Cyber Cop Seminar: प्यार से पीठ थपथपाई फिर हकीकत बताई 

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Cyber Cop Seminar: केंद्र से आए अधिकारी डीजीपी से लेकर एसपी को समझाते हुए बोले 1930 में हर एक घंटे में सायबर फ्रॉड के 290 पीड़ित फोन लगाकर घटना की रिपोर्ट करते हैं, समस्या पहाड़ बने उससे निपटने के उपाय सीखो

Cyber Cop Seminar
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय भवन- फ़ाइल फोटो

भोपाल। नई दिल्ली से एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस मुख्यालय पहुंचा। इस दल का मकसद सायबर फ्रॉड (Cyber Cop Seminar) की चुनौतियों को समझाना था। यह कार्यक्रम एमपी पुलिस हेड क्वार्टर के हॉल में आयोजित किया गया। जिसमें डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना समेत कई अन्य आला अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान पहले अफसरों की तारीफों के पुल बांधे गए। फिर उन्हें मैदानी हकीकत बताई गई।

सीखो भी और निचले अमले तक सिखाओं भी

एमपी पुलिस मुख्यालय (MP PHQ) में “डीजीपी एमपी लेक्चर सीरीज” के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ राजेश कुमार (Rajesh Kumar) मुख्य आकर्षण के केंद्र में रहे। नवाचारों के जरिए सायबर फ्रॉड को रोकने की तकनीक बताई। राजेश कुमार ने एमपी पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां पूरे प्रदेश के पुलिस अधिकारी व्यापक स्तर पर समस्त अधिकारी हाइब्रिड मोड में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सायबर क्राइम बढ़ने की गति बहुत तेज है। भारत में घटित सायबर क्राइम मुख्यत: पूर्वी, दक्षिणी राज्यों और दिल्ली के आसपास के साथ ही भारत के बाहर दक्षिण एशियाई देशों से कारित किए जा रहे हैं। इसमें भारतीय मूल के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस सायबर क्राइम (Cyber Crime) की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त जताया। इसके बाद उन्होंने हकीकत बताई और कहा कि भारत सरकार के सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के माध्यम से नियंत्रण के लिए नए-नए समाधान खोज रही है। ताकि अनुसंधान में मदद मिल सके। अपराधों की रोकथाम में विभिन्न राज्यों का समन्वय और समवेत प्रयास हों, इसके लिए सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर विशेष रूप से क्रियाशील है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ ने कहा कि देशभर में प्रतिदिन सायबर क्राइम से संबंधित 7 हजार से अधिक शिकायतें आती हैं।

जल्दी निर्णय लेना बहुत जरुरी

उन्होंने बताया कि सायबर क्राइम में वर्ष 2021 से 2022 तक 113.7 प्रतिशत तथा वर्ष 2022 से 2023 तक 60.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सायबर क्राइम (Cyber Cop Seminar) पर नियंत्रण के लिए जनता भी सहयोग कर सकती है, इसके लिए www.cybercrime.gov.in पर जाकर लोग पब्लिक वॉलेंटियर के रूप में स्वयं को रजिस्टर कर सकते हैं । साथ ही पुलिसकर्मी www.cyberpolice.nic.in पर जाकर कार्य कर सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने सायबर क्राइम पर नियंत्रण के लिए संचालित किए जा रहे प्रतिबिंब पोर्टल, समन्वय प्लेटफॉर्म, जेएमआईएस, 1930 आदि के बारे में सभी पुलिस अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 1930 पर आने वाले 100 प्रतिशत कॉल उठाए जा रहे हैं। सायबर फ्रॉड के मामले में फरियादी शीघ्र सूचित कर भी दे लेकिन पुलिस एक्टिव नहीं हुई तो रोेकथाम के लिए बनाई इस योजना को सफलता नहीं मिलेगी। इसलिए पुलिस की तरफ से शीघ्र कार्रवाई किए जाने से शीघ्र मामले का निराकरण किया जा सकता है। पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति का संपादित अंश।

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