MP Honey Trap Case: श्वेता एंड कंपनी ने बैंगलुरू की निजी कंपनी को सायबर हैंकिंग के लिए किया था हायर

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नेताओं, अफसरों के फोन कराती थी टैप, एसएमएस पर भी होती थी हनी ब्लैकमैलर्स गैंग की नजर

MP Honey Trap Case
श्वेता जैन

भोपाल। मध्यप्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप केस (MP Honey Trap Case) काफी बड़ा है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि श्वेता जैन एंड कंपनी ने इस काम के लिए बकायदा बैंगलुरू की एक सायबर से जुड़ी निजी कंपनी को हायर कर रखा था। इस कंपनी की मदद से श्वेता जैन एंड कंपनी प्रदेश के नेताओं और अफसरों पर निगरानी भी रखती थी।

इस बात का खुलासा पुलिस पूछताछ में हुआ है। इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज ब्लैकमेलिंग मामले में श्वेता जैन एंड कंपनी से हुई पूछताछ में तथ्य निकलकर बाहर आने लगे हैं। बैंगलुरू की निजी कंपनी का मालिक संतोष नाम का एक व्यक्ति बताया जा रहा है। वह श्वेता के कहने पर नेताओं के फोन कॉल डिटेल निकालने और एसएमएस को पढ़ने का काम करता था। मामले की जांच कर रही एसआईटी संतोष नाम के व्यक्ति से भी पूछताछ कर सकती है। संतोष की कंपनी सायबर सिक्योरिटी, सायबर फोरेंसिक जांच में काम करती है। फिलहाल श्वेता इस कंपनी के मालिक से कैसे जुड़ी यह पता नहीं चल सका है। लेकिन, यह साफ हो गया है कि हनी ट्रैप रैकेट (MP Honey Trap Case) के बहुत सारे राज को संतोष ने सिक्योर कर रखा है। संतोष भूमिगत हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन से इस गिरोह ने तीन करोड़ रुपए मांगे थे। जिसके बाद पलासिया थाने में 17 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता जैन, आरती दयाल, मोनिका यादव बरखा भटनागर और ओम प्रकाश कोरी को गिरफ्तार किया गया था। राजनीति और ब्यूरोक्रेसी के कई बड़े अफसरों और नेताओं से जुड़े इस मामले (MP Honey Trap Case) की जांच एडीजी संजीव शमी की निगरानी में की जा रही है। जांच से पहले मामला निगरानी में देने को लेकर भी विवादों में हैं। इस मामले में सबसे पहले मोड़ उस वक्त आया था जब परदेशीपुरा टीआई अजी​त सिंह बैस को हटाकर शशिकांत चौरसिया को जिम्मेदारी दी गई।
आईपीएस एसोसिएशन ने चुप्पी साधी
दूसरी तरफ जांच को सायबर सेल के स्पेशल डीजी पुरूषोत्तम शर्मा पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह मामला बेहद संगीन है जिसमें एक ट्रैंड यूनिट को जांच देनी थी। पहले जांच (MP Honey Trap Case) आईजी सीआईडी डी श्रीनिवास वर्मा को दी गई। उन्हें 24 घंटे के भीतर हटाकर संजीव शमी को कंमाड दी गई। उन्हें जांच मिलने के बाद परदेशीपुरा सीएसपी को हटाने की कार्रवाई भी की गई। परदेशीपुरा के सीएसपी जयंत राठौर बनाए गए हैं।
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