प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को हुई शिकायत तो पद से हटाकर मामले को दबाया
भोपाल। गैस राहत अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर केके दुबे (Irregularity in Health Budget) भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ गैस राहत मामलों में निगरानी रखने वाली संस्था ने मोर्चा खोला है। दुबे को अस्पताल का प्रभार वापस लेकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
यह शिकायत भोपाल ग्रुप फॉर इंफार्मेशन एंड एक्शन की तरफ से रचना ढिंगरा ने की थी। इस शिकायत के बाद आनन—फानन में डॉक्टर केके दुबे को पद से हटा दिया गया। लेकिन, (Irregularity in Health Budget) मामले की जांच को लेकर कोई बयान अफसरों की तरफ से जारी नहीं किया गया। डॉक्टर केके दुबे के पास गैस राहत और पुर्नवास विभाग के संयुक्त संचालक हैं। दुबे के पास कमला नेहरू अस्पताल का अतिरिक्त प्रभार था। जो अब डॉक्टर एमए खुर्रम को सौंपा गया है। दुबे यहां पिछले 11 साल से जमे हुए थे। अफसरों ने दुबे को हटा दिया लेकिन, उनकी तरफ से की गई कारगुजारियों पर चुप्पी साध ली है। जबकि इस मामले में विधिवत सबूत के साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को शिकायत की गई है। बताया जाता है कि इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है।
घुमने के लिए खरीदी कार
ढिंगरा के मुताबिक कमला नेहरू अस्पताल में रोगी कल्याण समिति के निधि (Irregularity in Health Budget) से डॉक्टर केके दुबे ने लगभग सवा सात लाख रुपए की स्वीफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। जबकि इस रकम का इस्तेमाल मरीजों की सुविधाओं के लिए होना था। इस मसौदे पर दुबे ने ही सहमति दी। जबकि यह अधिकार उन्हें नहीं था। इसके लिए उन्होंने कारण बताया कि कमला नेहरू अस्पताल के अधीन अन्य अस्पताल है। जिसका निरीक्षण करना होता है। यह तथ्य झूठे निकले क्योंकि कमला नेहरू के अधीन कोई अन्य अस्पताल ही नहीं हैं।
जबरिया एंबुलेंस खरीदी
ढिंगरा का एक अन्य आरोप भी है। उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति के (Irregularity in Health Budget) बजट से खरीदी कार का रखरखाव भी उसके ही बजट से किया गया। यह सारी जानकारी सूचना के अधिकार में ढिंगरा को मिली थी। उन्होंने बताया कि समिति का सचिव जिले का कलेक्टर होता है। लेकिन, जिस दिन कलेक्टर अवकाश पर थे। उस दिन यह सारा काम कर दिया गया। इसके अलावा दुबे ने एंबुलेंस होने के बावजूद नई एंबुलेंस खरीदी की मंजूरी दे दी।