क के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। इस टास्क को पूरा करने के लिए उन्होंने सिपाही का इस्तेमाल किया। यह सिपाही दो—तीन नहीं 20 लाख रुपए तक ले चुका है। मामला पुलिस मुख्यालय पहुंचा हैं, जिसको लेकर डीजीपी वीके सिंह ने सख्त नाराजगी दिखाई है। इसके बाद सिपाही का विभाग से जाना तय माना जा रहा है। वहीं एसपी पर भी कार्रवाई की गाज गिरने वाली है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर मंगलवार को एक बैठक भी हुई थी। इस बैठक में सिपाही को विभाग से चलता करने पर सहमति बन गई है। आधार पुराने मामलों को लेकर बनाया जा रहा है। यह सिपाही पहले नारकोटिक्स विंग में तैनात था। इसी दौरान सिपाही को प्रदेश के ड्रग माफिया के सप्लाई रूट की जानकारी हासिल हो गई थी। नारकोटिक्स विंग से उसका पिछले दिनों दूसरे विंग में तबादला हो गया था। इस तबादले के बाद उसने पहले उस विंग के अफसरों का दिल जीता। भरोसा होने के बाद उसने पूरे रैकेट को फैलाने की योजना बनाई। सिपाही की इस योजना से एक अफसर भी वाकिफ थे। अफसरों का संरक्षण मिलने के बाद सिपाही ने खुलआम वसूली शुरू कर दी।

खबर है कि सिपाही ने मंदसौर के एक कुख्यात तस्कर के ढ़ाबे में जाकर 20 लाख रुपए की डील की थी। इस डील में उसे रकम भी मिली थी। इसके बाद वह 20 लाख रुपए दूसरी किश्त में मांग रहा था। इससे पहले मंदसौर के ढ़ाबों को लेकर आईजी के सामने कई चौकाने वाले खुलासे हो चुके हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो ​सिपाही के खिलाफ सीएम हेल्प लाइन में बकायदा शिकायत भी की गई है। यह शिकायत डीजीपी को भेजी गई जिसके बाद मंगलवार को निर्णय लिया गया। हालांकि यह निर्णय अभी उजागर नहीं किया गया है। खबर है कि सिपाही ने इस काम के लिए बकायदा प्रायवेट आदमियों की मदद लेकर गिरोह बना लिया था। सिपाही रिकवरी में उन्हें कमीशन भी देता था।

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