जेपी अस्पातल में डॉक्टर से अभद्रता करने वाले विधायक पीसी शर्मा ने सिस्टम की बजाय सरकार पर फोड़ा ठीकरा
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (Former Minister PC Sharma) और उनके समर्थक पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान एक डॉक्टर को आंख दिखा रहे थे। इस घटना की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई लोगों ने निंदा की। दोनों नेताओं ने अब तक माफी नहीं मांगी। लेकिन, गुरुवार को पूर्व मंत्री मीडिया के सामने आए। जेपी अस्पताल के मामले में थोड़ी सफाई दी। बाकी कोरोना की अव्यवस्था को लेकर सिस्टम की बजाय सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन को विधायक निधि से 10 लाख रुपए का चेक दवा और अन्य सुविधाओं के लिए दिया। जबकि उसी जेपी अस्पताल के डॉक्टर ने विधायक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
परिवार के साथ न्याय नहीं हुआ
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में भारी कमियां हैं। इनमें नियुक्तियां गरीबों के लिए की गई है। लेकिन, वहां का स्टाफ गरीबों को प्रायवेट अस्पताल में भेज रहा है। सरकार को इस सिलसिले में अव्यवस्था को दूर करने के लिए कदम उठाना चाहिए। पूर्व मंत्री ने जेपी अस्पताल में डॉक्टर योगेश श्रीवास्तव से हुई अभद्रता के सवाल पर कहा कि मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का मकसद नहीं था। तखत सिंह के परिवार के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया। उसको मुआवजा मिलना चाहिए था।
दमोह में मतदान के बाद पता चलेगा
शमशान में लकड़ी नहीं बची। लोग काफी निराशा में चल रहे हैं। सरकार हेल्थ सिस्टम पर बातचीत करने की बजाय बस आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में हैं, रेमडेसियर इंजेक्शन उपलब्ध है और बेड मौजूद है। इस तीन बिंदुओं के अलावा सरकार के पास कोई विषय ही नहीं हैं। मरीजों को उत्साहित करने का काम सरकार को करना चाहिए। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को तलाशना पड़ रहा है। दमोह में 18 अप्रैल के बाद सरकार को विशेष इंतजाम करना पड़ेंगे। पूर्व मंत्री का आरोप है कि अभी वहां कोरोना के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। मैं पहले ही दमोह में चुनाव को निरस्त करने की मांग कर रहा था।
गरीबों को मुफ्त मिले अनाज
विधायक निधि से पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने 10 लाख रुपए दान किए। इस निधि से आक्सीजन, रेमडेसियर इंजेक्शन, सैनिटाइजेशन पर राशि का इस्तेमाल करें। कोविड टेस्ट और उसका इलाज मुफ्त किया जाना चाहिए। यह व्यवस्था जब तक लागू नहीं होगी तब तक कोरोना का संक्रमण नहीं रुक सकता। कई जगहों से एम्बुलेंस नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही है। सरकार लॉक डाउन की बजाय कोरोना कर्फ्यू बता रही है। ऐसा करके सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास कर रही है। सरकार को गरीब परिवारों को मुफ्त में गरीबों को राशन मुहैया कराना चाहिए।
भोपाल सांसद पर कटाक्ष
पूर्व मंत्री का आरोप है कि रेमडेसिएर के जिस मरीज को छह डोज लेना है। उसे पर्चा व्हाट्स एप्प करना पड़ रहा है। सरकार को आक्सीजन, बिस्तर और दवा को लेकर मैकेनिज्म बनाना चाहिए। मैदान में हालात बहुत खराब है। आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। पूर्व मंत्री विश्नोई भी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं। भोपाल की सांसद प्रज्ञा भारती कहा है लाखों जनता ने उन्हें वोट दिया था। भाजपा इस बात का जवाब देगी। उन्होंने पूरे वक्तव्य के दौरान जेपी अस्पताल में हुई घटना पर माफी नहीं मांगी।