MP Police Gossip: “तालाब” में न जाकर भी डूबे “सागर”

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Madhya Pradesh Police Gossip
सांकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal News In Hindi) इस बार मध्य प्रदेश पुलिस का आईपीएस मीट (MP IPS Meet) शुरु से विवादों में रहा। पहले दिन सांस्कृतिक प्रस्तुति के दौरान उज्जैन एसपी सचिन अतुलकर (SP Sachin Atulkar) का बाहुबली डांस विवादों में आ गया। उनके जूते पहनकर शिवलिंग उठाने वाले दृश्य पर बड़ी तीखी प्रतिक्रिया हुई। सबसे ज्यादा ट्रोल वे सोशल मीडिया में हुए। यह विवाद थमता उसके पहले दूसरा विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद भोपाल के बड़े तालाब में हुए कार्यक्रम में खड़ा हुआ। दरअसल, यहां ड्रेगन बोट में डीजीपी वीके सिंह (DGP VK Singh) और उनका परिवार सवार था। यह बोट तालाब में पलट गई। इसकी रिकॉर्डिंग भी हुई और वह दुनिया में वायरल हो गई। इस घटना के बाद डीजीपी वीके सिंह एसडीआरएफ के एडीजी डीसी सागर से नाराज हो गए। भीतर ही भीतर कार्यक्रम में न रहने और व्यवस्था को न संभालने पर उन्हें फटकार भी मिली।

महंगा पड़ा माचिस न देना
अब आप सोच रहे होंगे यह भी कोई विषय है। लेकिन, पूरी कहानी सुनेंगे तो आप भी चौक जाएंगे। बेचारे उस व्यक्ति की हालत के बारे में सोचिए जिसके साथ यह पूरा वाक्या हुआ। मामला कुछ ऐसा है कि एक पुलिसकर्मी पान की दुकान पर मुफ्त सेवा के लिए अक्सर जाता था। इस बात से दुकानदार काफी परेशान हो गया था। एक दिन पुलिसकर्मी माचिस लेने पहुंच गया। उसने देने से इनकार कर दिय। फिर क्या था पुलिसकर्मी ने आव देखा न ताव उसको अपने साथ थाने ले आया। यहां उसकी वह हालत की जिसको बताया नहीं जा सकता। फिर उसको पुलिस के असली हथियार धारा 151 के तहत कार्रवाई करके उसको एसडीएम कोर्ट में पेश कर दिया गया। मामला अफसरों तक भी पहुंचा लेकिन, कोई असर देखने को नहीं मिला।

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असफलता की सफलता के साथ मार्केटिंग
पिछले दिनों डीआईजी सिटी इरशाद वली ने दर्जनों पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सराहना करते हुए प्रशस्ति पत्र दिए। यह प्रशसस्ति पत्र उन मामलों के निराकरण के लिए दिए गए थे जिनकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में हुई थी। डीआईजी ने उन सब पुलिसकर्मियों की तारीफ करते हुए जानकारी मीडिया को भी दी। जिसको जारी करने के बाद जागरुक पुलिस अफसर कहने लगे कि इसे कहते हैं असफलता की मार्केटिंग। दरअसल, जिन मामलों में अफसरों की तारीफ हो रही थी उनमें से कई मामले पुलिस के पास पहले पहुंच गए थे। लेकिन, तब सुना नहीं गया इसलिए पीड़ित को सीएम हेल्पलाइन जाना पड़ा था।

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