आयकर इंटेलीजेंस यूनिट भी हुआ सक्रिय, कर चोरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में आयकर विभाग
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)का बहुचर्चित हनी ट्रैप केस (MP Honey Trap Case) कई लोगों के लिए गले की हड्डी बन गया है। खासतौर पर वे जो इस गिरोह (Blackmailing Racket)के शिकार हुए। इन लोगों ने भारी भरकम रकम अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए दी थी। यह रकम हवाला कारोबारियों (Hawala Traders) की मदद से दी थी। इसके चलते हवाला कारोबारी भी अपनी दुकानें समेटकर भाग गए हैं। इस कारण दशहरा और दीपावली के बाजार में असर दिखना लाजिमी हैं।
दशहरा और दीपावली पर बाजार गुलजार होता है। आधा माल बिल पर तो आधा माल दो नंबर के रास्ते लाया जाता है। इस कारोबार में हवाला कारोबारी (Hawala Traders) बहुत बड़ा रोल अदा करते हैं। लेकिन, यह कारोबारी पिछले एक महीने से गायब हैं। दरअसल, यह वह लोग है जो हनी ट्रैप रैकेट (MP Honey Trap Case) से जुड़े थे। इन्हीं लोगों की मदद से हनी ट्रैप रैकेट को भुगतान भी किया गया। इस बात का जिक्र श्वेता जैन के लैटर में भी मिला है। उसने लिखा है कि हवाला के जरिए उसे भोपाल में एक करोड़ रुपए मिले थे। मतलब साफ है कि वह हवाला कारोबारियों (Hawala Traders) के नेटवर्क को भी पहचानती थी। यही वजह उनके लिए भी गले की हड्डी बन गया है। शहर से गायब रहने की वजह से कई कारोबारी दो नंबर में माल भोपाल में उतार नहीं सके।
इधर, आयकर विभाग (Income Tax Department) के सूत्रों से मिली खबर है कि वह ऐसे लोगों की सूची बना रही है जिन्होंने हनी ट्रैप रैकेट (MP Honey Trap Case) को भुगतान किया। इसके लिए वह स्टेट लेवल इंटेलीजेंस यूनिट से संवाद बनाए हुए हैं। मतलब साफ है कि आयकर विभाग आने वाले वक्त में उन रसूखदारों पर लगाम कसेगा जिन्होंने मोटी रकम भुगतान की है। आयकर उन लोगों से उस राशि का जरिया मांग सकता है जो उन्होंने हवाला कारोबारियों के जरिए हनी ट्रैप रैकेट तक पहुंचाई।