Bhopal News: मोपेड से जा रहे पति—पत्नी को टक्कर मारी, जहांनुमा होटल में नेपाली मूल के चायनीज शेफ की मौके पर मौत, पत्नी की हालत नाजुक
भोपाल। युवाओं में बूलेट चलाने का कल्चर काफी तेजी से पनप रहा है। पहले इस वाहन को सुरक्षा बलों की शान समझा जाता था। अब यह आम हो चली है। मॉडर्न बूलेट में तकनीक के साथ रफ्तार भी है। जिसके फायदे कम और नुकसान ज्यादा है। ऐसा ही एक मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के श्यामला हिल्स से सामने आया है। यहां तेज रफ्तार बूलेट ने मोपेड सवार दंपत्ति को टक्कर मार दी। बूलेट को लड़का चला रहा था जिसके पीछे एक युवती सवार थी। टक्कर लगने से मोपेड चला रहे एक व्यक्ति के प्राणपखेरु उड़ गए। जबकि उसकी पत्नी की हालत नाजुक है। जिस व्यक्ति की मौत हुई है वह नेपाल के पर्वत जिला का रहने वाला था।
नंबर का नहीं किया खुलासा
श्यामला हिल्स थाना पुलिस के अनुसार 08 फरवरी की शाम लगभग सात बजे स्मार्ट सिटी अस्पताल से डॉक्टर गौरव (Dr Gaurav) ने एक व्यक्ति के मौत होने की सूचना दी थी। उसको सड़क दुर्घटना के बाद इलाज के लिए लाया गया था। शव की पहचान टीकाराम थापा पिता देवेन्द्र थापा उम्र 51 साल के रुप में हुई। वह भोपाल में जवाहर चौक के नजदीक बारह दफ्तर शेड के पीछे झुग्गी बस्ती में रहता था। टीकाराम थापा (Tikaram Thapa) को गांधी भवन के नजदीक तेज रफ्तार बूलेट ने टक्कर मार दी थी। उसकी पत्नी सुनीता थापा (Sunita Thapa) भी दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी है। श्यामला हिल्स पुलिस ने मर्ग 03/22 कायम किया है। जिसके बाद 09 जनवरी को 35/22 धारा 279/337/304—ए (लापरवाही से वाहन चलाकर चोट पहुंचाने और मौत होने) का प्रकरण दर्ज कर लिया है। हालांकि इसमें आरोपी वाहन के नंबर का खुलासा नहीं किया है। जांच अधिकारी हवलदार हरीशंकर मिश्रा (HC Harishankar Mishra) कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर यह बात सामने आ जाएगी।
होटल जाता तो बच जाती जान
टीकाराम थापा के तीन बच्चे हैं। इसमें दो बेटा और एक बेटी है। एक बेटा नेपाल (Nepal News) के पर्वत जिला में रहता है। शव पीएम के बाद हमीदिया अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। दरअसल, उनका एक बेटा, मां, उनकी बहन नेपाल से भोपाल आ रहे हैं। ऐसा उनके पारिवारिक मित्रों ने द क्राइम इंफो से हुई बातचीत में बताया है। बातचीत में मानवीय पहलू जो कि चौका देने वाला है सामने आया है। टीकाराम थापा को मंगलवार होटल में बुलाया गया था। लेकिन, उन्हें कुछ दिन बाद नेपाल जाना था। जिसके लिए वे खरीददारी करने पुराने भोपाल (Bhopal News) जाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने होटल जाने से इंकार कर दिया। टीकाराम थापा के हाथों में चायनिज टेस्ट का जादू था। घटना से पहले वे पुराने शहर से लौटकर घर पहुंचे थे। उसके बाद दोबारा वे पॉलीटेक्निक के नजदीक खाने का सामान लेने चले गए थे। वहां से लौटते वक्त यह दिल दहलाने वाली घटना हो गई।
जहां टीकाराम रहते थे वहां की यह खासियत
टीकाराम थाना नेपाल के पर्वत जिला (Parvat Jilla) के रहने वाले थे। यह नेपाल का 77वां जिला है। यह जिला नेपाल का चौथा छोटा जिला भी है। उसके पहले तीन छोटे जिलों में काठमांडू, ललितपुर फिर भक्तपुर का नाम आता है। इस जिले से म्यागदी, कास्की, स्यांगजा और बाग्लुंग सटा है। इसी जिले के नजदीक पोखरा शहर है। यह शहर पर्यटन के लिहाज से काफी जाना जाता है। पर्वत जिले का कुस्मा बाजार प्रमुख व्यवसायिक केंद्र हैं। इस जिले के नामकरण को लेकर एक किवंदति हैं। यहां देवी पार्वती का जन्म हुआ ऐसी धारणा है। इस कारण यहां की गुप्तेश्वर गुफा में महाशिवरात्रि पर्व में पूरे नेपाल से सैंकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है। इसी दिन विदेशी सैलानियों का भी ज्यादा आना—जाना होता है।
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