CG Naxal Attack: घात लगाकर सुरक्षाबलों को उड़ाया, पांच जवान शहीद, दो दर्जन से अधिक जख्मी

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CG Naxal Attack: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आपात बैठक बुलाई, नौ एम्बुलेंस बीजापुर पहुंची

CG Naxal Attack
सांकेतिक चित्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ (CG Naxal Attack) के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी पर हमला किया। इस हमले के बाद सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच आमने—सामने की मुठभेड़ भी हुई। अब तक पांच जवानों के मौत की पुष्टि हुई है। वहीं एक महिला समेत तीन नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर आई है। घटना के बाद एमआई—17 हेलीकॉप्टर समेत करीब 9 एम्बुलेंस मौके पर भेजे गए हैं। मुठभेड़ (Bijapur Naxal Attack) में भारी नुकसान सुरक्षाबलों को उठाना पड़ा है। इसलिए राजधानी रायपुर में आपात बैठक बुलाई गई है।

दिल्ली तक पहुंची खबर

Bijapur Naxal Attack
फाइल फोटो

इस हमले के बाद दिल्ली में भी हलचल देखी गई। खबर है कि बीजापुर जो कि नक्सल प्रभावित जिला है उसमें तररेम इलाके में नक्सलियों का सामना सुरक्षाबलों से हुआ। इसमें कोबरा, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बल के लोग थे। हमले के बाद रायपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित बैठक में स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा (Ashok Juneja) और डीआईजी नक्सल समेत अन्य आला अधिकारियों ने बैठक बुलाई। पांच जवानों के शहीद होने की पुष्टि डीजीपी डीएम अवस्थी (DGP DM Awasthi) ने कर दी है। बाकी अन्य घायल जवानों को रेस्क्यू किया जा रहा है। फोर्स को बैकअप देने के लिए टुकड़ी भी रवाना कर दी गई है।

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सीएम कर रहे थे रोड शो

जब सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव प्रचार में थे। वे गुवाहाटी में कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में रैली में भाग ले रहे थे। हालांकि मुठभेड़ से पहले ही मुख्यमंत्री बघेल की रैली प्रस्तावित थी और वे इसके लिए प्रदेश से जा चुके थे। मुख्यमंत्री निवास से बताया गया है कि वे संपूर्ण घटनाक्रम पर फीडबैक ले भी रहे हैं।

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यह पहली बार नहीं

CG Naxal Attack
सांकेतिक फोटो

बीजापुर में घात लगाकर किए गए हमले का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई हमले नक्सली कर चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार 2015 में 1089 मुठभेड़ नक्सलियों के साथ हुई थी। इसमें 57 जवान शहीद हुए थे। वहीं 93 नागरिकों की भी मुठभेड़ के दौरान मौत हुई थी। इधर, 2016 में 1048 मुठभेड़ में 66 जवान शहीद हुए थे। जबकि 123 नागरिक मारे गए थे। मुठभेड़ की संख्या यहां थमी नहीं। अगले साल 2017 में 908 में यह आंकड़ा पहुंचा। इसमें 74 जवान जहां शहीद हुए वहीं 109 नागरिकों की मौत हुई थी। इसके अलावा 2018 में जरुर मुठभेड़ कम हुई थी। यह संख्या 122 थी। जबकि 25 जवान शहीद हुए थे। वहीं 12 नागरिकों की मौत हुई थी।

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