दफ्तर को छोड़कर सड़क में की गई खातिरदारी के महकमे में ऐसे चल रहे हैं किस्से
भोपाल। बात मध्य प्रदेश के एक ऐसे जिले की है जहां के एक नेता पहले पूर्व गृहमंत्री हुआ करते थे। उनके इलाके में एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष का दौरा कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक (Bhopal Crime News In Hindi) था। लेकिन, इस कार्यक्रम में रेंज के एक आईजी सड़क पर काफी देर तक अध्यक्ष का इंतजार करते रहे। जब वे आए तो उन्होंने खातिरदारी में कोई कसर नहीं रखी। अध्यक्ष अफसर के इस व्यवहार से संकोच (MP Police Gossip) कर रहे थे। उन्हें भय सता रहा था कि कही से ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया तो अधिकारी का कुछ नहीं उनका बहुत कुछ बिगड़ जाएगा।
टिक टॉक वाली टीआई
प्रदेश के एक जिले में महिला अफसर काम की बजाय टिक टॉक वाली टीआई (Tik Tok Wale TI Sahab) के रुप में ज्यादा पहचानी जाती है। उनकी कामयाबी के कोई किस्से कभी चर्चा में आए नहीं। आ भी नहीं सकते क्योंकि उनको ड्यूटी हमेशा सड़क पर ही करना पड़ती है। इस ड्यूटी के दौरान उनके कई वीडियो टिक टॉक पर बने और वह वायरल हुए। कुछ वीडियो में तो वह सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की एफआईआर तो किसी में वह अपना डंडा दिखाकर चर्चा बटोरती रही। उनकी इन्हीं हरकतों की वजह से अफसर थाने में भेजने से बचते हैं। भेजने की बात भी की जाती है तो थाने के प्रभारी नाम सुनकर उनसे किनारा कर लेते हैं।
विधायक ने टीआई का कराया तबादला
यह थाना प्रभारी काफी सुर्खियों में रहे हैं। यह थाना प्रभारी इंदौर (Indore Police News) से चलते—चलते राजधानी में दाखिल हुए। शहर में प्रवेश से पहले उन्होंने कई तरह के राजनीतिक गुणा—भाग जमाना शुरु कर दिए थे। इसका फायदा उन्हें अब मिलना शुरु हो गया है। दरअसल,एक विधायक अपने इलाके की टीआई की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे थे। इसलिए विधायक ने एक्सचेंज आफर किया और टीआई को अपने इलाके से उनको उसी थाने पहुंचा दिया जहां से वे आए थे। इस थाने की रोचक बात यह है कि नाम समान अच्छर मात्रा से शुरु होता है।
रेत का खेल
पिछले दिनों सरकार ने रेत खदानों को लेकर फैसला लिया। इस फैसले की वजह से पुरानी कंपनी को काम दिया जाने लगा। कंपनी ने काम शुरु करने से पहले अपनी बाधाएं बता दी। इन बाधाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उन अफसरों को जिले से हटाकर पीएचक्यू पहुंचा दिया गया। दरअसल, यह अफसर रेत का खेल बिगाड़ने में काफी माहिर थे। इस जुगाड़ वाली बात के बीच बिगाड़ कैसे रह सकता है। यह अफसर जब बात करते हैं तो लगता ही नहीं है कि वे पुलिस के अफसर है।
मंत्री का राजा प्रेम
सरकार के एक मंत्री का राजा प्रेम पीएचक्यू के गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजा के इलाके से जो भी उनके दरबार में आता है तो उसकी सुनवाई गंभीरता से की जाती है। पिछले दिनों राजा के ही इलाके से मंत्री के दरबार में एक मामले का आरोपी पहुंच गया। उसने बताया कि उसको झूठा फंसाया गया है। फिर क्या मंत्री महोदय ने बिना देर किए आवेदन पर टीप लिख दिया। लेकिन, किसी ने मंत्री को यह नहीं बताया कि जिस व्यक्ति ने आवेदन दिया है उस पर हत्या के आरोप लगे हैं।
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