बीएसएनएल कर्मचारी की मदद से की गई थी जालसाजी, चार आरोपी पूर्व में हो चुके हैं गिरफ्तार
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में सायबर सेल (Cyber Cell) की भोपाल यूनिट (Bhopal Unit) ने सायबर क्राइम (Cyber Crime) के एक मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को दबोच लिया है। आरोपियों ने पर्यावरण सलाहकार (Environmental Consultant) के नेटबैकिंग (Net Banking) से रजिस्टर्ड नंबर को ब्लॉक करके 16 लाख 34 हजार रुपए निकाल लिए थे। इस मामले में सायबर सेल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी।
जानकारी के अनुसार घटना अप्रैल, 2019 की है। पर्यावरण सलाहकार मुकेश कावरे (Mukesh Kanvre) हैं। उनका खाता हैक (Account Hack) होने से पहले मोबाइल की सिम बंद (Sim Block) हो गई थी। जब उसे शुरू कराया गया तो दो लाख रुपए खाते से निकलने की जानकारी आई। आरोपियों ने यह रकम मुंबई (Mumbai), गुजरात (Gujrat), पश्चिम बंगाल (West Bangal) और झारखंड (Jharkhand) में रकम निकाली थी। पुलिस ने इस मामले में बीएसएनएल (Bharat Sanchar Nigam Limited) को भी लापरवाह मानते हुए जांच की थी। पुलिस ने बताया कि यह जांच पूरी कर ली गई हैं। जांच में पीएस पराते (PS Parate) को लापरवाह माना गया है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
पराते कोलार के शिर्डीपुरम इलाके में रहते हैं। इसके अलावा पुलिस ने सीहोर (Sehore) निवासी मोहम्मद फरीद अंसारी (Mohmmed Ansari) को भी आरोपी बनाया है। पराते ने बीएसएनएल (BSNL) की सिम फरीद को ही दी थी। इससे पहले पुलिस इस मामले में आरोपी विनोद मिश्रा (Vinod Mishra), मातादीन सिकरवार, संजय उपाध्याय (Sanjay Upadhyay) और अनुराग सालवेकर (Anurag Salvekar) को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस गिरफ्तार अंसारी और पराते के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है। फिलहाल आरोपियों के संबंध नाइजीरियन रैकेट (Nigerian Racket) से अब तक स्थापित नहीं हो सके हैं। हालांकि पुलिस को शक है कि यह रैकेट उसके लिए काम करता है।