MP PWD Scam: एमपी में परिवहन विभाग के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग की गतिविधियां संदिग्ध, पत्नी से पीड़ित पति दे रहा है सबूत, लोकायुक्त समेत अन्य जांच एजेंसियों ने मूंद ली हैं आंखे, आखिरकार एलएन मालवीय इंफ्रा और यूएस इंफ्रा के बीच क्या है एक जैसा कनेक्शन
भोपाल। मध्यप्रदेश का चर्चित पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का कारनामा पिछले एक महीने से मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। उसके ठिकानों से सोने—चांदी के जेवरात, नकदी के अलावा अकूत संपत्ति का पता चला है। वह परिवहन विभाग में एक मंत्री की सिफारिश में अनुकंपा नियुक्ति में लगा था। कुछ ऐसा ही मामला पीडब्ल्यूडी विभाग (MP PWD Scam) के चीफ इंजीनियर संजय मस्के पर लगा है। इस संबंध में सारी जांच एजेंसियां मौन है। जबकि उनके खिलाफ आरोप है कि तीन साल में उन्होंने यूएस इंफ्रा नाम की कंपनी को करोड़ों रुपए के ठेके दिलाए। जिसे ठेका मिला उसकी संचालिका के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें प्रेस वार्ता बुलाकर सार्वजनिक की गई थी।
यह बोलकर बुलाई गई थी पत्रकार वार्ता जो पति—पत्नी के बीच विवाद की निकली
यूएस इंफ्रा (UN Infra) को लेकर 13 जनवरी को एमपी नगर (MP Nagar) स्थित नाइन मसाला रेस्टोरेंट (9 Masala Restaurant) में प्रेस को बुलाया गया था। इससे पहले पीडब्ल्यूडी (PWD) के भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर मीडिया को आमंत्रित किया गया था। इसमें मीडिया के सामने छिंदवाड़ा (Chindwara) निवासी विकास गुप्ता (Vikas Gupta) सामने आए थे। उन्होंने बताया था कि वह छिंदवाड़ा जिले के आदर्श नगर (Adarsh Nagar) का रहने वाला है। उसकी परासिया रोड पर पहले गैराज हुआ करता था। जिसमें 2014 में टबेरा गाडी रिपेयर होने आई थी। वह ठीक होने पर उसने फोन लगाया तो लड़की ने उठाया। जिसके साथ कई बार बातचीत होने लगी। धीरे—धीरे दोनों में प्यार हो गया। इसके बाद 25 जून, 2014 को बकायदा एसडीएम कोर्ट में जाकर लव मैरिज भी की। उसके भी प्रमाण विकास गुप्ता ने मीडिया के सामने पेश किए थे। उसने बताया कि पत्नी बीई करना चाहती थी। इसलिए उसे छिंदवाड़ा के ही एनी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से बीई भी कराया। पत्नी का मकसद आईएएस बनना था। जिसके लिए पति ने उसको भोपाल में खान स्टडी में कोचिंग भी दिलाई। इस दौरान वह गैराज संभालने के अलावा भोपाल भी आता—जाता था। उसकी पत्नी भी छिंदवाड़ा आना—जाना करती थी। विकास गुप्ता ने बताया कि उसने एक बार पत्नी को कॉल किया। तब किसी मर्द की आवाज आई तो उसे शक हुआ। उसने अपने स्तर पर पड़ताल की तो पता चला कि वह संजय मस्के (Sanjay Maske) है। वह पीडब्ल्यूडी विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात है।
एलएन मालवीय इंफ्रा कंपनी में कर चुकी थी जॉब
विकास गुप्ता ने बताया कि वह भोपाल आया तो पता चला कि पत्नी एमपी नगर स्थित एलएन मालवीय इंफ्रा (LN Malviya Infra) कंपनी में जॉब करती थी। यह कंपनी सड़क बनाने से लेकर कई तरह के अन्य ठेके भी लेती है। उल्लेखनीय है कि एलएन मालवीय की कंपनी के खिलाफ जबलपुर ईओडब्ल्यू (Jabalpur EOW) ने पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेके में बंदरबांट करने की एफआईआर भी दर्ज की है। इस प्रकरण में जबलपुर ईओडब्ल्यू ने कंपनी के संचालक एलएन मालवीय (LN Malviya) , सजल उपाध्याय (Sajal Upadhyay) , एमपी सिंह (MP Singh) , नरेंद्र कुमार (Narendra Kumar) और आरएन मिश्रा (RN Mishra) को आरोपी बनाया था। सजल उपाध्याय एमपी पीडब्ल्यूडी (MP PWD) में एई थे। वहीं एमपी सिंह एसई। जबकि नरेंद्र कुमार डायरेक्टर थे। यह एफआईआर 2015 से 2019 के बीच किए गए फर्जीवाड़े की है। आरोप है कि एलएन मालवीय इंफ्रा को लाभ पहुंचाने प्री क्वालिफिकेशन के आतंरिक सिद्धांतों के मापदंड को टैम्पर किया गया। यह प्रोजेक्ट करीब सवा बारह करोड़ रुपए का था। प्रोजेक्ट में एलएन मालवीय इंफ्रा कंसल्टेंट कंपनी थी। कंपनी को मई, 2023 तक 26 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान पीडब्ल्यूडी ने कर दिया था। जबकि टेंडर 17 करोड़ 71 लाख रुपए में तय हुआ। इस प्रोजेक्ट से सरकार को 15 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह एफआईआर जून, 2024 में दर्ज हुई थी। लेकिन, राजनीतिक प्रभाव के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाला गया है।
विकास गुप्ता की पत्नी एलएन मालवीय इंफ्रा में जॉब करती थी। वहीं पर उसकी पहचान आते—जाते चीफ इंजीनियर संजय मस्के से हुई। यानि साफ है कि यूएस इंफ्रा को तीन साल में जो टेंडर दिए गए उसमें कई तरह की तकनीकी चूक हैं। जिसे संजय मस्के के प्रभाव में आकर पीडब्ल्यूडी (MP PWD Scam) के अफसरों ने नजरअंदाज किया। यूएस इंफ्रा को तीन साल में करीब 18 करोड़ रुपए का लाभ भी पहुंचाया गया। विकास गुप्ता का ही यह भी आरोप है कि उसकी पत्नी का नाम यू नाम से आता है। वहीं संजय मस्के का नाम एस से शुरु होता है। दोनों के नाम के पहले अक्षर से मिलाकर यह कंपनी डाली गई। विकास गुप्ता ने शंका जाहिर की है कि कंपनी 2021 में अस्तित्व में आई थी। तब से लेकर अब तक कई ठेकों पर काम नहीं हुआ है। उसके बावजूद भुगतान कर दिया गया है। इस संबंध में कंपनी और उसकी संचालक के खिलाफ उसकी तरफ से लोकायुक्त कार्यालय और मुख्यमंत्री सचिवालय में भी शिकायत की गई है। जिसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विकास गुप्ता का आरोप है कि यदि उसकी पत्नी और चीफ इंजीनियर के खातों की पड़ताल की गई तो मनी ट्रेल के जरिए पीडब्ल्यूडी के भीतर चल रहे भारी भ्रष्टाचार को लेकर कई चौका देने वाली बातें सामने आ सकती है।
मुझे तो सिर्फ तलाक चाहिए, पत्नी पेशी में नहीं आती
विकास गुप्ता का मामला एक्सट्रा मैरिटल अफेयर (Extra Marital Affair) का है। उसके प्रमाण भी वह पेश कर रहा है। इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने चुप्पी साध ली है। संजय मस्के जिस अंदाज में वॉटर पार्क में कैमरे में कैद हुए हैं वह कदाचरण की श्रेणी में भी आता है। विकास गुप्ता का आरोप है कि उसकी पत्नी के बीच अभी तलाक का केस चल रहा है। जिसकी पेशी में वह उपस्थित नहीं होती है। उसका कहना है कि वह पत्नी से तलाक चाहता है। अब वह रिश्तों को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है। उल्लेखनीय है कि इस समाचार को लेकर कुछ मीडिया हाउस ने समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें चीफ इंजीनियर संजय मस्के की तरफ से बचाव में दिए बयानों में कहा गया था कि दिखाई जा रही तस्वीरें एआई से जनरेटेड हैं। जिसके जवाब में विकास गुप्ता ने कहा था कि यह तस्वीर 20 अक्टूबर, 2021 को ली गई है। इस दिन वाल्मिकी जयंती थी। उस दिन पत्नी के साथ संजय मस्के सीहोर में स्थित क्रिसेंट वॉटर पार्क (Crescent Water Park) गए थे। उसी दिन नशे की हालत में पत्नी ने यह तस्वीरें उसे व्हाट्स एप पर भेजी थी।
झूठ बोल रहा है विकास गुप्ता, मैं उसे जल्द एक्सपोेज करुंगी
इधर, यूएस इंफ्रा (US Infra) की संचालिका ने बताया कि विकास गुप्ता के सारे दावे गलत है। वह मुझे और मेरे पूरे परिवार को ब्लैकमेल कर रहा है। जिस कारण हमारा पूरा परिवार संकट में चल रहा है। विकास गुप्ता पूर्व से शादीशुदा है। इसके बावजूद वह दुष्प्रचार कर रहा है। मेरी कंपनी इतनी बड़ी नहीं जितनी वह प्रदर्शित कर रहा है। मेरी फर्म ने सारे काम नियमानुसार किए हैं। उनके आरोपों के सभी प्रमाण के साथ मैं जल्द मीडिया के सामने आने वाली हूं। यूएस इंफ्रा की संचालिका का यह भी आरोप है कि विकास गुप्ता हिंदू है लेकिन वह मुस्लिमों के साथ रहते हुए अपने धर्म के विरुद्ध जाकर गतिविधियां संचालित करता है। वह आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। उसके खिलाफ कई प्रकरण भी दर्ज है। उनका आरोप है कि ड्रग तस्करी, शराब बेचने समेत अन्य गतिविधियों में वह शामिल रहा है। इस संबंध में यूएस इंफ्रा की संचालिका ने यह बयान अलग—अलग समय में तीन बार कॉल करके अपने संबंध में यह बातें रखी। इससे पहले उनके नंबर पर संपर्क करने पर द क्राइम इंफो को कोई रिस्पांस नहीं मिला था। यूएस इंफ्रा की संचालिका ने अगले दिन दूसरे नंबर से कॉल करके अपना पक्ष रखा है। इस मामले में हमें पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर संजय मस्के का पक्ष मिलना बाकी है। उनसे प्रतिक्रिया के लिए हमारी तरफ से काफी प्रयास किया जा चुका है।
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