MP Cop News: एक्सीलेंट इंवेस्टीगेशन के साथ रिलीफ केस को भी सॉल्व करने का फोकस करें अफसर, ट्राइबल कम्यूनिटी को लेकर आयोजित वेबिनार को डीजीपी ने किया संबोधित
भोपाल। सोशल जस्टिस पर काम करना हमारी संवैधानिक ड्यूटी है। वंचित वर्गों के अत्याचारों की रोकथाम प्रायरिटी पर होना चाहिए। यह विचार पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना (DGP Sudhir Saxena) ने व्यक्ति किए। वे सोमवार को आयोजित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय वेबिनार (MP Cop News) का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि संवेदनशील व्यवहार कर प्रभावी कार्यवाही करें ताकि आमजन के मन में विश्वास और आस्था निर्मित हो कि उसे न्याय अवश्य मिलेगा।
हॉट स्पॉट को चिन्हित करने का काम करें
डीजीपी ने कहा कि उत्कृष्ट विवेचना के साथ-साथ राहत प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण करें। इन वर्गों के लिये सरकार की बहुत सारी योजनाएं हैं। उनकी जानकारी रखें तथा इस वर्ग के लोगों तक पहुँचाएं ताकि अधिकाधिक लोग लाभांवित हो सकें। डीजीपी सक्सेना ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिये चिन्हित हॉट स्पॉट एरिया में जन चेतना शिविरों का आयोजन करें ताकि सामाजिक समरसता का माहौल निर्मित हो। हमारी सफलता तभी है जब हम इन हॉट स्पॉट को व्यापक जनचेतना तथा जन सहयोग से सामान्य क्षेत्रों में परिवर्तित कर सकें। उन्होंने कहा कि हॉट स्पॉट एरिया विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आसूचना संकलन पर विशेष ध्यान देकर अपराध घटित होने के पहले ही निरोधात्मक उपाय करें।
संवेदनशीलता के साथ छवि बनाने का प्रयास करें
विवेचना के दौरान स्पष्ट साक्ष्य संकलित करें तथा संबंधित कानून का स्पष्ट एवं अद्यतन ज्ञान रखें। डीजीपी सक्सेना ने कहा कि यह कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिये बहुत ही उपयोगी होगी। उन्होंने अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे अपनी व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाकर उत्कृष्ट कार्यवाही कर पुलिस (MP Cop News) की छवि में और सुधार लाएं। हम सभी पूरी संवेदशीलता, सजगता और समर्पण के साथ न्याय के लिए अच्छा कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला कमजोर वर्ग के प्रति आपकी संवेदनशीलता को बढ़ाकर आपको और अधिक क्षमतावान बनाने में सहायक होगी और आपका उत्कृष्ट कार्य पुलिस की छवि और अच्छी बनाएगा। उन्होंने कहा कि साक्षी संरक्षण योजना के तहत पहले प्रत्येक जिले से प्रति माह दो अपराध इस योजना के तहत चिन्हित किए जाते है। अब संख्या के आधार पर इस योजना में अपराधों का चयन किया जाएगा।
यह दिए गए सुझाव
हॉट स्पॉट क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करे तथा स्थानीय अधिकारियों से समन्व्यय व सतत् संपर्क कर इन क्षेत्रों में अपराधों को रोकने के लिए लगातार प्रयास करते रहें। अपराधों को रोकना ही हमारी सफलता है। इसके लिए शिविर और सेमिनार कराएं। इस वर्ग के पीडि़त व्यक्तियों को नियमानुसार राहत राशि जितना जल्दी हो सके प्रदान कराएं। राहत राशि से संबंधित कोई भी समस्या होने पर मुख्यालय स्तर को सूचित करें जिससे उसका शीघ्र ही निराकरण किया जा सकें। इस वर्ष अपराधों की दोषसिद्धि का प्रतिशत बढ़ा है। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ और अपेक्षा करता हूँ कि कानून और कानून की प्रक्रिया में जो संसोधन होता है उसका पालन करते हुए उससे सभी को अवगत कराते रहें। कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक अजाक नीरज चौरसिया (AIG Neeraj Chaurasiya) ने तथा आभार प्रदर्शन सहायक पुलिस महानिरीक्षक अजाक दीपाली जैन (AIG Deepali Jain) ने किया। इस वेबिनार का समापन 28 मार्च को दोपहर 01:00 बजे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश गुप्ता (ADG Rajesh Gupta) के मुख्य आतिथ्य में होगा।
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