Bhopal Lock Down Cheating Case: पहरे में पीपीई किट चुराकर श्रमिकों को दिया घर पहुंचाने का झांसा

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मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर पकड़ाया लॉक डाउन में बेरोजगार हुआ मजदूर, रेलवे स्टेशन में दिया था दर्जनों को झांसा

Bhopal Lock Down Cheating Case
रेलवे का फर्जी अफसर राजेश राय जो प्रवासी मजदूरों को ट्रेन का पास दिलाने के नाम पर ठगने के बाद फरार हुआ था

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) लॉक डाउन के फर्जी ई—पास (Bhopal Fake E-Pass Case) के बाद फर्जी टोकन देने का मामला (Bhopal Fake Railway Token Case) सामने आया है। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) की है। युवक लॉक डाउन के चलते बेरोजगार हो गया था। इसलिए वह रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया और लोगों को झांसा (Bhopal Migrant Worker Cheating Case) देने लगा। इससे पहले उसने एक स्वास्थ्यकर्मी का पीपीई किट चोरी किया। फिर श्रमिकों को उनके घर पहुंचने के लिए ट्रेन में बैठने का टोकन देने के नाम पर एक—एक हजार रुपए ऐंठ (Bhopal Migrant Labour Cheating Case) लिए। पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी को दबोच लिया है।

हबीबगंज थाना पुलिस ने www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) को बताया कि श्रमिकों के लिए ट्रेने चलाई जा रही है। इस कारण हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की भारी संख्या पहुंच रही है। घटना मंगलवार सुबह नौ बजे की है। यहां अविनाश कुमार  पिता ललन शाह उम्र 22 साल भी आया था। अविनाश (Avinash Kumar) मिसरोद स्थित पूर्वाशा नगर में रहता है। वह मूलत: बिहार (Bihar Hindi News) की राजधानी पटना (Patna Hindi News) का रहने वाला है। वह भोपाल में बंगरसिया स्थित बीआईटीएस कॉलेज (BITS College) से बीई कर रहा है। लॉक डाउन की वजह से कोचिंग और कॉलेज बंद थे। उसके पास पैसे खत्म हो गए थे। इसलिए वह घर जाना चाहता था। इसके लिए वह मंगलवार को अपने दोस्त विशाल कुमार (Vishal Kumar) और आशुतोष कुमार (Ashutosh Kumar) के साथ स्टेशन पर आया था। यहां उसको एक पीपीई किट पहना व्यक्ति भी मिला। उसके पास कुछ टोकन थे। जिसको दिखाकर वह रेलवे का टोकन बता रहा था। उसने अपना परिचय राजेश राय (Rajesh Rai) के रुप में बताते हुए कहा कि वह रेलवे का अधिकारी (Bhopal Fake Railway Officer) है।

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वह स्टेशन काफी देर तक घुमता रहा। उसने कुछ अन्य लोगों को टोकन भी बांट दिए। जिसको देखने के बाद अविनाश कुमार ने एक हजार रुपए देकर टोकन ले लिया। दोपहर तीन बजे ट्रेन आई तो वह दोस्तों के साथ जाने लगा। तब तक राजेश राय नाम का व्यक्ति दिखाई दिया। लेकिन, जब रेलवे के अफसरों ने वह टोकन को देखकर ट्रेन में चढ़ने से मना कर दिया तो अविनाश ने पूरी सच्चाई बताई। जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। मामले को गुपचुप तरीके से पड़ताल करते हुए पुलिस ने राजेश राय के मोबाइल नंबर के आधार पर उसका लोकेशन ट्रेस किया। आरोपी राजेश राय को गोविंदपुरा स्थित झुग्गी बस्ती से दबोच लिया गया। उसने पूछताछ में बताया कि पीपीई किट उसने स्टेशन से चुराया था। वह मूलत: बैतूल का रहने वाला है। यहां रचना नगर में वह रहता था। मजदूरी का काम लॉक डाउन में छूट जाने के कारण वह आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। इसलिए उसने पहली बार यह वारदात को अंजाम दिया।

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