Drug Racket Mafia: किरकिरी के बाद आरोपियों के घर भोपाल पुलिस की दबिश 

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Drug Racket Mafia: एमपी के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता के साथ तस्वीरों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा, कटारा हिल्स के इंडस्ट्रीयल एरिया में बनी 18 करोड़ की एमडी ड्रग्स मामले में सीएम और डीजीपी ने जताई नाराजगी

Drug Racket Mafia
सांकेतिक तस्वीर

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर के कटारा हिल्स में पकड़ाई एमडी ड्रग्स फैक्ट्री के मामले में भोपाल पुलिस की काफी किरकिरी हो गई। दरअसल, स्थानीय पुलिस और एजेंसी को बिना जानकारी दिए गुजरात और दिल्ली एटीएस (Drug Racket Mafia) ने कार्रवाई की थी। हालांकि जब इंटरनेट मीडिया में सरकार घिरती दिखी तो 06 अक्टूबर की शाम एमपी के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। दोनों प्रदेश के नेताओं ने कहा कि भोपाल पुलिस को पूरी कार्रवाई में शामिल किया गया था। इधर, रविवार को अपनी किरकिरी कराने के बाद सोमवार को भोपाल पुलिस सक्रिय हुई। उसने आरोपियों के ठिकाने पर जाकर घर की तलाशी ली।

बरामद ड्रग्स की कीमतों के फॉर्मूले को बांटकर कार्रवाई को हल्की बताने की कोशिश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) निवासी सान्याल बाने (Sanyal Bane) , भोपाल के कमला नगर थाना (Kamla Nagar) क्षेत्र स्थित द्वारिका पुरी (Dwarika Puri) निवासी अमित चतुर्वेदी (Amit Chaturvedi) और मंदसौर (Mandsaur) निवासी हरीश आंजना (Harish Anjna) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। इन नामों की पुष्टि मीडिया को गुजरात (Gujrat) के गृहमंत्री हर्ष संघवी (Gujrat Home Minister Harsh Sanghvi) ने की है। मीडिया ने उन्हीं के हवाले से रविवार को दिनभर चली कार्रवाई को लेकर बयान दिया गया। बताया गया है कि आरोपियों के कब्जे से पांच हजार किलो कच्चा माल बरामद किया गया है। इनकी मदद से मेफेड्रोन ड्रग्स बनाया जाता था। इसे बनाने में इस्तेमाल ग्राइंडर, उपकरण, मोटर, हीटर से लेकर अन्य सामाग्री जब्त की गई है। अभी इन्हें बनाने वाले कर्मचारियों और उनकी भूमिका के बारे में भी साफ नहीं हुआ है। इधर, दिनभर भोपाल पुलिस के अफसर मीडिया को यह साबित करने में लगे रहे कि बरामद ड्रग्स की कीमत मानक से ज्यादा दर्शाई गई है। उसे निकालने वाले फॉर्मूले की वेबसाइट व्हाट्स एप पर शेयर की जा रही थी। हालांकि उनके पास अभी भी आरोपियों से जुड़ी कोई जानकारी नहीं हैं। कार्रवाई का केंद्र बिंदु गुजरात हैं, जिसके अफसर आरोपियों को एक सप्ताह की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रहे हैं। गुजरात एटीएस की टीम आरोपियों के बैंक खातों और उनके पैडलर के लिंक तलाशने में जुटी है। जांच एजेंसियों को अभी कई बड़े पैडलर की तलाश है जो कई तरह की लेयर में बंटे हुए थे। उन लेयर का फॉर्मूला, कोर्ड वर्ड, कमाई का जरिया, बुकिंग और सप्लाई चैन का पता लगाने का काम किया जा रहा है।

भाजपा पार्टी के नेता फिर बैकफुट पर आए

आरोपी भोपाल शहर के कटारा हिल्स (Katara Hills ) स्थित बगरौदा इंडस्ट्रीयल एरिया (Bagrauda Industrial Area) में कारखाना चला रहे थे। यह कारखाना सबसे पहले फर्नीचर फैक्ट्री डालने के लिए जयदीप सिंह (Jaideep Singh) ने खरीदा था। फिर उसने दो साल बाद भेल (BHEL) के पूर्व अधिकारी एसके सिंह (S.K Singh) को बेच दिया था। पूर्व भेल कर्मचारी ने इस कारखाने को किराया पर चलाना शुरु कर दिया। जिसे छह महीने पहले अमित चतुर्वेदी (Amit Chaturvedi) ने लिया था। किराया 50 हजार रुपए प्रतिमाह तय किया गया था। मीडिया रिपोर्ट की माने तो कारखाने का चार साल पूर्व ही सर्वे किया गया था। उसके बाद उद्योग विभाग को अपनी जिम्मेदारी का अहसास ही नहीं हुआ। भोपाल पुलिस ने किरकिरी होने के बाद 06 अक्टूबर रात लगभग सवा दस बजे प्रकरण 203/24 दर्ज कर लिया। जिसमें आरोपी जमीन खरीदने वाले जयदीप सिंह और उससे खरीदने वाले भेल के पूर्व अफसर एसके सिंह को बनाया गया। पुलिस ने कहा कि इस संबंध में अगस्त, 2024 को पुलिस ​कमिश्नरेट कार्यालय से आदेश जारी था कि कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी उन्हें देना थी। ऐसा नहीं करने पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इधर, सोमवार सुबह से कांग्रेस, सपा और आप पार्टी ने भाजपा सरकार को घेरने का काम शुरु कर दिया। सपा नेता यश भारतीय ने मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता (MLA Sudhir Gupta) के साथ गिरफ्तार आरोपी हरीश आंजना की तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट की। इसके अलावा कांग्रेस (Congress) ने प्रदेश के वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा (MP Finance Minister Jagdish Devda) के साथ हरीश आंजना की तस्वीरें वायरल की। इन्हीं आरोपों के बीच आप पार्टी ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर पुतला फूंका।

एसीपी की टीम ने आरोपियों के घर पर जाकर दबिश दी

उल्लेखनीय है कि गुजरात और दिल्ली एटीएस (Gujrat -Delhi ATS) ने एमपी पुलिस को बिना जानकारी दिए पूरी कार्रवाई की थी। जिसके बाद इंटरनेट मीडिया (Drug Racket Mafia) में सरकार की काफी किरकिरी हो गई। ऐसा होने के बाद देर शाम अफसर सभी मीडिया से खुलकर बातचीत करने लगे। आलम यह था कि सोमवार दोपहर तक डीसीपी जोन—2 डॉक्टर संजय कुमार अग्रवाल (DCP Dr Sanjay Kumar Agrawal) एक सवाल का जवाब नहीं दे सके। आखिर गिरफ्तार आरोपी आपस में संपर्क में एक—दूसरे कैसे जुड़े। यह पूछने पर डीसीपी ने कहा कि हमारी विवेचना अभी जारी है। गिरफ्तार आरोपी अमित चतुर्वेदी के घर पर दबिश दी गई है। यह कार्रवाई आरोपियों को गुजरात ले जाने के बाद भोपाल पुलिस की तरफ से की जा रही है। जिसकी जानकारी मीडिया से साझा करके यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि वह पूरी कार्रवाई में सक्रिय रुप से शामिल थी। लेकिन, जब कार्रवाई से संबंधित सवाल पूछे गए तो इसे जांच का विषय बताकर अफसरों ने पल्ला झाड़ लिया। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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