Awareness Webinar Program : पहने हुए चश्मे और मोबाइल को सैनिटाइज करने का जाने तरीका
भोपाल। जैसा कि आप जानते है कोरोना के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही है। इस वायरस की वजह से एक बार फिर मध्य प्रदेश (MP Prosecution News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Prosecution News) में फिर लॉक डाउन लगा है। यह लॉक डाउन 10 दिनों (Bhopal Lock Down News) का है। इस वायरस के बीच कई विभाग ऐसे हैं जो चौबीस घंटे सेवा में रहते हैं। उनमें से एक विभाग अभियोजन का है। यह विभाग जिला अदालतों में फरियादी की तरफ से दलील और तर्क न्यायालय में रखता है। लेकिन, इन्हीं अफसरों में कोरोना को लेकर काफी वहम भी था। जिसे दूर करने का फैसला संचालक पुरुषोत्तम शर्मा (IPS Puroshottam Sharma) ने किया। जिसके लिए वेबिनार (Awareness Webinar Program) का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में आए मुख्य अतिथि ने घर के पोछे, चश्मे, कपड़े और सब्जी को सैनिटाइज और उसकी तकनीक बताई।
इन्होंने बताया कैसे लगाए पोंछा
कोरोना वायरस से घबराने नहीं बल्कि उसकी सुरक्षा तकनीक को समझने की आवश्यकता है। घर—आफिस में पोछा, जूता—चप्पल पहनने से लेकर तमाम छोटी—छोटी बातों में यदि गंभीरता बरती गई तो आपको कुछ नहीं हो सकता। यह जानकारी एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर प्रमेन्द्र ठाकुर (Dr Pramendra Thakur) ने दी। वे मध्य प्रदेश के अभियोजन (MP Prosecution Officer) कार्य से जुड़े राजपत्रित अफसरों को जानकारी देने पहुंचे थे। यह आयोजन वेबिनार की मदद से हुआ था। इस दौरान कई रोचक सवाल—जवाब भी हुए जिसको जानकार अभियोजन के कई अधिकारियों को फायदा मिला।
क्यों बताई पोछे की तकनीक
डॉक्टर प्रमेन्द्र ठाकुर ने कहा कि लोग कोरोना के भय में आकर हर वह गलती कर रहे हैं जो नहीं करना चाहिए। इसमें दोष उनका नहीं है बल्कि समझ का है। ठाकुर ने कहा कि हम पोछे के लिए इस वायरस से बचने के लिए महंगे—महंगे एंटी जर्म लिक्विड खरीद रहे है। जबकि यह खरीदने की बजाय सादे पानी में सोडियम क्लोराइड डाल दीजिए और उससे पोछा लगा दीजिए। यह सोडियम क्लोराइड 10 रुपए में आधा किलो भी मिल जाता है। लेकिन, लोग दहशत में आकर 10 की बजाय 1000 रुपए के महंगे प्रोडक्ट पोछे के लिए खरीद रहे हैं।
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क्या होता है सोडियम क्लोराइड
सोडियम क्लोराइड नमक में होता है। यह नमक का पैकेट कोरोना वायरस से बचने के लिए बहुत बढ़िया सामान है। इस सोडियम क्लोराइड का ही इस्तेमाल पोस्टमार्टम के बाद सुरक्षित रखे जाने वाले बिसरा में भी इस्तेमाल होता है। इसी सोडियम क्लोराइड की वजह से आचार कभी खराब नहीं होता। सादे पानी में सोडियम क्लोराइड या फिर नमक मिलाकर हाथ को 10 सेकंड लगातार मलने से भी सैनिटाइज किया जा सकता है। टब में पानी भरकर उसमें नमक डालकर कपड़े, सब्जी को भी आसानी से सैनिटाइज किया जा सकता है।
जूते—चप्पल उतारने की तकनीक
डॉक्टर प्रमेन्द्र ठाकुर ने बताया कि कोरोना वायरस जूते—चप्पल की मदद से भी घर पहुंच सकता है। इसलिए बाथरुम में सीधे जाने की बजाय जूते—चप्पल बाहर ही उतारे। फिर नहाने से पहले अपने कपड़े उतारकर जूते—चप्पल को पहले सैनिटाइज करे। फिर नहाने का काम करे। चश्मे को दो—तीन बार पानी से दिनभर धोएं। मोबाइल को भी सैनिटाइज करते रहे। घर से पड़ोसी—रिश्तेदार के यहां भी जाए तो मास्क न उतारे। आफिस में भी मास्क पहने रहे। मास्क केवल सड़क पर पहनने का ही सामान है यह सोचना गलत है।
क्यों दी गई यह जानकारी
डॉक्टर प्रमेन्द्र ठाकुर के साथ वेबिनार मेें विशेष महानिदेशक और संचालक अभियोजन संचालनालय पुरूषोत्तम शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने भी कहा कि ठाकुर की दी गई जानकारी बेहद कारगर है। इसको अपने जीवन में आत्मसात करने का यह समय है। कार्यक्रम की रुपरेखा मौसमी तिवारी ने बताई। कार्यक्रम में लोक अभियोजन के उप संचालक, जिला अभियोजन अधिकारी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी समेत करीब एक हजार लोग मौजूद थे। लोक अभियोजन संचालनालय की तरफ से फिट एंड फास्ट प्रॉसिक्यूशन और ग्रीन एंड क्लीन अभियोजन का अभियान चलाया है। इसी अभियान के तहत यह वेबिनार आयोजित किया गया था।
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