Bhopal Science News: जीरो शैडो डे को समझाने सारिका ने किये प्रयोग, काया थी लेकिन छाया नहीं
भोपाल। मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर गति करता दिखता सूर्य अपने साल के अंतिम पड़ाव के 6 दिन पहले आज भोपाल (Bhopal Science News) के ठीक उपर पहुंचा। इस कारण आमतौर पर तिरछी पड़़ने वाली किरणें आज भोपाल पर मध्यान्ह में ठीक सीधी पड़ रही थी। खगोल विज्ञान की जीरो शैडो डे की इस घटना को समझाने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने कई प्रयोग किए।
ऐसे किया प्रयोग
सारिका ने प्रयोग के दौरान 1 फीट लंबे और 6 इंच डायमीटर के तीन पाईप को पारदर्शी कांच की प्लेट पर सीधा खड़ा किया गया। सूर्य की किरणें 1 फीट गहराई पर पाईप को पार करते हुये सीधे नीचे नीचे रखे कागज पर पूरा गोला बनाया। बादलों की आहट के बीच आज दोपहर में साया छोटी होते- होते काया का साथ छोड़ती गई। दोपहर में 12 से 12ः30 के बीच जब सूर्य ठीक उपर 90 अंश के कोण पर था तब, कुछ सेकंड के लिये किसी भी वस्तु की छाया उसके दायें- बायें न बनते हुये उसके नीचे बन रही थी। जिससे छाया अलग से दिखाई नहीं दी।
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एक ओर है मौका
सारिका घारू ने कहा कि यह सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन गति करने के कारण होने वाली घटना है। जब सूर्य किसी शहर के उपर ठीक 90 डिग्री पर होता है तो दोपहर में सूर्य की किरणें ठीक सिर के उपर पड़ती हैं, जिससे कुछ देर के लिये छाया वस्तु के ठीक नीचे बनने के कारण दिखाई नहीं देती हैं। भोपाल में यह घटना 15 जून तथा 28 जून को देखी जा सकती है। इन दो दिनों में सूरज की तिरछी नहीं, सीधी किरणें पड़ती हैं । भोपाल पर और इस कारण दोपहर में साया भी साथ छोड़ देता है।