वह अड्डे जहां रहती थी दिनभर जमघट वह बने अब मरघट
भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप केस (MP Honey Trap Case) का असर मैदान में दिखने लगा है। ऐसा नहीं हैं यह हाल केवल भोपाल का है। इसका असर हर जिले में दिखाई देने लगा है। कॉल गर्ल के अड्डे (Bhopal Sex Racket) चलाने वाले दलाल या तो भूमिगत हो गए हैं या फिर शहर छोड़कर चले गए हैं। जानिए क्या है वजह और क्यों ऐसा हुआ।
राजधानी में भोपाल में देह व्यापार (Bhopal Sex Racket) के कई अड्डे चलते हैं। यह अड्डे लगभग हर जगह है। लेकिन, कुछ अड्डे ऐसे हैं जो राजनीतिक संरक्षण से चल रहे थे। यह अड्डे भोपाल में अशोका गार्डन, मिसरोद, अयोध्या नगर समेत कई अन्य जगहों पर चल रहे थे। लेकिन, एमपी के हनी ट्रैप केस (MP Honey Trap Case) के बाद यहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। इसे चलाने वाले दलाल (Broker) शहर छोड़कर जा चुके हैं। इसके अलावा कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां चौबीस घंटों ग्राहकों को तलाशती हुई नजर मिल जाती हैं। वहां भी अब सन्नाटे हैं। यह इलाके शिवाजी नगर, अरेरा कॉलोनी, बस स्टेंड समेत कई अन्य हैं। यहां लगी बैंचो में बहुत दिनों से कोई नहीं बैठ रहा।
ताबड़तोड़ कार्रवाई
भोपाल में पकड़ाए हनी ट्रैप (MP Honey Trap Case) के बाद मीडिया की सुर्खियों में यह केस अभी भी बना हुआ है। इसे देखते हुए इंदौर, रायसेन और भोपाल में ही दो गिरोहों का पुलिस खुलासा कर चुकी है। यह सिलसिलेवार कार्रवाई देखकर देह व्यापार के अड्डे चलाने वाले माफिया भूमिगत हो गए हैं।
क्या है मामला
इंदौर के सिटी इंजीनियर हरभजन हनी ट्रैप रैकेट (Madhya Pradesh Honey Trap Case) का शिकार हुए थे। उन्होंने पलासिया थाने में ब्लैकमेलिंग की एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन, आरती यादव, मोनिका यादव और बरखा भटनागर के अलावा ओमप्रकाश कोरी को गिरफ्तार किया गया था। यह रैकेट प्रदेश के राजनेताओं और अफसरों को हुस्न के जाल में फंसाकर मोटी रकम वसूल चुका था।