चीटिंग करके इतनी कर ली थी कमाई की उसने खरीद ली थी विराट कोहली की ऑडी कार, उसकी ही तकनीक में काम कर रहे चार अन्य कॉल सेंटर पर सायबर सेल पुलिस की दबिश, अब तक आधा दर्जन फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़
भोपाल। आप सुनकर हैरान हो जाएंगे लेकिन, यह सौ (Cricket connection) फीसदी सच है। अहमदाबाद के एक युवक ने फर्जी कॉल सेंटर खोलकर धोखाधड़ी करके पैसा कमाने की शुरूआत की थी। एक साल में ही उसको इतना पैसा मिल गया था कि उसने (Cricket connection) क्रिकेटर विराट कोहली की ऑडी कार अपनी प्रेमिका को उपहार में देने के लिए खरीद ली थी। उससे शुरू हुई फर्जीवाड़े की कहानी अब मध्यप्रदेश में पैर पसार चुकी है। यह खुलासा इंदौर में भंड़ाफोड़ हुए दो फर्जी कॉल सेंटरों की पड़ताल के बाद सामने आया है। गुरुवार रात ऐसे ही फर्जी चार अन्य कॉल सेंटरों का भी पता चला। जहां पर इंदौर सायबर सेल ने दबिश दी।
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यह जानकारी देते हुए स्पेशल डीजी सायबर सेल पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि दो दिन पहले (Fake call center) इंदौर सायबर सेल ने दो ठिकानों पर दबिश देकर 78 लोगों को गिरफ्तार किया था। यह आरोपी अमेरिकी नागरिकों को विजीलेंस अफसर बनकर संपर्क करते थे। उनसे जुर्माने के रूप में डॉलरों में पैनाल्टी जमा कराते थे। एक मामले में आरोपियों ने एक अमेरिकी नागरिक से 21 हजार डॉलर मतलब 21 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। इंदौर एसपी सायबर सेल जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में यहां से 61 लड़के और 19 लड़कियों को गिरफ्तार (Fake call center) किया गया था। दो अन्य चौकीदार थे जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। गिरोह को जावेद, राहिल अब्बासी, भावेश, सन्नी चौहान, शाहरुख, केवल संधू चला रहे थे। जावेद, शाहरूख और भावेश को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। दो अन्य आरोपी फिलहाल अहमदाबाद भाग गए हैं। आरोपी आस-पास के लोगों को कॉल सेंटर चलाने की जानकारी देते थे। जबकि जांच में ऐसा नहीं पाया गया। प्राथमिक जांच में मालूम हुआ है कि आरोपी इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में कॉल सेंटर चलाते थे।
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चार ठिकानों पर दबिश
आरोपी अमेरिका के नागरिकों को कॉल करके उनसे उनके (Fake call center) सोशल सिक्यूटरी नंबर का अवैध गतिविधियों जैसे मनी लाड्रिंग और ड्रग ट्रैफिकिंग में शामिल होने का कहकर धमकाते थे। पूछने पर वह अपने आपको अमेरिकी विजीलेंस ऑफिसर बनकर बातचीत करते थे। जुर्माने के रूप में धमकाकर उनसे 50 से 21 हजार डॉलर तक की राशि वसूल लेते थे। इस फर्जीवाड़े की मदद से आरोपी करोड़ों रुपए उगाही कर चुके हैं। इस मामले में जावेद, शाहरूख और भावेश से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दोनों ठिकानों से 60 कंप्यूटर, 70 मोबाईल, सर्वर अन्य गैजेट के साथ करीब 5 लाख से अधिक यूएसए नागरिकों का डाटा जब्त किया है। स्पेशल डीजी ने बताया कि आरोपी मिनेश, हार्दिक, सिद्धार्थ और केवल संधू के कॉल सेंटर पर भी दबिश दी गई। हमें सामान मिला है जिसे जब्त कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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कौन है इस तरह के अपराध का जनक
स्पेशल डीजी सायबर सेल पुरूषोत्तम शर्मा का दावा है कि इस तरह के अपराध का (Cricket connection) जनक अहमदाबाद निवासी सागर ठक्कर उर्फ शेगी को माना जाता है। हमारे द क्राइम इन्फो मुंबई कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शेगी को सबसे पहले अप्रैल, 2017 में मुंबई की थाणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शेगी अपने दोस्तों की मदद से कॉल सेंटर चलाता था। वह भी अमेरिकी नागरिकों को फोन करके फंसने से बचने के एवज में पैंसा ऐंठता था। उसके पास से उस वक्त साढ़े छह हजार अमेरिकी नागरिकों का डाटा जब्त किया गया था। वह फर्जीवाड़ा (Cricket connection) पांच सौ करोड़ रुपए का था। मध्यप्रदेश में उजागर हुआ यह मामला इससे दस गुना ज्यादा कहा जा सकता है। सागर ठक्कर उर्फ शेगी 14 महीने जेल में रहा। जमानत मिलने के बाद वह भाग गया। बताया जाता है कि सागर ठक्कर उर्फ शेगी फिलहाल दुबई में अपनी बहन के साथ छुपा हुआ है।
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कैसे फैला नेटवर्क
सागर ठक्कर उर्फ शेगी मूलत: अहमदबाद (Cricket connection) का रहने वाला है। उसकी यह तकनीक अब कई लोगों तक पहुंच गई है। उसी तकनीक से अमीर बनने के लिए युवा इस शार्टकट फार्मूले को आजमा रहे हैं। भोपाल के इंद्रपुरी में सितम्बर, 2018 में ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। जिसमें अहमदाबाद के एक बड़े कपड़ा व्यापारी के 12वीं पास बेटा चला रहा था। यह रैकेट पिपलानी थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी इलाके में चल रहा था। यहां से पुलिस ने अहमदाबाद निवासी अभिषेक पाठक, वत्सल दीपेश भाई गांधी, सेमरा, अशोका गार्डन निवासी रामपाल सिंह, मोहम्मद फरहान खान, श्रवणकुमार, शुभम गीते, और सौरभ राजपूत को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरोह अमेरिका के माइकल डेनियल के इशारे पर काम करता था। जिसकी जानकारी सायबर सेल ने एफबीआई को भी दी थी। इंदौर में उजागर हुए फर्जी कॉल सेंटर में भी फरार आरोपी अहमदाबाद के थे। इंदौर के ताजा मामले की जानकारी एफबीआई को दे दी गई है।
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ऐसे करते हैं चीटिंग
स्पेशल डीजी पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि इस तरह के फर्जी कॉल सेंटर में चार (Cricket connection) तकनीक से चीटिंग की जाती है। पहली तकनीक जो अममून सभी जगह एक जैसी होती है उसे सोशल सिक्यूरिटी नंबर (SSN) नाम से पुकारा जाता है। यह अमेरिका में आधार नंबर की तरह ही जारी होता है। इसकी मदद से अमेरिकी नागरिक की सारी जानकारी उजागर हो जाती है। दूसरी तकनीक इंटरनेशनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) होता है। इसमें आयकर ब्योरे से जुड़ी जानकारी होती है। तीसरी तकनीक को टैक्स सपोर्ट सर्विस कहा जाता है। इसमें उन लोगों का डाटा होता है जो इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं। गिरोह उन लोगों को टारगेट करता है जो कॉपीराइट या पाइरेटेड साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। चौथी और आखिरी तकनीक पैड लोन वाली होती है। इसमें उन लोगों का ब्योरा होता है जिन्होंने लोन लिया हो और कोई राशि जमा करने से चूक गई हो। ऐसे लोगों को प्रतिदिन कॉल सेंटर से फोन किया जाता था।
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ऐसे मिलती थी सुविधा
एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इंदौर में गिरफ्तार आरोपी पहले कभी (Fake call center) फर्जी कॉल सेंटर में नौकरी कर चुके हैं। यह कॉल सेंटर दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में थे। इन्हें 22 हजार रुपए तनख्वाह मिलती थी। इसमें तीन तरह के लोग होते थे। पहला डायलर होता है, दूसरा ब्राडकास्टर और तीसरा क्लोजर होता है। डायलर फोन लगाकर बातचीत करता था। यह बातचीत अधिकांश उत्तर भारत के युवक-युवती करते थे। दरअसल, उनकी भाषा शैली अमेरिकी नागरिकों से मेल खाती थी। क्लोजर को एक डील पर एक डॉलर का अतिरिक्त कमीशन भी मिलता था। इन सभी आरोपियों से बातचीत में यह सामने जरूर आया है कि सभी युवा बहुत जल्द अमीर बनना चाहते थे। इसलिए वह सागर ठक्कर उर्फ शेगी को अपना आइडियल मानते थे।
दो साल पहले सुर्खियों में आया था शेगी
सागर ठक्कर उर्फ शेगी 2017 में सुर्खियों में आया था। उसने मुंबई के एक दलाल की मदद से 2012 में भारत क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की ऑडी कार ढ़ाई करोड़ रुपए में खरीदी थी। यह कार उसने अपनी प्रेमिका को उपहार में देने के लिए खरीदी थी। 2016 तक उसने विराट की कार चलाने का कहते हुए और लोगों के सामने अपना स्टेटस दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर में नाम भी नहीं बदला था। यह कार कई मायनों में भी खास थी। इस कार में विराट के अलावा क्रिकेटर क्रिस गेल भी घुमे थे। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुई थी। यह कार अहमदाबाद में बताई जा रही थी लेकिन उसे दिल्ली से जब्त किया गया था। अब यह कार थाणे पुलिस कमिश्रर ऑफिस के बाहर जब्ती में धूल खा रही है। शेगी ने यह कार फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों से पैसा ऐंठकर खरीदी थी।