MP Corona News: कमल नाथ का इस्तीफा पत्रकारों के लिए बना मुसीबत

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प्रशासन ने आदेश दिया जो भी उस दिन वहां मौजूद था वह अपने आपको दो सप्ताह घर में कैद कर ले

मुख्य मंत्री कमलनाथ की पत्रकार वार्ता में शामिल पत्रकार

भोपाल। मध्य प्रदेश में चला राजनीतिक ड्रामा आप सभी जानते हैं। आखिरी वक्त तक पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने हार नहीं मानी थी। भारतीय जनता पार्टी ने कमल नाथ सरकार को अल्पमत की बताकर 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। लेकिन, कांग्रेस पार्टी राजी नहीं हुई। जिसके बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट चली गई। वहां से 19 मार्च को फैसला फ्लोर टेस्ट का आया। यह टेस्ट 20 मार्च को होना था। इसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के संबंध में जानकारी देने के लिए सीएम हाउस में पत्रकारों को बुलाया थाा। अब चार दिन बाद उस पत्रकार वार्ता में पहुंचे पत्रकारों में दहशत हैं। यह दहशत उस महामारी वाली बीमारी को लेकर है जिसको कोविड—19 कहा जाता है। कोरोना वायरस से फैलने वाले इस रोग की चपेट में एक पत्रकार पाया गया है। जिसकी रिपोर्ट बुधवार को प्रशासन ने सार्वजनिक कर दी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि पिछले दिनों लंदन की एक छात्रा जो प्रोफेसर कॉलोनी में रहती है उसमें कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। वह लंदन में वकालत की डिग्री हासिल कर रही है। वह 17 मार्च को दिल्ली विमानतल से उतरने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस से भोपाल आई थी। उसके बाद परिवार के सारे सदस्यों की मेडिकल जांच हुई थी। उससे मुलाकात करने वाले 10 लोगों में से कोरोना नैगेटिव आया था। लेकिन, पिता केके सक्सेना कोरोना से ग्रसित पाए गए। दोनों की हालत ठीक है और भोपाल एम्स अस्पताल में भर्ती है। केके सक्सेना पेशे से पत्रकार है और वे 20 मार्च को सीएम हाउस गए थे। इस दौरान उन्होंने जिनसे भी संपर्क किया उनकी भी जांच की जाएगी। डेहरिया ने कहा कि उस दिन पत्रकार वार्ता में मौजूद सारे पत्रकार घर पर दो  सप्ताह रहे। वे बाहर निकलने की बजाय घर बैठकर इलाज करें। डेहरिया ने कहा कि फिर कोई समस्या आती है या लक्षण पाए जाते हैं तो मेडिकल हेल्प 104 पर फोन करके ले सकते हैं। यह समाचार पता चलते ही पत्रकारिता जगत में हड़कंप मच गया। दरअसल, उस दिन वहां मौजूद हर पत्रकार अफसरों और मित्रों को फोन लगाकर सलाह लेने लगा। जिसके बाद जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश के सचिव पी नरहरि की तरफ से बयान जारी किया गया। उन्होंने भी पत्रकारों से कहा कि वे घर पर रहे जो 20 मार्च को पत्रकार वार्ता में थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे परिवार के सदस्यों से भी दूरी बनाकर रखे।

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लॉक डाउन का असर कम खौफ ज्यादा

मध्य प्रदेश में लॉक डाउन का कोई खासा असर देखने को नहीं मिल रहा। यहां इंदौर में जनता कर्फ्यू के दौरान सर्वाधिक अनुशासनहीनता भी की गई थी। लोग 5 बजे ऐसा जश्न मना रहे थे जैसे इंदौर में अब कोरोना का खतरा टल गया। अब खबर उसी इंदौर शहर से सामने आ रही है। यहां कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या 5 पहुंच गई है। इसके साथ ही कुल 15 मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। इंदौर, जबलपुर, भोपाल के अलावा उज्जैन, शिवपुरी और ग्वालियर में भी  कोरोना के मरीज मिले हैं। इस लॉक डाउन के बीच एक खबर इटारसी से भी मिली है। यहां उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले मजदूर इटारसी स्टेशन में फंस गए हैं।

अपील

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