MP Scam News: मसाजिद कमेटी के तत्कालीन सचिव पर एफआईआर

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MP Scam News: तीन सदस्यीय जांच दल ने तीन वर्ष के वित्तीय अनुदानों की समीक्षा के बाद करीब साढ़े पांच लाख रुपए के फर्जीवाड़ा निकाला, कई संगीन आरोपों के साथ थाने में भेजा प्रतिवेदन

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मसाजिद कमेटी (Bhopal Masajid Committee) के प्रभारी सचिव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का निर्णय लिया है। यह फैसला आयुक्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग (MP Scam News) ने लिया। इससे पूर्व प्रभारी सचिव को दो दिन पूर्व निलंबित (Masajid Seceratary News) कर दिया गया था। निलंबन से पहले विभाग ने डिप्टी डायरेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। उसने तीन साल के वित्तीय अनुमोदनों का परीक्षण किया था। जिसमें करीब पांच लाख 60 हजार रुपए की गड़बड़ी पाई गई। एफआईआर भोपाल (Bhopal Scam News) शहर के शाहजहांनाबाद थाने में दर्ज की गई है। हालांकि पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह राजनीतिक दांव पेंच से जुड़ा फैसला है।

पुलिस ने प्रतिवेदन मांगा रातों रात थाने पहुंच गया

पुलिस सूत्रों के अनुसार थाने में सैयद उबसे अली पिता सैयद अकबर अली उम्र 46 साल ने प्रकरण दर्ज कराया है। वे तलैया थाना क्षेत्र स्थित चटाईईपुरा बुधवारा इलाके में रहते हैं। सैयद उवेस अली (Syyed Uvesh Ali) मसाजिद कमेटी में यूडीसी है। लेकिन, आयुक्त पिछडा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग ने उन्हें प्रभारी सचिव नियुक्त किया है। उन्होंने थाने में जाकर पुलिस को आंवदेन सौंपा। पुलिस ने इस मामले में धारा 420/409/13—2—/7—13—1 अ का प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें आरोपी यासिर अराफत (Yasir Arafat) बनाए गए हैं। वे मसाजिद कमेटी के पूर्व सचिव भी है। उन्हें विभाग ने दो दिन पूर्व ही निलंबित भी कर दिया है। इससे पहले मार्च, 2024 में मप्र पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग ने जांच करने का निर्णय लिया था। जिसके लिए उप संचालक सुमित कुमार जैन (Sumit Kumar Jain) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसमें उनके अलावा विकास निगम (Vikas Nigam) और जिर्ल्लुर रहमान (Jillur Rehman) भी थे। कमेटी ने 2021 से लेकर 2024 तक तीन साल के वित्तीय अनुदानों का परीक्षण किया। जिसमें पता चला कि दारुल कजा (Darul Kaja) की केशबुक में पूर्व सचिव यासिर अराफात ने साइन किए थे। इस रसीद के जरिए करीब 19 हजार 626 रुपए का भुगतान किया गया था। यह भुगतान बाम्बे मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक को किया गया था। जबकि मसाजिद कमेटी के कैशियर समीर उद्दीन (Samir Uddin) है।

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बिना अनुमति टेंडर जारी किए

कमेटी ने जांच में पाया कि यासिर अराफत (Yaseer Arafat) ने निकाह इंतेजामिया में मिली राशि को देरी से जमा किया। यह रकम लगभग साढ़े बारह लाख रुपए थी। इसके अलावा मैसर्स वायुन टेक (MS Wayun Tech) से 11 रुपए अधिक की दर पर क्रय किया। ऐसा करने के पूर्व सरकार से अनुमति नहीं ली गई। वहीं नियमों की अवहेलना की गई। समाचार पत्र में टेंडर जारी नहीं किए गए। इसके अलावा मसाजिद कमेटी के भवन रखरखाव में भी भी भारी अनियमितता की गई। यह खरीदी सवा 34 लाख रुपए की हुई थी। पुलिस को विभाग ने जांच प्रतिवेदन भी सौंप दिया है।

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