Bhopal News: पुलिस थाने की पोल न खुल जाए इसलिए पॉक्सो एक्ट का हवाला देकर अफसर पूरे मामले में डालते रहे पर्दा, तहकीकात की तो सामने आई भोपाल पुलिस की सच्चाई
भोपाल। मध्यप्रदेश के थानों में बीएनएस लागू होने पर उत्सव मनाया जा रहा है। लेकिन, एमपी पुलिस में बल की भारी कमी है। खासतौर पर महिला पुलिस अधिकारियों की। यह बातें दबाते—दबाते भोपाल (Bhopal News) शहर के अधिकारी भी आजिज आ चुके हैं। ऐसा ही एक ओर मामला सामने आया है। जिसको बताने में थाना पुलिस को पसीना आ गया। हालांकि कहानी में पेंच नजर आया तो सच जानने का प्रयास किया गया। तब पूरा माजरा हिचकिचाहट को लेकर उजागर हो गया।
पीआरओ का पता बताते रहे थानेदार
पुलिस सूत्रों के अनुसार पीड़िता की उम्र 16 साल है। वह ऐशबाग (Aishbag) थाना क्षेत्र में ही रहती है। वह दसवीं कक्षा की छात्रा है। पीड़िता 1 जून को बोगदा पुल के नजदीक बस से उतरकर घर जा रही थी। तभी पीड़िता का पुराना दोस्त उससे मिल गया। जिसके साथ वह बातचीत कर रही थी। ऐसा करते वक्त पीड़िता को ही जानने वाले आरोपी ने वीडियो बना लिया। जिसके बाद उसने नाबालिग का हाथ बुरी नीयत से पकड़ लिया। वह कहने लगा उससे भी वह बातचीत करें। यदि ऐसा नहीं किया तो वह उसके साथ बातचीत करने वाली वीडियो वायरल कर देगा। इस मामले का आरोपी नाबालिग है अथवा नहीं यह साफ नहीं है। लेकिन, उसे पकड़ने के लिए तैनात किए गए एसआई गणपत सिंह (SI Ganpat Singh) से बातचीत की गई। उन्होंने आरोपी का नाम पूछने पर संशय पैदा कर दिया। उनका कहना था कि आरोपी नाबालिग हुआ तो पॉक्सो एक्ट प्रावधान में उन्हें जवाब देना पड़ सकता है। इस संबंध में पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में तैनात पीआरओ का हवाला देकर जानकारी देने से बचते नजर आए। इधर, पुलिस सूत्रों से पता लगाया गया तो थाने का कड़वा सच उजागर हो गया। जिस पर एसआई गणपत सिंह पर्दा डालना चाहते थे। इस मामले की एफआईआर दर्ज करने के लिए महिला अधिकारी को निशातपुरा थाने से बुलाया गया था। उनके आने तक काफी देर पीड़ित थाने में ही इंतजार करती रही। जब वे आई तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई। शहर के अधिकांश थानों में महिला अधिकारी नहीं होने के कारण यह परिस्थितियां बनती है।
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