MP Political News : आम सहमति बनाने की कोशिश में जुटी भाजपा की केंद्रीय कमेटी
भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक (MP Political News) उठापटक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। तीन महीने के भीतर में यह दूसरा मौका है जब देश के राजनीतिक दलों के अंदर मची खींचतान की खबरें आ रही है। पहली बार मार्च, 2020 में जब पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (EX CM Kamal Nath) का तख्तापलट हुआ था। उस वक्त भी एक पखवाड़े तक लोगों की निगाहें राजनीतिक उठापटक (Bhopal Political News) पर टिकी हुई थी। अब फिर वही दौर आ गया है लेकिन, यहां भारतीय जनता पार्टी (MP Bhartiya Janta Party News) को मशक्कत करना पड़ रही है। पार्टी को मंत्रीमंडल (MP Cabinet Extension News) का विस्तार करना है। जिसमें मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (BJP Leader Jyotiraditya Scindia) खेमे के समर्थकों को लेकर खींचतान मची हुई है। मंथन पर अंतिम फैसला ले लिया गया है जो मंगलवार शाम तक सार्वजनिक होने के आसार हैं।
यह है हालात
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Political News) में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath) की सरकार बहुमत के अभाव में मार्च, 2020 में गिर गई थी। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। इससे पहले कांग्रेस 114 सीट के साथ सरकार बनाकर बैठी थी। करीब 15 महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी की वजह से पूरा राजनीतिक चेहरा (Update MP Political News) ही बदल गया। सिंधिया खेमे के तरफ से 18 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की कार्यशैली से नाराज चार वरिष्ठ विधायकों ने भी पाला बदल लिया।
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भाजपा के लिए इसलिए मुश्किलें
कमल नाथ सरकार (Kamal Nath Government) मार्च, 2020 में जब गई तो किस तरह के समीकरण बनाए गए वह अब बेनकाब हो रहे हैं। दरअसल, दो विधायकों की मौत की वजह से प्रदेश में 24 सीटों पर उप चुनाव (MP Bye Election) होना है। सरकार गिराने के लिए भाजपा (MP BJP) अपने स्तर पर कांग्रेस के चार विधायकों के साथ संपर्क में थी। यह ज्योतिरादित्य खेमे के नहीं थे। यह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (EX CM Digvijay Singh) सरकार में मंत्री भी रहे थे। वह सरकार में उनकी हैसियत को लेकर नाराज चल रहे थे। इन चारों से भी भाजपा ने अपनी सरकार बनने पर वादा किया था।
इसलिए बिगड़ा गणित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की अगुवाई में बनी नई सरकार में सिंधिया खेमे से 10 विधायकों को मंत्री बनाया जाना है। वहीं चार विधायक जो सिंधिया खेमे से नहीं थे वे कमल नाथ की कार्यशैली से नाराज होकर भाजपा में आए थे उन्हें भी मंत्री पद देना है। इन्हीं चार मंत्री पदों को लेकर भाजपा में खींचतान मची हुई है। यह सिंधिया कोटे से होंगे या फिर भाजपा अपने कोटे से देगी इसको लेकर भारी मशक्कत चल रही हैं। इसको सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली गए थे।
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समीकरण बनाना चुनौती
प्रदेश में जल्द 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। यहां के समीकरण बनाने और उस हिसाब से जातिगत आधार पर मंत्रीमंडल बनाने का लक्ष्य भाजपा के सामने हैं। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मंत्रियों और विधायकों को संतुष्ट करना भी लक्ष्य हैं। इस लक्ष्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खास चहेतों में भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra Singh), गौरी शंकर बिसेन (Gouri Shankar Bisen) और रामपाल (Rampal) जैसे भाजपा के बड़े नेताओं को न लेने पर खींचतान चल रही हैं। इन नेताओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से भी मुलाकात की है।
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