Bhopal DIG System News: भोपाल में कोई आईपीएस एसपी नहीं रहना चाहता, उसकी यह है खास वजह

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Bhopal DIG System News: नार्थ और साउथ एसपी कार्यालय में जनता को राहत देने के लिए होते थे पहले ऐसे प्रयोग

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भोपाल। देश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ राज्यों ने उसको लागू किया है तो कुछ उसका विकल्प तलाश करके नई व्यवस्था बना लिए है। इस व्यवस्था को डीआईजी प्रणाली (Bhopal DIG System News) कहा जा रहा है। इन व्यवस्थाओं को लागू करने वाला मध्य प्रदेश भी है। मध्य प्रदेश में लगभग एक दशक पहले यह व्यवस्था भोपाल और इंदौर से शुरू हुई थी। लेकिन, इस व्यवस्थाओं में ऐसी खामी है कि भारतीय पुलिस सेवा के अफसर भोपाल नार्थ-साउथ एसपी होने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

एडीजी इंटेलीजेंस से हुई थी शुरूआत

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एडीजी आदर्श कटियार (बाएं) और उपेन्द्र जैन (दाएं) File Image

भारतीय पुलिस सेवा में 1992 बैच के आईपीएस आदर्श कटियार (IPS Adarash Katiyar) की पहली पोस्टिंग भोपाल डीआईजी के रूप में हुई थी। आदर्श कटियार भोपाल रेंज के आईजी भी रहे हैं। फिलहाल उनके पास इंटेलीजेंस जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। उनके साथ भोपाल नार्थ के एसपी अभय सिंह और साउथ के एसपी योगेश चौधरी बने थे। दोनों अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा के अफसर थे। भोपाल डीआईजी की कुर्सी डी श्रीनिवास वर्मा, रमन सिंह सिकरवार, संतोष सिंह, धर्मेन्द्र चौधरी के बाद अब इरशाद वली ने संभाली है। इनमें से दो अफसर ही राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बने हैं। डीआईजी योगेश चौधरी (Yogesh Choudhary) ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बने अरविंद सक्सेना और अंशुमान सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी। दोनों अफसरों ने भोपाल में लंबी पारी खेली थी। अरविंद सक्सेना ने तो लगभग पांच साल का समय पूरा किया था।

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आईपीएस को अपनी आंख गवाना पड़ी थी

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पुलिस नियंत्रण कक्ष, भोपाल- फाइल फोटो

भोपाल साउथ के एसपी योगेश चौधरी रहे। उन्हेांने अपना कार्यकाल सफलता के साथ पूरा किया था। उनके बाद अंशुमान सिंह, राहुल लौढ़ा, संपत उपाध्याय और साई कृष्णा थोटा ने संभाला। इसमें सर्वाधिक कार्यकाल अंशुमान सिंह का था। नार्थ के सबसे पहले एसपी अभय सिंह (IPS Abhay Singh) थे। उनकी एक आंख की रोशनी एक घटना में चली गई थी। यह घटना तलैया इलाके में हुई थी। जिसके बाद अरविंद सक्सेना को जिम्मेदारी दी गई थी। फिर हेमंत चौहान ने कुर्सी संभाली। उनके जाने के बाद शैलेन्द्र सिंह चौहान और फिर मुकेश श्रीवास्तव को भोपाल नार्थ की जिम्मेदारी दी गई। पुराना शहर होने के कारण यहां अक्सर तनाव रहता है।

तीन एसपी ने छोड़ी छाप

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राहुल लोढ़ा, भोपाल साउथ के तत्कालीन अधीक्षक

डीआईजी व्यवस्था (Bhopal DIG System News) में तीन एसपी ने सर्वाधिक नाम कमाया। इसमें योगेश चौधरी, राहुल लौढ़ा और अरविंद सक्सेना हैं। तीनों अधिकारियों में राहुल लौढ़ा ने जालसाजी के अपराधों में अभियान चलाया था। वहीं खामरा सीरियल किलर का राज उजागर किया था। अरविंद सक्सेना (IPS Arvind Saxena) के कार्यकाल में सिमी आतंकियों के एनकाउंटर हुए थे। वहीं कई विवादित समय भी आए लेकिन शहर में कभी कफ्र्यू नहीं लगा। लेकिन, हाल ही में राजदेव काॅलोनी में एक जमीन के कब्जे को लेकर कफ्र्यू भी लगाया गया था। आईपीएस जिले की कमान संभालना चाहता है। दरअसल, भोपाल नार्थ और साउथ एसपी को सिपाही के तबादले की भी शक्तियां नहीं है। यह सारे अधिकार डीआईजी सिटी के पास होते हैं।

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