एजेंसी का बोलकर कोर्ट पहुंचे, धारा 82 के आवेदन को रद्द करने के लिए दिया प्रार्थना पत्र, ईओडब्ल्यू ने कहा आवेदन पर मंगलवार विरोध जताएगी एजेंसी
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में हुए (MCU Scam) घोटाले के मामले में फरार चल रहे बृजकिशोर कुठियाला ने ईओडब्ल्यू (EOW) को दिनभर छकाया। दरअसल, कुठियाला ने दो दिन पहले एजेंसी के अफसरों से कहा था कि वे सोमवार को हाजिर होंगे। उनके इंतजार में मीडिया और एजेंसी के अफसर दिनभर परेशान होते रहे। लेकिन, इस बीच वे भोपाल जिला अदालत पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार भोपाल जिला अदालत में स्पेशल जज संजीव पांडे की अदालत में दोपहर 12 बजे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला (बृजकिशोर) पहुंच गए। उनकी तरफ से वकील ने अदालत में आवेदन पेश किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच की तरफ से जारी आदेश की कॉपी प्रस्तुत की। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितम्बर तक गिरफ्तार न करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के साथ ही उन्होंने अपना भी प्रार्थना पत्र पेश किया। कुठियाला के वकील ने दलील दिया कि उनके खिलाफ धारा 82 के तहत की जा रही कार्रवाई को निरस्त किया जाए। कोर्ट ने आवेदन स्वीकारते हुए ईओडब्ल्यू से जवाब मांगा है। इससे पहले दिनभर कुठियाला को लेकर मीडिया और जांच एजेंसी के बीच काफी चर्चा चलती रही।
इधर, डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि धारा 82 के तहत उन्हें जांच एजेंसी के सामने हाजिर होना था। लेकिन, वे ऐसा करने की बजाय कोर्ट जा रहे हैं। ऐसी जानकारी अपुष्ट सूत्रों से मिली है। कोर्ट से अभी कोई जवाब नहीं आया है। अभियोजन अधिकारी जवाब का अध्ययन करने के उपरांत कोर्ट में पक्ष रखेंगे। हमारी तरफ से धारा 82 की कार्रवाई जारी रखने की मांग की जाएगी। इसमें 31 अगस्त की तारीख अंतिम है। इसके बाद धारा 83 के लिए ईओडब्ल्यू आवेदन करेगी।
काम नहीं आ पा रही कोई भी चाल
आर्थिक प्रकोष्ठ विंग को मुंह चिढ़ा रहे पूर्व कुलपति बीके कुठियाला अब गिड़गिड़ाते हुए फिर संपर्क कर रहे हैं। वह जांच में शामिल होने की बजाय कोर्ट, बीमारी समेत कई अन्य तकनीकी पेंच का सहारा लेकर दो महीने से ईओडब्ल्यू को झूला रहे हैं। कुठियाला ने ईओडब्ल्यू से कहा है कि वह जो पूछना चाहती है सब बता देंगे लेकिन, गिरफ्तार नहीं करे। इसके बाद अचानक वह फिर जिला अदालत पहुंच गए। इस मामले में डीजी केएन तिवारी ने कहा कि अभी बयान लिए जाएंगे। उसके बाद गिरफ्तारी को लेकर निर्णय होगा। जांच एजेंसी के सामने कुठियाला दो महीने से कोई न कोई बहाना बनाकर हाजिर होने से बच रहे हैं।
यह दांव भी काम न आए
इस मामले में कुठियाला ने (MCU Scam) एफआईआर दर्ज होने के बाद अपनी तरफ से पक्ष मीडिया में चलाया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जो भी काम किया गया वह सरकारी मानकों के तहत किया गया। कुठियाला को 8 जून को ईओडब्ल्यू के समक्ष हाजिर होने के लिए आदेश था। उन्होंने हाजिर होने की बजाय एक पत्र ईओडब्ल्यू को पहुंचा दिया। कुठियाला ने दो से तीन दिन की मोहलत मांगी है। जिसके बाद ईओडब्ल्यू एसपी अरूण मिश्रा ने 11 तारीख को हाजिर होने के लिए पत्र भेज दिया है। इसी बीच कुठियाला इस मोहलत के दौरान जिला अदालत, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। वहां से उन्हें पूरी राहत तो नहीं मिली है लेकिन वे अब भी ईओडब्ल्यू के सामने हाजिर नहीं हो रहे हैं।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू (EOW) ने इस गड़बड़ी के मामले में (MCU Scam) अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जिसमें पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वर्मा, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य के नाम थे। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।
ईओडब्ल्यू के यह है आरोप
ईओडब्ल्यू (EOW) का आरोप है कि घोटाला लगभग 25 लाख रूपए का है। कुठियाला के कार्यकाल में हुई वित्तीय गड़बडिय़ों (MCU Scam) की फेहरिस्त लंबी हैं। हालांकि प्राथमिक जांच में जो बातें सामने आई है उसके अनुसार कुठियाला ने विवि के बजट से आठ लाख रुपए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को भुगतान किए। यह भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई है। इसके अलावा राष्ट्रीय ज्ञान संगम के लिए विवि से ही साढ़े नौ लाख रुपए का भुगतान किया गया। वहीं जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र की तरफ से श्रीश्री रविशंकर के आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए तीन लाख रुपए का (MCU Scam) भुगतान किया गया। नागपुर में भारतीय शिक्षण मंडल नाम की संस्था को आठ हजार रुपए दिए गए। यह संस्था भी आरएसएस से जुड़ी है।