Indian police Ethics : भारत के सभी राज्यों में पुलिस सुधार को लेकर अभियान

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Indian police Ethics :  एमपी डीआईजी काउंटर इंटेलीजेंस बोले कुछ लोगों के कारण पूरा महकमा बदनाम होता है

Indian Police Ethics
पुलिस और नैतिकता विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए डीआईजी डॉक्टर आशीष। फोटो पुलिस मुख्यालय जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी।

भोपाल। पिछले दिनों ​केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भोपाल आए थे। उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण (Indian police Ethics) से जुड़े विषय पर बोलते हुए कहा था कि अब पुलिस को डंडा चलाने की नहीं बल्कि एक्सपर्ट होने की आवश्यकता है। अमित शाह ने पुलिस विभाग में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित भी किया था। जिसके बाद पूरे देश के राज्यों में पुलिस और नैतिकता विषय को लेकर मंथन शुरु हो गया। इसी क्रम में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत कई अन्य पुलिस यूनिटों के 1300 से अधिक अधिकारियों के बीच चिंतन बैठक हुई। यह वेबिनार के जरिए हुई थी। जिसमें एमपी काउंटर इंटेलीजेंस के डीआईजी आशीष ने बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों की वजह से पूरा महकमा बदनाम हो जाता है।

गलती की गुंजाईश होती है कम

पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इंदौर स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विषय पुलिस एवं नैतिकता रखा गया है। इसमें आरक्षक से लेकर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी/कर्मचारी ऑनलाइन शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीजी प्रशिक्षण अनुराधा शंकर सिंह (Anuradha Shankar Singh)  ने किया। डीआईजी काउंटर इंटेलिजेंस डॉ. आशीष ने बताया डयूटी के दौरान हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती परिणाम प्राप्त करना होता है। पुलिस हर मुद्दों पर संवेदनशीलता और सर्मपण के साथ काम करती है। पुलिस में किसी भी पद पर किसी भी केस या स्थिति में गलती की गुंजाइश बहुत कम होती है। इसलिए सही परिणाम के लिए शुरुआत से ही आपको वैधानिकता के रास्ते पर चलना चाहिए। जब आप वैधानिक रास्ता अपनाते हैं तो आपको सफलता से कोई दूर नहीं रख सकता।

चिंतन के बाद होगा क्या

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पुलिस और नैतिकता विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए भोपाल डीसीपी मुख्यालय विनीत कपूर। फोटो पुलिस मुख्यालय जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी।

उन्‍होंने कहा बीते कुछ वर्षों में पुलिस की कार्यवाही में काफी बदलाव देखने मिला है। लेकिन लक्ष्य प्राप्ति में या कार्यवाही के दौरान यदि कोई अवैधानिक रास्ता अपनाता है तो किसी एक व्यक्ति की गलती की वजह से पूरे पुलिस बल की छवि पर सवाल उठते हैं। इसे अवैधानिक तरीके से कार्यवाही के दुष्प्रभाव कहते है। इसी अवसर पर डीसीपी मुख्यालय भोपाल डॉक्टर विनीत कपूर ने पुलिस की कार्य संस्कृति और नैतिकता के संबंध में बताया किस प्रकार विभाग की कार्य संस्कृति का असर किसी व्यक्ति विशेष पर पड़ता है। व्यवस्था को सुधारने विभाग की कार्य संस्कृति में भी अपेक्षित बदलाव किए जाने जरूरी होते हैं। वेबिनार में मध्यप्रदेश के 38 जिले, 14 बटालियन, ईओडब्ल्यू समेत कई इकाई केे प्रतिभागी शामिल हुए थे। इस वेबिनार का 20 मई को समापन होगा। हालांकि निष्कर्ष और बातचीत से निकलने वाले परिणामों को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में स्थिति साफ नहीं की गई है।

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