Bansal Hospital: अमानवीयता की हदें पार, कोरोना संक्रमित अस्पताल से बाहर

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बंसल अस्पताल पर गंभीर आरोप, सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर जीती आधी जंग

Bansal Hosptal Bhopal
बंसल अस्पताल फाइल फोटो

भोपाल। (Bansal Hospital News) देश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के आह्वान पर कोरोना वॉरियर्स के लिए तालियां बजाने की अपील की थी। लोगों ने इस अपील पर डॉक्टर, नर्स समेत कई सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए दिल से जज्बात भी पेश किए थे। देश के सभी नागरिकों ने यह बता दिया था कि इस मुसीबत की घड़ी में पूरा देश एकजुट है। लेकिन, इस कोशिश को बंसल अस्पताल (Bansal Hospital) ने धक्का पहुंचाया। यह अस्पताल मध्य प्रदेश (MP Health News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Health News) में हैं। इस अस्पताल की एक अमानवीय घटना (Bansal Hospital Inhuman Case) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश के सवा सौ करोड़ भारतीय नागरिकों की संवेदनाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है। अस्पताल पर जिस तरह के आरोप लगे हैं वह चिकित्सक के पेशे को बदनाम कर रहे हैं। बंसल अस्पताल (Bansal Hospital Mis Behave Case) ने अपने यहां भर्ती मरीज के कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबर के बाद उसको बड़ी बेदर्दी से व्हील चेयर पर बैठाकर बाहर कर दिया। अस्पताल ने कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर भी छुपाई। वहीं डिस्चार्ज करने संबंधित सारे मानकों की अवहेलना की गई। इस मामले में भोपाल सीएमएचओ ने नोटिस देकर तीन दिन के भीतर में बंसल अस्पताल (Bansal Hospital Notice Dispatch) के प्रबंधन से जवाब देने के लिए कहा है।

हजारों लोगों ने सुनाई खरीखोटी

भोपाल सीएमएचओ की तरफ से जारी नोटिस

इस घटना को लेकर सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी (CMHO Dr Prabhakar Tiwari) ने 22 मई को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस शब्द जितना आसान लग रहा  है उतनी आसानी से जारी नहीं हुआ। इस नोटिस के पीछे जितना आंदोलन लॉक डाउन में हुआ वह चौंका देने वाला है। दरअसल, इस मामले को लेकर अखिल भारत ग्राहक पंचायत (Akhil Bharat Grahak Panchayat) ने मुहिम छेड़ रखी थी। मुहिम के तहत सोशल मीडिया में अभियान चलाया गया। घनश्याम सिंह चंद्रवंशी (Ghanshayam Singh Chandravanshi) ने पूरी अमानवीयता की पोल खोलते हुए एक हजार से अधिक वीडियो बनाए। यह वीडियो देश भर से बने थे। यह सारे वीडियो और शिकायतें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan), स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Minister Narrottam Mishra) को टैग किए गए थे। इसके अलावा टिकटॉक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, फेसबुक में भी वायरल किए गए। इस स्टोरी को जानने के बाद लगभग 10 हजार ट्वीट भी किए गए। इन्हीं सब बातों का हवाला देकर सीएमएचओ डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने नोटिस जारी किया है। तिवारी ने अस्पताल को तीन दिन में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। जवाब नहीं देने की दिशा में मप्र लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अधिसूचना और एमपी पब्लिक हेल्थ एक्ट 1950 (MP Public Health Act 1950) के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। घनश्याम सिंह चंद्रवंशी ने बताया कि इस नोटिस के कारण हमने तीन दिन के लिए अपना सोशल मूवमेंट बंद किया है। जवाब देखने के बाद हमारी तरफ से अगली कार्रवाई की जाएगी।

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यह है पूरा मामला

Bansal Hospital Campaign
सोशल मीडिया में इस तरह चला कैम्पेन

बंसल अस्पताल में एक मरीज को भर्ती कराया गया था। उन्हें दूसरी बीमारी के चलते भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल में लगभग एक सप्ताह ​इलाज चला। इस दौरान अस्पताल ने कई तरह के टेस्ट और दवाओं के नाम पर काउंटर में पैसे भी जमा कराए। इसी बीच बंसल अस्पताल (Bansal Hospital) ने बिना कारण बताए उन्हें व्हील चेयर में बैठाकर गेट के बाहर छोड़ दिया। उन्हें घर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई। नतीजतन परिवार को शक हुआ और विरोध जताया गया। इसके बाद परिवार उनको लेकर एम्स अस्पताल (Bhopal AIIMS) पहुंचाया गया। अस्पताल में उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इतना ही नहीं उनके साथ इलाज के लिए रहे चार परिजन भी संक्रमित हो गए। यह बात घनश्याम सिंह चंद्रवंशी को पता लगी तो उन्होंने अपने स्तर पर पहले शिकायत की। लेकिन, जब सुनवाई नहीं हुई तो सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया। इस मामले में पक्ष के लिए बंसल अस्पताल के मैनेजर से चर्चा की गई। उन्होंने पक्ष देने की बजाय कहा कि यह काम लोकेश झा (Lokesh Jha) देखते है। लेकिन, जब उनका संपर्क नंबर मांगा गया तो उन्होंने कहा कि वह स्वयं आपसे चर्चा कर लेंगे।

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यह पहला मामला नहीं
मध्य प्रदेश (MP Health News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Health News) में कोरोना संक्रमित मरीज को लेकर बरती गई यह पहली लापरवाही नहीं है। भोपाल में कई निजी अस्पताल को कोविड सेंटर (Covid Center News) बनाया गया है। लेकिन, इस बीच यह बहस भी चल रही है कि एक ही अस्पताल में मरीज क्यों भर्ती किए जा रहे  हैं। जबकि हमीदिया (Bhopal Hamidia Hospital) और एम्स जैसे सरकारी अस्पताल में मरीज कम पहुंच रहे हैं। यह अस्पताल चिरायु (Chirayu Hospital) है जहां अधिकांश मरीज भर्ती हो रहे है और अधिकांश ठीक भी हो रहे है। इन सब बातों को लेकर सोशल मीडिया में वीडियो भी वायरल हो रहे है। इस बीच बंसल अस्पताल के मामले ने बता दिया है कि भोपाल में कोरोना के नाम पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि सरकार और एजेंसियां चुप है। इससे पहले  नर्मदा अस्पताल (Narmada Hospital) में भी इसी तरह का मामला उजागर हुआ था। यहां एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की जानकारी तब मिली थी जब उसकी अंत्येष्टि के बाद उसकी रिपोर्ट सामने आई थी। इसके बाद सारे अस्पताल को यह नोटिस कलेक्टर तरुण पिथोड़े (Bhopal Collectorate Tarun Pithore) की तरफ से जारी हुआ था कि कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी जेपी अस्पताल को देना होगी। इस मामले में कलेक्टर ने नर्मदा अस्पताल को नोटिस थमाया था।
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अपील

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