फिर चर्चा में सिंधिया समर्थक मंत्री गिर्राज दंडौतिया, दो दिन पहले ग्रामीणों ने घेर लिया था
मुरैना। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Political News) के कृषि राज्य मंत्री गिर्राज डंडौतिया (Girraj dandotiya) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। इस बार मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र दिमनी के थाना प्रभारियों (Dimni Police Station) को पत्र लिखा है। दंडौतिया ने पूछा है कि थानों में पदस्थ स्टाफ किस बिरादरी(Caste) का है और कब से पदस्थ है। मंत्री ने दिमनी के 6 थानों माता बसैया, दिमनी और सिंहोनिया सहित सिटी कोतवाली, स्टेशन रोड और सिविल लाइन थानों में पदस्थ सिपाही, हवलदार, एएसआई, एसआई की जानकारी मांगी है। दो दिन पहले ही मंत्री दंडौतिया को ग्रामीणों ने घेर लिया था। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
उपचुनाव की तैयारी
माना जा रहा है कि उपचुनाव (By Election) को लेकर यह किया जा रहा है। अपने चहेतों को थानों में पदस्थ करने कि योजना के तहत यह सब किया जा रहा है। भाजपा को डर है कि कहीं इस समय थानों में पदस्थ पुलिसकर्मी दूसरी पार्टी को सपोर्ट ना कर दें। इसी डर से स्टाफ की जानकारी मांगी जा रही है। थानें में पदस्थ पुलिस स्टाफ की जानकारी मांगे जाने से चिंतित हो गए हैं। उनको लगने लगा है कि उपचुनाव से पहले कहीं उनके तबादले ना हो जाएं।
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विरोधी समर्थकों से भाजपा को डर
मंत्री और विधायकों को आशंका है कि पुलिसकर्मी होने वाले उपचुनाव में विरोधियों के साथ मिलकर उनका बड़ा नुकसान कर सकते हैं। विरोधियों के कहने पर भाजपा समर्थकों को उपचुनाव से पहले किसी केस में जेल में ना डाल दें। इसलिए जिन पुलिस कर्मियों की कार्यशैली भाजपा के पक्ष में नहीं है। उनको किसी बहाने से मौजूदा थानों से दूसरे थानों में भेज दिया जाए और अपने चहेतों को पदस्थ कर दिया जाए।
यह इस तरह का पहला मामला है
मुरैना(Morena) जिले में इस तरह का यह पहला मामला है जब पूरे पुलिस स्टाफ की जानकारी जाति के आधार पर मांगी गई हो। इससे पहले पुलिस स्टाफ में विधायक या मंत्री को जो पसंद नहीं होता था उसे एसपी से बोलकर ट्रांसफर करवा दिया जाता था। इस बार मंत्री द्वारा समूचे पुलिस स्टाफ की जानकारी थानेदार से मांगी गई है।
मंत्री का जवाब
वहीं इस मामले में गिर्राज दंडौतिया का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के मद्देनजर थानों से जानकारी मांगी गई है। पुलिसकर्मियों की जानकारी मंत्री के कार्यालय में नहीं रहेगी तो कहां रहेगी। पुलिस वालों के नंबर नहीं रहेंगे तो बात कैसे होगी।
कांग्रेस ने साधा निशाना
इस मामले में कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी (Kunal Chaudhary) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- बिना विधायक मंत्री बने शिवराज जी (CM Shivraj Singh) के यह मंत्री लोकतंत्र की हत्या के बाद अब संविधान और प्रशासन प्रणाली की मर्यादा को तार-तार करने में लगे है – इनके अहंकार का अंत जनता अवश्य करेंगी..
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