आरोपी की चार साल से थी तलाश, झारखंड़ में बैठकर बैंक अफसर बनकर लोगों को देते थे झांसा
भोपाल। भोपाल सायबर सेल (Bhopal Cyber Crime) में दर्ज एक मामले के आरोपी को भोपाल क्राइम ब्रांच की मदद से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को उस वक्त दबोचा गया जब वह भोपाल की जेल में बंद अपने एक अन्य साथी से मुलाकात करने के लिए पहुंचा। उसे हिरासत में लेने के बाद दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए टीआई लोकपाल भदौरिया ने बताया कि वर्ष 2015 में भोपाल सायबर सेल ने ओटीपी फ्राड का केस (OTP Fraud Case) रजिस्टर्ड किया था। इस केस में झारखंड के दुमका जिले के थाना तालझारी में ग्राम बूढीकुरूवा निवासी अनिल कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी भी जेल में हैं। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों की पुलिस को तलाश थी। इसी बीच सूचना आई कि मामले में ही फरार चल रहे एक अन्य आरोपी जो उसी गांव का रहने वाला है अजित कुमार मंडल जेल में बंद अनिल से मुलाकात करने आता है। इस सूचना पर पुलिस ने मुखबिर लगाए थे। अनिल जेल में मुलाकात करके चला गया। जिसकी सूचना सायबर सेल को मिली। बताया गया कि वह एमपी नगर स्थित जिला अदालत पहुंचने वाला है।
इस सूचना के बाद फरार चल रहे अजीत मंडल को हिरासत में लिया गया। आरोपी अजीत ने बताया कि वह लोगों को बैंक अफसर (Fake Bank Officer) बनकर फोन लगाते थे। ग्राहकों से कार्ड एक्सपायर होने की जानकारी देकर उनसे ओटीपी और कार्ड नंबर हासिल करते थे। फिर यह मिलने के बाद अपने दोस्तों के दिल्ली और हरियाणा के पते पर माल खरीदकर उसकी डिलीवरी कराते थे। माल मिलने के बाद उसे औने—पौने दामों में बेचकर पैसा कमाया जाता था। पुलिस ने बताया कि अनिल मंडल को झारखंड पुलिस की मदद से प्रोडक्शन वारंट पर रिमांड पर लिया गया था। जिसे फिलहाल भोपाल की जेल में रखा गया है। इस मामले में सायबर सेल को अभी भी रमेश मंडल और शेखर मंडल की तलाश है।