MP Political news: लोग टूट जाते है एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में 

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MP Political News: सपा नेता का दावा एमपी में मुस्लिम को टारगेट कर रही सरकार, छतरपुर की घटना पर सरकार को दिखाया आईना, छतरपुर जिले में भारत बंद के दौरान हुए विवाद के बाद पुलिस ने उतारा गुस्सा, एफआईआर में कई गड़बड़ियां उजागर, सपा नेता ने जनता, पत्रकार और पुलिस से हुई बातचीत के बाद बताई कई खामियां

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सपा नेता यश भारतीय उस मकान पर पहुंचे जिसे निगम ने ढहाया था। चित्र सपा कार्यालय की तरफ से जारी।

भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्तारुढ़ सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने बड़ा हमला बोला है। सपा नेता का कहना है कि हमारी पार्टी भाईचारे की राजनीति करती है। लेकिन, बुलडोजर नीति पर हमारी सोच नहीं हैं। छतरपुर (MP Political News) में कई बस्ती इस वक्त सुनसान चल रही है। भय का वातावरण पुलिस और प्रशासन ने पैदा किया। मैदानी अधिकारियों ने अपनी नाकामी छुपाते हुए मुस्लिम समाज को टारगेट बना दिया। प्रदेश में हक मांगने पर एक विशेष वर्ग को बदनाम किया जा रहा है। ताकि भय के वातावरण में सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच सके।

पुलिस अफसरों और प्रशासन ने नाकामी छुपाई

बशीर बद्र की लिखी पंक्तियां ‘लोग टूट जाते है एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में’ बोलते हुए सपा नेता यश भारतीय ( Yash Bhartiya) ने बताया कि मैं जो भी जानकारियां दे रहा हूं वह मेरी व्यक्तिगत नहीं हैं। यह छतरपुर (Chhatarpur) में जाकर जनता, पुलिस, पत्रकारों और मौके पर मौजूद लोगों से हुई बातचीत के बाद सामने आया है। उन्होंने कहा कि घटना 21 अगस्त को हुई थी। इस दिन भारत बंद आयोजित किया गया था। इसके लिए छतरपुर पुलिस तैयार नहीं थी। इसी दिन मुस्लिम संगठनों की तरफ से छतरपुर कोतवाली के थाना प्रभारी अरविंद कुजूर (TI Arvind Kujur) से ज्ञापन देने के लिए समय मांगा था। इस कारण दोपहर लगभग ढ़ाई बजे प्रतिनिधि मंडल गया था। यह संगठन महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) में राम गिरी महाराज (Ram Giri Maharaj) के एक विवादित बयान को लेकर अपना ज्ञापन देने जा रहे थे। प्रतिनिधि मंडल इंतजार कर रहा था। निर्धारित समय पर अफसर मौके पर नहीं आए। इस कारण वहां मुस्लिम समाज के लोगों की संख्या बढ़ती चली गई। नासिक की घटना पर एफआईआर दर्ज नहीं करने पर असहमति जताई थी। लेकिन, थाना प्रभारी ने ऐसा नहीं किया। वापस लौटते वक्त अन्य वरिष्ठ अधिकारी जब पहुंचे तो उनसे चर्चा की जा रही थी। जनता से संवाद करते वक्त अधिकारियों के व्यवहार अच्छा नहीं था। जिस कारण वहां मुस्लिम समाज (Muslim Samaj)  के बुद्धिजीवियों को लेकर समाज के लोग उग्र हो गए। पुलिस और मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी भी स्थिति को नहीं संभाल सके। दोनों ही पक्षों के लोग जख्मी हुए। जिन्होंने हमला किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन, ऐसा माहौल बनाया गया कि जनता ने थाने में आक्रमण किया।

पत्थर थाने के पास मौजूद था जिसको गलत प्रचार किया गया

यश भारतीय ने बताया कि कोतवाली (Kotwali) थाने की सुरक्षा दीवार पिछले दिनों पेड़ गिरने के कारण गिर गई थी। उसको वापस बनाया गया था। उसके ही पत्थर उठाकर एक—दूसरे पर फेंके गए थे। इसको दीवार ढ़हाने से लेकर तमाम अन्य गंभीर आरोप लगाए गए। कहा गया कि मुस्लिम समाज हमले की तैयारी में आया हुआ था। शहजाद (Shahazad Ali) जिसका मकान गिराया गया। उसका छोटा भाई कांग्रेस का पार्षद भी है। दोनों के मकान गिराए गए। उसे कैचमेंट में बताकर यह कार्रवाई की गई। जबकि तालाब वहां से कई किलोमीटर दूर है। दोनों मकान में रखे वाहनों और बच्चे के सायकिल को तोड़ा गया। पुलिस ने प्रदेश की जनता (MP Political News) को बताया कि पत्थरबाजों पर बुलडोजर चलाया गया। यह समाज विशेष को खलनायक बनाने और लोगों के बीच उनके खिलाफ मतभेद करने और विभाजन करने का काम पुलिस और प्रशासन ने किया। उन्होंने एफआईआर की गई गलतियां गिनाते हुए बताया कि 21 अगस्त की रात सवा 11 बजे रोजनामचा में रिपोर्ट दर्ज हुई है। जबकि एफआईआर 22 अगस्त की रात को हुई। जबकि एफआईआर घटना दोपहर पौने तीन बजे से चार बजे तक बताया गया है। इससे साफ है कि दबाव में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पहला नाम जावेद अली (Javed Ali) का लिखा है। दूसरा नाम शहजाद अली का था। जावेद गरीब था उसका मकान नहीं गिराया। लेकिन शहजाद और उनके भाई के मकान को टारगेट किया गया। एफआईआर में 46 नामजद है। अधिकांश नाम मुस्लिम समाज के कॉमन नाम हैं। इस नाम के कई लोग मिल जाते हैं। यश भारतीय ने एफआईआर की गलती में बताया कि कॉमन नाम की आड़ लेकर परेशान किया जा रहा है। एफआईआर में नौ नंबर और दस नंबर के आरोपी एक ही है। युसूफ जरेला और युसूफ बाबा है। एफआईआर में 14 नंबर में आरोपी यूसुफ का भाई राजा, अब बहुत सारे युसूफ हैं बहुत सारे राजा हैं।

सरकार के लिए समाज विशेष के लिए काम कर रही एजेंसियां

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सपा नेता अधिकारियों से चर्चा करते हुए जिन्हें अपने चोट के निशान दिखाए गए। यह चित्र भी सपा कार्यालय से जारी।

एफआईआर में ऐसे नाम भी जोड़े गए जो दुनिया में भी नहीं आए। इसी तरह एफआईआर के 25 और 26 पर दर्ज नाम पूर्व सदस्य शहजाद हाजी का लड़का सोनू पूर्व सदस्य हाजी का लड़का मोनू। जबकि पूर्व सदर शहजाद का केवल एक बेटा है वह भी नाबालिग है। उसकी उम्र महज तेरह साल है। इसी तरह एफआईआर में 27 वें नंबर का आरोपी नाजिम चौधरी (Najim Chaudhry) जो कि छतरपुर जिले का एक प्रतिष्ठित परिवार है। इनके पिता वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर थे। उनके चाचा वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर है। वह स्वयं भी एक वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर है। इसके अलावा वे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता भी है। इनको बदनाम करने की नियत से गिरफ्तार किया गया है और प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे ही एफआईआर में 35 वे नंबर का आरोपी सलमान खान (Salman Khan) एक कार बाजार पर काम करता है। उसके वीडियो फुटेज हैं कि वह घटना वाले दिने पूरे समय अपनी नौकरी कार बाजार में कर रहा था। इसी तरह 37 वां आरोपी फैजान खान (Faizan Khan) जिसके पिता ने स्वयं 23 तारीख को पुलिस थाने में बेटे को लेकर गया और पुलिस को बताया कि मेरा बेटा विरोध प्रदर्शन में ज्ञापन देने आया था। लेकिन पत्थर बाजी नहीं की है। लेकिन बेटा घबराया है मुझे न्याय दें। पुलिस ने बेटे को थाने में बैठाया घर का खाना आने दिया। माता-पिता से मिलने दिया गया और अगले दिन घर वालों से आधार कार्ड मंगवाया। फिर मां-बाप को थाने से डांटकर भगा दिया। उसे न्यायालय में हाजिर करके जेल भेज दिया। उन्होंने बताय कि एक ऐसा भी शख्स है जिसकी उम्र 60 साल है वह बिजली का बिल भरने जा रहा था। जेब में 7 हजार से अधिक रुपए थे उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है। यश भारतीय ने कहा कि एमपी में मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है। जबकि इंटेलीजेंस में फैल होने पर जिम्मेदार एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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