Fisheries Company Scam Part-3: पत्रकारों और पुलिस के अफसरों को पूरे नेटवर्क की जानकारी

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Fisheries Company Scam Part-3: मध्य प्रदेश में कई जगह फैले सबूतों को मिटाने में जुटी फिश फॉरच्यून कंपनी

Fisheries Company Scam Part-3
भोपाल में मानसरोवर स्थित देवेन्द्र जायसवाल की कंपनी जो पहले खुद नौकरी करते थे

भोपाल। मध्य प्रदेश के सैंकड़ों किसानों को दुगुनी आय दिलाने का लालच देकर ठगी करने वाली कंपनियों (Fisheries Company Scam Part-3) के किस्से पत्रकारों और पुलिस के पता है। लेकिन, अब तक कहीं भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जबकि इन घोटालों को लेकर कई जिलों से मीडिया रिपोर्टिंग की गई है। उस रिपोर्टिंग के कुछ किस्से प्रकाशित होने के बाद कई जगह वह बाद में स्वरुप बदलते रहे। ऐसा ही मामला राजधानी भोपाल में भी हुआ था। जिसमें एक कथित पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।

तह में जाकर नहीं की गई तफ्तीश

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फिश फॉरच्यून कंपनी के सीएमडी बृजेन्द्र कश्यप (Brijendra Kashyap) इन दिनों किसानों के संपर्क में हैं। वे शिकायत करने वाले किसानों को लालच देकर मना भी रहे हैं। यही काम कंपनी के सीईओ विनय शर्मा (Vinay Sharma) भी कर रहे है। दोनों पिछले महीने मध्य प्रदेश में आ चुके हैं। उन्होंने भोपाल के एक होटल में मीटिंग भी की थी। इसी बीच एडीसी कंपनी जो हूबहू फिश फॉरच्यून कंपनी की तर्ज पर काम कर रही थी उसका मामला थाने पहुंच गया। यह कंपनी देवेन्द्र जायसवाल (Devendra Jaisawal) की बताई जाती है। बताया यह भी जा रहा है कि वे कभी फिश फॉरच्यून के लिए ही काम करते थे। देवेन्द्र जायसवाल की कंपनी से जुड़े दो केस एमपी नगर थाने में भी दर्ज हुए थे।

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रसूख के आगे बौनी हुई पुलिस

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एमपी नगर थाना— फाइल फोटो

एमपी नगर थाना पुलिस ने 19 मई को मानसरोवर स्थित एडीसी दफ्तर में घुसकर मारपीट करने का केस दर्ज किया था। यह एफआईआर अर्चना जायसवाल (Archana Jaisawal) की शिकायत पर दर्ज की गई थी। वह देवेन्द्र जायसवाल की पत्नी भी है। इस मामले में चार आरोपी माता मंदिर निवासी राहुल पाल (Rahul Pal), साउथ टीटी नगर निवासी अभय पाल (Abhay Pal), पिपलानी निवासी रवि शर्मा (Ravi Sharma) और कमला नगर निवासी वरुण शर्मा (Varun Sharma) थे। चारों आरोपी कार से मानसरोवर पहुंचे थे। उसी वक्त यह बात सामने आ गई थी कि कुछ मामले में गड़बड़ है। इस प्रकरण की जांच एमपी नगर थाने के बृजेन्द्र मिश्रा (Brijendra Mishra) कर रहे थे। जब उनसे द क्राइम इंफो ने संपर्क किया था वह कोई सटीक जवाब और हमले की वजह नहीं बता सके।

दो दिन बाद दूसरा केस

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

एमपी नगर थाना पुलिस ने जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनमें से एक कथित पत्रकार बनकर देवेन्द्र जायसवाल की कंपनी में पहुंचा था। देवेन्द्र जायसवाल शहर में शराब कारोबारी भी है। इसलिए उन्हें पुलिस के नेटवर्क की जानकारी पहले से ही है। इसी कंपनी के मामले में एमपी नगर थाने मेें 21 मई की शाम को मारपीट के काउंटर केस दर्ज हुए। जिसमें लालघाटी निवासी रत्ना सिंह (Ratna Singh) ने देवेन्द्र जायसवाल और उनके चार साथियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया। शिकायत में बताया गया था कि कमीशन का विवाद था। यह कमीशन मछली पालन के लिए फंसाए गए ग्राहकों से ही जुड़ा था। जिसको पुलिस ने पचा लिया। पुलिस ने देवेन्द्र जायवाल की शिकायत पर समीर (Samir) और मुकेश (Mukesh) को आरोपी बनाया। आरोप ज्यादा कमीशन मांगने का लगाया गया।

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करने लगे पीड़ित संपर्क

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

द क्राइम इंफो इस घोटाले को लेकर काफी दिनों से तह में जाकर तहकीकात कर रहा था। हमारी तरफ से हरियाणा के गुरुग्राम स्थित फिश फॉरच्यून से शुरु हुई कहानी पहली कड़ी में बताई गई थी। उसके बाद दूसरी कड़ी में इसी कंपनी से नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी बनाकर उसी पैटर्न पर काम करने वाली कंपनियों के बारे में बताया था। जिसके बाद द क्राइम इंफो से कई लोगों ने संपर्क किया। हमें कुछ जानकारी भी मुहैया कराई गई है। जिसके संबंध में हमारी तरफ से पड़ताल जारी है। इसी खुलासे की चौथी कड़ी में शुक्रवार सुबह सात बजे पढ़िए कंपनी के बनाए गए एग्रीमेंट की सच्चाई। पहली कड़ी से शुरु हुए तार लगभग अभी भी उलझे हुए है। 

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