हेलीकॉप्टर वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन जमीन पर उतरते ही पहेली बना

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Bhopal Remdesivir Injection Stolen: चार दिन से चल रहा भोपाल के हमीदिया अस्पताल का ड्रामा, सरकारी मशीनरी छुपा रही है राज

Bhopal Remdesivir Injection Stolen
मध्य प्रदेश में शॉर्टेज चल रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन को इस तरह से ट्रांसपोर्ट किया गया था— फाइल फोटो साभार

भोपाल। पूरे देश में इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राइस (Remdesivir Injection Price)) को लेकर चल रही काला बाजारी की खबरें आ रही हैं। इस देशव्यापी समस्या से मध्य प्रदेश (MP Remdesivir Injection News) की राजधानी भोपाल भी जूझ रहा है। हालात यह है कि हेलीकॉप्टर पर ट्रांसपोर्ट हो रहा यह इंजेक्शन जमीन पर उतरने के बाद पहेली बन जा रहा है। लोगों के हाथों में अभी भी मायूसी और धक्के ही नसीब हो रहे हैं। इस बीच भोपाल ताजा न्यूज यह है कि हमीदिया अस्पताल से चोरी (Bhopal Remdesivir Injection Stolen) इंजेक्शन का मामला अभी रिकॉर्ड में नहीं सुलझा है।

अधीक्षक को हटाकर बच रही सरकार

इस मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आईडी चौरसिया (Dr ID Chourasia) को सरकार ने 18 अप्रैल को आनन—फानन में हटा दिया था। अस्पताल से 863 इंजेक्शन चोरी गए थे। यह स्टोर रुम में रखे हुए थे। जिसकी भीतर से जाली भी कटी हुई थी। चौरसिया को हटाने के बाद बयान दर्ज करने के लिए क्राइम ब्रांच तलब किया गया था। जिसके बाद भ्रामक समाचार हिरासत का वायरल हुआ। जिसमें उन्होंने वीडियो बयान देकर हटाने की जगह पारिवारिक कारणों से हटने का हवाला दिया था। उन्होंने पूरे प्रकरण में उनके कोई रोल होने से भी इंकार कर दिया था। तब से लेकर अब तक जांच के नाम पर सिर्फ सरकारी ड्रामा चल रहा है।

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यह बोल रहे हैं अफसर

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क्राइम ब्रांच थाना— फाइल फोटो

हमीदिया अस्पताल में इंजेक्शन चोरी के मामले में लगातार मीडिया रिपोर्ट हो रही है कि मामला हेरा—फेरी का है। भोपाल के लगभग सारे समाचार पत्रों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चोरी गए इंजेक्शन में से 400 मिल गए हैं। जबकि एएसपी क्राइम ब्रांच गोपाल धाकड़ (ASP Gopal Dhakad) का दावा है कि हमारी तरफ से अभी तक कोई मीडिया को बयान जारी नहीं किया गया है। धाकड़ ने यह भी कहा है कि जो भी रिपोर्टिंग हो रही है उसके बारे में उन्हें कोई संज्ञान नहीं है। हमारी जांच अभी जारी है। इससे पहले जांच सीएसपी शाहजहांनाबाद संभाग नागेन्द्र पटैरिया की अगुवाई में की जा रही थी।

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दिल्ली तक पहुंची थी जांच

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सरकारी विमान से ले जाया जाता इंजेक्शन

भोपाल शहर से प्रकाशित दैनिक भास्कर में इसी मामले में रिपोर्टिंग थी कि चोरी गए इंजेक्शन में से कुछ इंजेक्शन दिल्ली पहुंचे थे। यह इंजेक्शन इश्यू कराने के बाद अस्पताल के ही एक कर्मचारी के रिश्तेदार को लगाने के लिए पहुंचाए गए थे। हेरा—फेरी अस्पताल में ही इंजेक्शन मिलने पर सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर मौके पर उस दिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, डीआईजी सिटी इरशाद वली से लेकर तमाम अन्य अफसर मौके पर पहुंचे थे। पूरे अस्पताल में बारीकी से हर लिहाज से छानबीन हुई थी। फिर हेरा—फेरी वाली बात को साबित करना संभव नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर कहानी अभी यह है कि इंजेक्शन चोरी का मामला अभी भी अनसुलझा है।

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