कांग्रेस ने दी कोर्ट जाने की चुनौती, सीएस बदले, सिंधिया के खिलाफ जांच ईओडब्ल्यू ने गुपचुप तरीके से की बंद
भोपाल। (Madhya Pradesh Political Hindi News) कांग्रेस का चुनाव में जाने से पहले नारा था वक्त है बदलाव का। पंद्रह महीने पहले सरकार बनते ही वह तबादलों के रुप में दिखने लगा था। भारतीय जनता पार्टी (Madhya Pradesh Bhartiya Janta Party) सरकार के चहेतों को महकमों में मलाईदार कुर्सी से हटाया जाने लगा था। अब यह सत्ता का गणित बदल गया है। लेकिन, कांग्रेस की ही तरह भाजपा ने अपने चहेतों को कुर्सी पर बैठाने की कार्रवाई शुरु कर दी है। प्रशासनिक और राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी गई है। वहीं भाजपा नेता और राज्यसभा के लिए भाजपा से उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के (Jyotiraditya Scindia) खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी जांच को ईओडब्ल्यू (EOW) ने बंद कर दिया है।
जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (EX CM Kamal Nath) अल्पमत में आने से पहले मुख्य सचिव एसआर मोहंती (SR Mohanti) के सेवानिवृत्त के पहले एम.गोपाल रेड्डी (M.Gopal Reddy) को मुख्य सचिव बनाया था। रेड्डी 1985 बैच के आईएएस हैं। लेकिन, अब राजनीति के साथ सत्ता समीकरण बदल गया। शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही रेड्डी की जगह इकबाल सिंह बैस (Iqbal Singh Bais) को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बना दिया है। इससे पहले बैस राजस्व मंडल के अध्यक्ष थे। एक तरफ शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया तो दूसरा रिकॉर्ड भी प्रशासनिक में बन गया। रेड्डी केवल 9 दिन के सीएस रहे। उन्हें 16 मार्च को सीएस बनाया गया था। सिलसिला यहां पर नहीं थमा। सरकार ने रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव (Sabhajeet Yadav) को भी हटा दिया। इसी तरह राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता (Nidhi Nivedita) को भी सरकार ने हटाकर मंत्रालय में अटैच कर दिया है। उनकी जगह सरकार ने नीरज कुमार सिंह (Neeraj Kumar Singh) को कलेक्टर बनाया है। निधि निवेदिता उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब उन्होंने सीएए के समर्थन में आयोजित भाजपा की रैली में एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था।
राजनीतिक रंजिशों की भी फाइल बंद
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपनी कुर्सी जाने से पहले राजनीतिक नियुक्तियों के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों को लेकर भी भाजपा ने आपत्ति उठाई थी। अब शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इसमें महिला आयोग की अध्यक्ष बनाई गई शोभा ओझा (Shobha Ojha), मप्र राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में तैनात किए गए गजेंद्र सिंह, आनंद अहिरवार, नीना सिंह, जमुना मरावी, शशि राजपूत (Shashi Rajput), संगीता शर्मा, अमित शर्मा, कुंदन पंजाबी, आकाश शेखर समेत अन्य की नियुक्ति रद्द कर दी गई है। शोभा ओझा ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया की जांच भी बंद कर दी गई है। यह जांच के आदेश तब जारी हुए थे जब सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर 12 मार्च को भाजपा का दामन थामा था।
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