डीजीपी वीके सिंह ने जताई नाराजगी तो हवलदार को किया गया सस्पेंड, गंभीर हालत में बच्ची को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया
नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के (Narsinghpur Crime) नरसिंहपुर जिले से हैवानियत की एक ओर खबर आ रही है। यहां माता-पिता के साथ सो रही (Minor Rape) बच्ची को अगवा करके उसके साथ ज्यादती की गई। बच्ची नहीं मिलने पर माता-पिता थाने भी पहुंचे लेकिन पुलिस न मदद करने की बजाय परिवार को भगा दिया।
जानकारी के अनुसार पीडि़त परिवार काफी गरीब है और वह मजदूरी करके जीवन यापन करता है। आरोपी ने यह वारदात (Narsinghpur Crime) सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात दो बजे घटना को अंजाम दिया। बच्ची (Minor Rape) जब माता-पिता के पास नहीं मिली तो वह स्टेशन गंज थाने पहुंचा। थाने में हवलदार ने सुनवाई करने की बजाय परिवार को भगा दिया। इसके बाद गरीब परिवार अपने स्तर पर ही बच्ची को तलाशता रहा। इसी बीच बच्ची नया बस स्टेंड के पास खाली (Narsinghpur Crime) जेल ग्राउंड के नजदीक लहूलुहान हालत में मिली। उसके प्रायवेट पार्ट से भी छेड़छाड़ की गई थी। वह बेसुध थी और बोल नहीं पा रही थी। यह समाचार पूरे शहर में आग की तरह फैली जिसके बाद नरसिंहपुर एसपी समेत कई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिवार से हुई बातचीत के बाद एसपी ने थाने के हवलदार को सस्पेंड कर दिया है।
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डीजीपी ने लगाई फटकार
यह संयोग ही था कि प्रदेश की कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर डीजीपी वीके सिंह ने (Narsinghpur Crime) वीडियो कांफ्रेंसिंग बुलाई थी। इसी कांफ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने संवेदना बरतने और आम नागरिकों को मदद पहुंचाने के लिए कहा। उन्होंने इशारों ही इशारों में भोपाल के कमला नगर और बैरागढ़ थाना क्षेत्र में हुई घटना से सबक लेने के लिए भी कहा। उन्होंने साफ कर दिया है कि जनता के हिसाब से कानूनी कार्रवाई की जाए। बदमाशों को नहीं बख्शा जाए। प्रदेश में (Narsinghpur Crime) नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाए। इसके अलावा महिला हिंसा या उनसे जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए। महिला-युवती या फिर बालिकाओं से जुड़ी समस्याओं को चिन्हित करके उसके निदान करने की भी सलाह दी गई।
भोपाल में भी हुई थी ऐसी ही लापरवाही
भोपाल के कमला नगर थाना क्षेत्र के (Minor Rape) मांडव बस्ती के पास भी ऐसे ही घटना हुई थी। जिसमें नौ साल की बच्ची से ज्यादती के बाद आरोपी विष्णु भमोर ने उसकी हत्या कर दी थी। परिवार नरसिंहपुर की तरह ही भोपाल के कमला नगर थाने भी कहा गया था। लेकिन, सुनवाई देरी से की गई। इस मामले में सात पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।