MP PHQ News: पुलिस मुख्यालय ने दो साल का क्राइम रिकॉर्ड जारी किया 

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MP PHQ News:  एमपी के सीएम डॉक्टर मोहन यादव के निर्देशों पर चलकर पुलिस मुख्यालय ने सात महीने में ही वह कर दिखाया जो पूर्ववर्ती गृहमंत्री नहीं कर सके, महिलाओं के विरूद्ध होने वाले गंभीर अपराध हुए कम, जानिए क्यों

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मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय भवन- फ़ाइल फोटो

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्यप्रदेश पुलिस ने अपराध नियंत्रण के संबंध में की जा रही कार्यवाहियों के सकारात्मक अनुकूल परिणाम सामने आने लगे हैं। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो यानि एससीआरबी ने यह दावा 2023 और 2024 के डेटा को सार्वजनिक करके किया गया है। हालांकि इसमें सजायाबी का प्रतिशत अभी सामने नहीं आया है। पीएचक्यू (MP PHQ News) का दावा है कि 2023 की तुलना में वर्ष 2024 के प्रथम सात माह की अवधि में न सिर्फ कुल IPC+BNS अपराधों में कमी आई है बल्कि विभिन्न प्रकार के गंभीर अपराध, महिलाओं के विरूद्ध अपराध, बच्चों के विरूद्ध अपराध, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध अपराधों में भी कमी आई है।

ताले चटकना हो गए कम जाने क्यों

पुलिस मुख्यालय (PHQ) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। इसके फलस्वरूप जहां एक ओर गैंग रेप के प्रकरणों में 19.01% की कमी आई है वहीं महिलाओं के विरूद्ध घटित क्रूरता तथा दहेज प्रताड़ना के अपराधों में 3.23% की कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के कारण ही छेड़छाड़ के अपराधों के प्रकरणों में 9.85% की कमी दृष्टिगत हुई है। इसी प्रकार महिलाओं के विरूद्ध कुल होने वाले अपराधों में 7.91% की कमी आई है। संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा में पाया गया कि लूट के अपराधों में 23.22% की कमी आई है, नकबजनी में 9.53% की कमी आई है। इसी प्रकार सामान्य चोरी में 6.51% की कमी परिलक्षित हुई है। पिछले 7 माह में कुल 182714 IPC+BNS अपराध घटित हुए। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 189178 अपराध घटित हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि विगत 7 माह में अपराधों में 3.53% की कमी आई है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि गंभीर अपराधों जैसे हत्या के प्रकरणों में 7.15%, डकैती में 51.56% से अधिक की कमी आई है।

महिला संबंधी गंभीर अपराधों में आई कमी

पिछले सात महीने में महिलाओं के विरूद्ध घटित गंभीर अपराधों में कमी आई। बलात्कार के प्रकरणों में 10.22% की कमी देखी गई। वहीं सामूहिक बलात्कार के प्रकरणों में 19.01% की कमी आई है। छेड़छाड़ प्रकरणों में 9.85% तो दहेज प्रताड़ना में 3.23% की कमी आई है। इसी प्रकार बच्चों (पॉक्सो एक्ट) के विरूद्ध घटित अपराधों में भी 14% की कमी आई है। यह परिणाम, मध्यप्रदेश पुलिस (MP PHQ News) की तरफ से महिलाओं एवं बच्चों की सहायता व सुरक्षा के लिए चलाये गये विभिन्न कार्यक्रम जैसे ऊर्जा महिला डेस्क, “आशा”, “मुस्कान”, “मैं हूँ अभिमन्यु”, जैसे अभियान के कारण परिलक्षित हुये हैं। यह हाल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित गंभीर अपराधों में पिछली अवधि की तुलना में 22.04% की कमी आई है। जो अपराध वर्ष- 2023 में (01 जनवरी से 31 जुलाई) 4033 थे वह वर्ष 2024 में घटकर 3144 हो गये है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति के हॉटस्पॉट में भी कमी आई है जो मध्यप्रदेश पुलिस की इन वर्गों के प्रति संवेदनशीलता एवं व्यवसायिक दक्षता से संभव हुआ है।

पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी डेटा को चार्ट की शक्ल में प्रस्तुत किया गया है 

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पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी आकड़े।

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