MP Horse Trading : शिवराज सिंह भोपाल लौटे, दिग्विजय सिंह ने लिए इन बीजेपी नेताओं के नाम

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कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया ऑपरेशन लोटस के जरिए तख्तापलट की कोशिश, व्हिप जारी करने की तैयारी, सिंधिया ने कहा हम सब एक है

भोपाल एयरपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। MP Horse Trading, Operation Lotus  मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात हुई सियासी उठापटक ने मध्यप्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है। भोपाल से दिल्ली और बैंगलुरु तक सियासत जारी है। मध्यप्रदेश के 8 विधायक रातोंरात गायब हो गए है। कांग्रेस का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने 10 से 11 विधायकों को अगवा किया था। इनमें से ज्यादातर वापस आ गए है। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा नेताओं द्वारा एक निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के साथ 3 कांग्रेस विधायक एंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल साहू, हरदीप सिंह डंग को बेंगलुरु ले जाया गया है। पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हमलावर बने हुए है। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा नेताओं पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। उन्होंने साजिश रचने वाले पांच नेताओं के नाम भी लिए है। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रालय पहुंच गए है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने व्हिप जारी करने की तैयारी कर ली है। जिसके बाद पार्टी छोड़ने वाले विधायक की सदस्यता खत्म हो जाएगी। सरकार फ्लोर टेस्ट की भी तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल लौट आए है। करीब 11.30 बजे वो चार्टर्ड प्लेन से भोपाल पहुंचे।

सिंधिया का बयान

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान सामने आ गया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भाजपा पर विधायक खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खरीद-फरोख्त भाजपा की परंपरा है। लेकिन वे कभी सफल नहीं होंगे। हम सभी एक साथ है, मध्यप्रदेश की सरकार को कोई खतरा नहीं है।

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भोपाल पहुंचते ही शिवराज ने कि वे किसी तख्तापलट की साजिश में शामिल नहीं है और न ही भाजपा ऐसा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मामला कांग्रेस के घर का है और आरोप हम पर लगाया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली जाने के सवाल पर कहा कि वे तो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, लिहाजा दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। शिवराज सिंह ने कहा कि मामला राज्यसभा सीट से जुड़ा हुआ है, इसलिए ये सब हो रहा है।

कांग्रेस विधायक ने कहा कि शिवराज ने फोन लगाया था

उज्जैन की तराना सीट से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने सीधे तौर पर शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें शिवराज सिंह चौहान ने फोन करके पाला बदलने पर 35 करोड़ रुपए और मंत्री पद देने का ऑफर दिया था। परमार का दावा है कि 2 मार्च को उन्हें फोन किया गया था। उन्होंने ये भी कहा कि वे इस बात पर भगवान महाकाल की कसम खा सकते है। शिवराज भी कसम खाकर कहे कि उन्होंने मुझे फोन नहीं लगाया था क्या। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह की वजह से ये सब हो रहा है। इस साजिश के पीछे बीजेपी नहीं है। अगर बीजेपी को सरकार बनानी होती तो पहले ही बना लेते।

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दिग्विजय सिंह ने लिए नाम

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खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाले दिग्विजय सिंह ने पूरी साजिश के पीछे भाजपा के नेताओं के होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, संजय पाठक, अरविंद भदौरिया और विश्वास सारंग इस षड़यंत्र के पीछे है। उन्होंने ये भी कहा कि चार विधायकों को बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ले जाया गया है। मंत्री जीतू पटवारी ने भी पूरे मामले में शिवराज सिंह चौहान का साजिशकर्ता बताया है।

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मंत्री आए सामने

वहीं भोपाल में सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर हमला बोला। सज्जन सिंह ने दावा किया कि भाजपा के 5 विधायक उनके संपर्क में है। वहीं गोविंद सिंह ने कहा कि कभी भी भाजपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस की ये नीति नहीं है कि दूसरी पार्टी के विधायकों को शामिल करें। कांग्रेस के तमाम नेता कह रहे है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है।

कथित तौर पर नरोत्तम मिश्रा का स्टिंग

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