Manawar Mob Lynching Case : 6 किसानों पर कहर बनकर टूटी भीड़, 2 की मौत

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धार जिले के मनावर में गांव वालों का बहशीपन, हुआ मौत का तांडव

किसान को पीटते ग्रामीण

धार। Manawar Mob Lynching Case धार जिले के मनावर में ग्रामीणों की भीड़ 6 किसानों पर कहर बनकर टूटी। भीड़ ने पीट-पीटकर एक शख्स की हत्या कर दी, वहीं 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक 2 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। इस मौके पर पुलिस वाले भी मौजूद थे, लेकिन सैकड़ों ग्रामीणों के सामने वो बेबस नजर आए। भीड़ पर इतना बहशीपन सवार था कि जिसके हाथ में जो आया वो मार दिया। लाठी-डंडों और पत्थरों से युवकों को पीटा गया। पीड़ित युवकों को बच्चा चोर बताकर उनके साथ मौत का तांडव खेला गया। मारपीट में गणेश पटेल नाम के युवक की मौत हुई है। बुधवार रात 9 बजे तक एक और घायल ने दम तोड़ दिया। मनावर मॉब लिंचिंग केस में मरने वालों की संख्या दो हो गई है।

जानकारी के अनुसार उज्जैन जिले के लिंबा पिपलिया गांव के किसानों ने खेत में मजदूरी करने के लिए खड़किया के 5 मजदूरों को 50-50 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए थे। लेकिन जब मजदूरी करने नहीं पहुंचे तो किसान अपनी रकम वसूलने खड़किया गांव पहुंचे थे। जहां उन पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। इस दौरान हमलावरों ने किसानों के बच्चा चोर होने की अफवाह फैला दी। किसी तरह किसान वहां से बचकर भागे तो भीड़ ने बोरलाई गांव के पास उन्हें घेर लिया। भीड़ ने मारपीट शुरु कर दी, उनके वाहन में भी आग लगा दी।

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मामले की सूचना पर मनावर थाना प्रभारी युवराज सिंह चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुचे जहा भीड़ द्वारा किसानों के साथ मारपीट कर रहे थे पुलिस ने उन सभी घायलों किसानों को भीड़ से बचाकर निकाला और मनावर शासकीय अस्पताल लाया गया जहां सभी का प्राथमिक उपचार कर गंभीर 2 घायलो को जिला अस्पताल भेजा जीसमे 1 की रास्ते मे मौत हो गई बाकी 4 किसानों का मनावर में प्राथमिक उपचार के पश्चात इंदौर रेफर कर दिया गया घटना को देखते हुए धार से एसपी आदित्य प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंचे।

एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि मामला पैसे लेनदेन का है जिसको लेकर उज्जैन जिले के किसान यहां आए थे। मामले में लोगो के ख़िलाफ नामजद और 15 अज्ञात के ख़िलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और बलवा की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उज्जैन जिले के किसानों ने धार जिले के पांच मजदूरों को 50-50 हजार रुपए दिए थे। जिसकी वसूली पर जाने से पहले उन्होंने पुलिस को सूचना भी दी थी। पीड़ित किसान पहले संबंधित तिरला थाने पहुंचे थे। जहां से उन्हें गांव में जाकर वसूली करने की अनुमति मिली थी। उन्हें क्या पता था कि आरोपियों ने पहले से ही मॉब लिंचिंग की स्क्रिप्ट तैयार कर रखी है।

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