MP Horse Trading : 4 विधायक अब भी लापता, सरकार पर सस्पेंस बरकरार

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दो मंत्रियों से सीएम ने मांगी सफाई, एक मंत्री के इस्तीफे की मांग

कमलनाथ, मुख्यमंत्री, फाइल फोटो

भोपाल। MP Horse Trading, Operation Lotus मध्यप्रदेश में मंगलवार से शुरु हुआ सियासी खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ 10 विधायकों को अगवा किए जाने का दावा अफवाह साबित होता जा रहा है। दूसरी तरफ तीन कांग्रेस के और 1 निर्दलीय विधायक अब भी लापता है। चारों के बेंगलुरु में होने की खबर हैं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इनमें से दो विधायक उनके संपर्क में है। बुधवार शाम मंत्री जीतू पटवारी ने कहा था कि गुरुवार शाम तक चारों विधायक लौट आएंगे। लेकिन घर वापसी तो दूर उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ हार्स ट्रेडिंग के आरोपों को सिरे से नकारती भारतीय जनता पार्टी के ही नेता 15-20 कांग्रेस विधायकों के संपर्क में होने का दावा भी कर रहे है। यानि संकट अभी टला नहीं है, कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार पर सस्पेंस बरकरार है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक इस्तीफा वायरल हो रहा है। कथित तौर पर कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है।

कांग्रेस के दो विधायक टूटने की आशंका

लापता हुए विधायकों में दो विधायकों को लेकर अब सरकार भी चिंतित नजर आने लगी है। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज सिंह कंसाना ने मुश्किलें बढ़ा ही। सियासी जानकार दोनों विधायकों के पाला बदलने की आशंका जता रहे है। बता दें कि हरदीप सिंह डंग लंबे समय से मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे। दोनों विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। खबर है कि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में है। वहीं कांग्रेस के सीनियर विधायक बिसाहूलाल सिंह के दिग्विजय सिंह से संपर्क में होने की बात कही जा रही है।

सीएम ने मांगा दो मंत्रियों से स्पष्टिकरण

हार्स ट्रेडिंग हो या सियासी ड्रामा, कांग्रेस की फूट उजागर न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। बुधवार को चल रही सियासी उठापटक के बीच वन मंत्री उमंग सिंघार का एक ट्वीट सामने आया था। जिसमें उन्होंने इस घटनाक्रम को राज्यसभा सीट पाने के लिए रचा गया नाटक बताया था। जानकारों के मुताबिक उमंग का निशाना दिग्विजय सिंह पर था। हालांकि बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा हार्स ट्रेडिंग कर रही है, तो हम भी शह-मात का खेल खेलेंगे। वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक और खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा था कि सरकार किसी की भी बने उसकी राहें खुली है। इन दोनों मामलों में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से स्पष्टिकरण मांगा है।

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बसपा-सपा ने की इस्तीफे की मांग

दोनों तरफ राहे खुली होने की बात कहने वाले खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के इस्तीफे की मांग उठी है। बसपा विधायक संजीव कुशवाह और सपा विधायक राजेश शुक्ला ने मंत्री का इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि निर्दलीय विधायक से मंत्री बने प्रदीप जायसवाल अब भी सरकार को धोखा देने की बात कह रहे है, ऐसे मंत्री को पद से हटा देना चाहिए।

संजय पाठक के लिए दरवाजा बंद

इस पूरे घटनाक्रम के बीच बुधवार देर शाम भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक की सीहोरा में स्थित आयरन की खदानें सील कर दी गई है। गुरुवार को संजय पाठक ने कहा कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं हुए इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया, नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पाठक के लिए कांग्रेस का दरवाजा पूरी तरह बंद है। वो कई बार कांग्रेस में शामिल होने की कोशिश कर चुके है।

कौन सच्चा-कौन झूठा

इस पूरे सियासी ड्रामे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि सच कौन बोल रहा है। कांग्रेस के तमाम नेता जिन विधायकों को अगवा किए जाने की बात कह रहे थे। उन्हीं विधायकों ने बंधक बनाए जाने की बात को झूठा साबित कर दिया। वापस लौटे विधायक संजीव कुशवाह, एंदल सिंह कंसाना, राजेश शुक्ला, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और रामबाई का कहना है कि उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया था। जबकि मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह ने रामबाई को तो होटल से छुड़ाने का दावा किया था और वीडियो भी सामने आया था। वहीं वित्त मंत्री तरुण भनोत एंदल सिंह कंसाना, संजीव कुशवाह और रणवीर जाटव को प्लेन में बैठाकर लाए थे। इसके बावजूद गुरुवार को विधायकों ने दावा किया कि उन्हें न तो बंधक बनाया गया और न ही किसी मंत्री ने उन्हें कथित अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि झूठ कौन बोल रहा है ? विधायक या मंत्री।

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एक्शन में सरकार

बुधवार देर शाम पूर्व मंत्री संजय पाठक की खदानें सील करने के बाद गुरुवार को पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ अतिक्रमण का नोटिस जारी कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद साफ है कि जिन भाजपा नेताओं के नाम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिए है, उनके खिलाफ सरकार एक्शन मोड में आ गई है। जल्द ही व्यापम और ई-टेंडरिंग घोटाले की फाईलें भी खुल सकती है। इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार सुबह 10 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते है।

डंग के इस्तीफे की खबर

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक इस्तीफा सामने आया है। कथित तौर पर ये इस्तीफा कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग का बताया जा रहा है। इस्तीफे में मंत्री न बनाए जाने और उपेक्षा किए जाने की बात कही गई है। मंदसौर के सुवासरा से विधायक हरदीप सिंह डंग के लेटरपेड पर लिखे गए कथित इस्तीफे में ये भी कहा गया कि वे मंत्रियों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गए, लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं मिल पाया। ये भी लिखा गया कि वे कांग्रेस में प्रचलित किसी भी गुट में नहीं है, इसलिए उपेक्षित है। डंग का ये इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के नाम लिखा गया है। द क्राइम इन्फो डॉट कॉम इस इस्तीफे के सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करता है।

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