Bhopal Rape Case: जेपी अस्पताल में चौदह साल की बलात्कार पीड़िता की डिलीवरी, बच्चे की मौत के बाद पुलिस को दी गई जानकारी
भोपाल। बालकों के संरक्षण अधिनियम को लेकर सरकारें पानी की तरह पैसा फूंक रही है। मैदानी अमले को जागरुक बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। सेमीनार, नुक्कड़ नाटक से लेकर तमाम कवायदों में बजट के दरवाजे खोले जा रहे हैं। हालांकि, यह कितने कारगर है कि उसकी कलई शुक्रवार दोपहर उजागर हो गई। मामला चौदह साल की नाबालिग बच्ची से बलात्कार से जुड़ा है। जिसकी एफआईआर भोपाल (Bhopal Rape Case) सिटी के टीटी नगर थाने में दर्ज हुई थी। वह गर्भवती भी थी। लेकिन, उसकी सुध दोबारा नहीं ली गई। यह हालत पुलिस ही नहीं जेपी अस्पताल में भी रहा। उसको दर्द होने पर जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बात की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई।
पुलिस को ऐसे मिली खबर
टीटी नगर थाना पुलिस के अनुसार 28 फरवरी की रात लगभग 10 बजे 131/22 धारा 376—3—/376—2—एन/3/4/9 का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी 16 साल का है। उसको पुलिस ने हिरासत में लेकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था। पीड़िता के पिता मजदूरी करते हैं। वह बेटी के गर्भवती होने की जानकारी से बेखबर थे। जब पता चला तो बड़ी बेटी से हकीकत पता लगाई थी। जिसके बाद उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने दोबारा सुध नहीं ली। इसी बीच 12 मार्च को उसकी तबीयत खराब हुई। जिसके बाद उसने सात महीने के मृत हालत में बच्चे को जन्म दिया। यह घटना 25 मार्च को हुई थी। जिसके बाद जेपी अस्पताल से अंजना डगवाल ने सूचना दी।
पीड़िता की ऐसी है हालत
टीटी नगर पुलिस मर्ग 12/22 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। मामले की जांच एसआई सुदामा ठाकुर के पास है। उन्होंने बताया कि बच्चे का डीएनए होना है। वह प्री—मैच्योर है इसलिए उसका पीएम करना संभव नहीं है। नवजात के शव को मेडिकोलीगल भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद जांच के बिंदु तय किए जाएंगे। एसआई ने बताया कि अस्पताल ने बलात्कार पीड़िता के भर्ती होने पर कोई जानकारी थाना पुलिस को नहीं दी थी। पुलिस को मृत नवजात की सूचना के बाद घटना की जानकारी मिली थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष से सलाह भी ली जा रही है। जिसके बाद चार्जशीट में संशोधन किए जाएंगे। पीड़िता अभी सकुशल है और वह बातचीत करने की अवस्था में हैं।
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