केस में प्रभाव डालने के लिए उकसाने का मामला दर्ज, आरोपी भाई को बचाने के लिए डाल रहा था दबाव
भोपाल। भोपाल सीबीआई (Bhopal CBI) के एक डीएसपी को लंच के लिए ऑफर करना एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया। तीन मुलाकातों के दौरान आरोपी ने अपने भाई के एक केस को लेकर यह भोजन करने के लिए ऑफर किया था। अब सीबीआई उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश रही है।
जानकारी के अनुसार इस मामले में एफआईआर (Bhopal CBI) डीएसपी आशुतोष कुमार की तरफ से दिए गए आवेदन की जांच के बाद की गई है। इस मामले का आरोपी महावीर गर्ग है जो सीबीआई ऑफिस गया था। डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वे पंजाब नेशनल बैंक में हुए एक फर्जीवाड़े के मामले की जांच कर रहे हैं। जिसमें आरोपी महेश अग्रवाल है। महेश अग्रवाल को लेकर ही महावीर गर्ग (Bhopal CBI) सीबीआई के ऑफिस पहुंचा था। आरोपी महावीर गर्ग पहली बार नवंबर, 2018 में मुलाकात करने पहुंचा था। इस मुलाकात के बाद उसने नंबर ले लिया था और वह फोन करके बार-बार डीएसपी से मुलाकात करने लगा। सारी मुलाकातों में वह एक ही बात कहता था कि उसके भाई महेश अग्रवाल काफी परेशान चल रहे हैं। वह चाहे तो प्रकरण में उनकी मदद कर सकते हैं। इस मदद के लिए उसने तीन लाख रुपए की रिश्वत देने की भी पेशकश की।
होटल बुलाकर बातचीत का प्रलोभन
डीएसपी ने (Bhopal CBI) एसपी को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें कहा था कि महावीर गर्ग जब भी मुलाकात करता था वह भोपाल समेत किसी भी बड़ी जगह की बड़ी होटल में बातचीत करने का ऑफर देता था। उसे कई बार समझाया गया कि वह आरोपी के परिवार से जुड़ा है। इसलिए यह मुलाकात नहीं की सकती। उसे यह भी समझाया गया कि वह आरोपी की गिरफ्तारी में मदद करें। रिपोर्ट अध्ययन करने के बाद सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला लिया गया। उसके बाद से आरोपी फरार है।
मुलाकात, जो पहले भी विवादों में रहे
सीबीआई कार्यालय (Bhopal CBI) में हर किसी को प्रवेश नहीं मिलता। प्रवेश से पहले उसको सुरक्षा मापदंडों को पूरा करना होता है। जिस व्यक्ति से मुलाकात करना है उससे लेकर तमाम अन्य जानकारियां देनी होती है। दरअसल, दिल्ली में सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर रंजीत सिन्हा भी ऐसे ही मुलाकातों के चलते विवादों में आ गए थे। उनसे यह मुलाकात कोल स्कैम के मामले में हुई थी।