पुलिस को चकमा देने की तीसरी तकनीक भी नहीं आई काम, आरोपी को पुलिस ने दबोचा
ग्वालियर। भारत में जेन्डर को लेकर अलग-अलग नियम हैं। इसमें पुरूष और महिला को लेकर अधिकार साफ हैं। लेकिन, किन्नर को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं हैं। इसलिए किन्नरों पर हर कोई सीधे कार्रवाई करने से पुलिस के अफसर और जवान बचते हैं। बस इसी बात का फायदा उठाकर एक बदमाश उसके सामने से ताली बजाकर निकल जाता था और पुलिस कुछ नहीं कर पाती थी।
जानकारी के अनुसार यह मामला ग्वालियर जिले के कोतवाली थाना इलाके का है। यहां कई दुकानों पर वारदात हुई थी। जिसमें एक बात सामान्य सी आई थी कि दुकान में किन्नर आया था। वह अपने साथ एक व्यक्ति को लेकर आया था। जिसके बाद उसने ग्राहकों को सामान दे दिया। पुलिस उस ग्राहक तक पहुंची तो उसने बताया कि वह तो किन्नर के कहने पर ३२ इंच की टीवी लेने दुकान गया था। टीवी की मूल रकम में से ८ हजार रुपए का वह भुगतान कर चुका था। यह पता चलने के बाद पुलिस ने साहस किया लेकिन किन्नरों की ताली सुनकर पुलिस को कई जगह से खाली हाथ लौटना पड़ा।
ऐसे आया पकड़
कोतवाली थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव ने बताया कि मामले में तफ्तीश की गई तो एक अन्य मामले का पता चला। यह मामला पड़ाव थाने में मई, २०१८ में दर्ज किया गया था। इसमें भी हुलिया किन्नर का आया था। पुलिस ने बारीकी से पड़ताल की तो वह किन्नर पुराना शातिर बदमाश निकला। उसका परिवार ललितपुर कॉलोनी कंपू इलाके में रहता था। लेकिन, वह घर से गायब रहता था। पुलिस को जिसकी तलाश थी उसका नाम २३ वर्षीय विकास था। उसे जब पुलिस ने दूसरी पकड़ा तो वह अन्नू नाम की महिला बनकर पकड़ाया। अब पुलिस ने मंगलवार को दबोचा तो वह किन्नर बनकर पकड़ाया।
लोगों ने बताया
अन्नू के साथ पुलिस ने उसके दो साथियों महेश पुत्र किशोरी लाल वंशकार उम्र २८ साल गिरवाई और नीरज जाटव पिता गेंदालाल उम्र २२ साल निवासी माधोगंज को हिरासत में लिया गया था। अन्नू ने पूछताछ में बताया कि वह हुलिया बदलकर वारदात इसलिए कर रहा था ताकि पकड़ में न आ सके। उसे हिजड़ा बनने की सलाह जेल में ही मिली थी। वह कुछ महीने पहले ही जेल से रिहा हुआ है। उसे बताया गया था कि किन्नर बनने से पुलिस सीधी गिरफ्तारी या पकडऩे से बचती है। इसलिए अक्सर वह वारदात करने के लिए हिजड़ा बनकर निकलता था। उसके कब्जे से पुलिस को एक तलवार भी मिली है।