Journalist Attack Case : एडीजी को फोन लगाने पर मौके पर पहुंची एफआरवी, एफआईआर में भी देरी, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ समेत कई अन्य संगठनों ने की निंदा
भोपाल। पत्रकार धनंजय प्रताप सिंह पर हुड़दंगियों ने हमला (Journalist Attack Case) कर दिया। यह हुड़दंगी शराब के नशे में कॉलोनी के भीतर गदर मचा रहे थे। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) की है। इस पूरे मामले में थाना पुलिस की तरफ से सहयोग मिलने की बजाय उपेक्षित किया गया। मौके पर एफआरवी भी नहीं पहुंची। इसलिए पत्रकार ने एडीजी उपेन्द्र जैन (ADG Upendra Jain) को फोन लगाकर घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद एफआईआर दर्ज करने में पुलिस को डेढ़ घंटा लग गया। तमाम मशक्कत के बाद अयोध्या नगर थाना पुलिस ने साधारण मारपीट (Bhopal Journalist Beaten Case) का मुकदमा दर्ज किया।
पहले भी की थी शिकायत
घटना 04 जुलाई की रात 11 बजे अभिनव होम्स (Abhinav Homes) की है। यह इलाका अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में नव दुनिया में ब्यूरो हेड धनंजय प्रताप सिंह (Journalist Dhananjay Pratap Singh) रहते हैं। धनंजय प्रताप सिंह के मुताबिक कॉलोनी में रहने वाला मोहित सक्सेना (Mohit Saxena), अनमोल और चिराग (Chirag) अक्सर गदर मचाते थे। जिसको लेकर थाना पुलिस को कई बार शिकायत की गई थी। शनिवार रात भी यह लड़के गदर मचा रहे थे। जिसको रोकने गए धनंजय प्रताप सिंह पर आरोपियों मोहित सक्सेना, अनमोल (Anmol) और चिराग ने हमला कर दिया।
पुलिस पर फूटा पत्रकारों का गुस्सा
इस मामले में अयोध्या नगर थाना पुलिस ने गंभीर लापरवाही बरती। वह मौके पर नहीं पहुंची। डायल—100 से रिस्पांस नहीं मिला। जिसके बाद धनंजय प्रताप सिंह को आईजी भोपाल रेंज और एडीजी उपेन्द्र जैन को फोन लगाना पड़ा। एडीजी के आदेश पर डायल—100 मौके पर आई। यह हमला और पुलिस की संवेदनशीलता उस वक्त उजागर हुई जब शाम को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने बैठक करके चेताया था। बदमाशों में पुलिस का खौफ दिखे। लेकिेन, ऐसा न होने पर सोशल मीडिया में पुलिस के खिलाफ पत्रकारों ने जमकर आक्रोश जताया।
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शिवराज सरकार में आखिर कौन सुरक्षित
इस मामले में एक तरफ पत्रकारों के कई संगठनों ने विरोध जताते हुए घटना की निंदा की है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (EX CM Kamal Nath) ने भी ट्वीट किया है। कमल नाथ ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। शिवराज सरकार में आखिर कौन सुरक्षित है। कल ही राजधानी में शराबखोरों ने दो युवकों की निर्मम हत्या (Bhopal Double Murder) कर दी थी। फिर इसके बाद पत्रकार पर हमला। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ही कानून व्यवस्था की समीक्षा की थी। उसके बाद यह घटना खुद सवाल खड़े करती है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए वहीं धनंजय प्रताप सिंह को सुरक्षा दी जाए।
सीएम ने किया ट्वीट
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के ट्वीट के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया। वरिष्ठ पत्रकार धनंजय प्रताप सिंह के साथ कल रात हुई दुखद घटना की जानकारी प्राप्त हुई। अभी दिल्ली प्रवास पर हूं, धनंजय प्रताप से फोन पर चर्चा कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली है। एक सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं को जगह नहीं दी जा सकती है। सीएम ने दूसरे ट्वीट में बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
काउंटर मामले की तैयारी
शहर में चौकसी के नाम पर लंबे अरसे से पत्रकारों को टारगेट करके परेशान किया जा रहा है। मैदानी और सक्रिय पत्रकारों से कई थानों, संभागों के अफसरों का संवाद नहीं हैं। हालात यह है कि कई मीडिया रिपोर्ट पर पुलिस के अफसर संज्ञान ही नहीं लेते। पुलिस के अफसर अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए मीडिया रिपोर्ट को दबाते भी है। इसके लिए वे अपने कानूनी दांवपेंचों का इस्तेमाल करके परेशान करते हैं। कुछ ऐसा ही मामला अयोध्या नगर में हुई घटना से सामने आया है।
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एफआईआर आपके दरवाजे या
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narrottam Mishra) ने पिछले महीने एफआईआर आपके द्वार नाम से एक योजना शुरु की थी। इस योजना के तहत डायल—100 पर कॉल करने पर मौके पर पहुंचकर एफआईआर दर्ज करने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा मैदान में कितनी सार्थक यह शनिवार को उजागर हो गई। डायल—100 एडीजी के फोन पर पहुंची थी। यानि साफ है कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही है। इस मामले की खबर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी मिली है। लेकिन, वे मध्य प्रदेश मंत्रीमंडल के लिए पोर्ट फॉलियों तय करने के सिलसिले में दिल्ली गए हुए हैं।
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