MP Police Gossip: कमाओ और घुमकर आओ

Share
Madhya Pradesh Police Gossip
सांकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal Police Gossip) मध्यप्रदेश पुलिस का एक स्पेशल अमला है। इसके पास बड़े—बड़े अपराधों की विवेचना करना होती है। यह विवेचना अब पूरी तरह से राजनीतिक अंदाज में हो रही है। आलम यह है कि संगठित अपराधों की भनक होने पर सिरे तक पहुंचने की बजाय सतही जांच करके उसको बंद कर दिया जा रहा है। इसके भीतर की कहानी पता की गई तो वह चौकाने वाली जानकारी के साथ आई। इस स्पेशल सेल के अधिकांश कर्मचारी भारत के बड़े—बड़े पर्यटक स्थल घुमकर आ रहे हैं। इसकी फंडिग उसी आय से हो रही है जिससे कमाई की जा रही है। इसका लेखा—जोखा भी रखा जा रहा है। लेकिन, इसकी सुविधा कुछ खास सिपहसलारों को ही मिल रही हैं।

वीरु तो गए अब जय की बारी
राजधानी पुलिस के दो अफसरों को जय—वीरु कहा जाता है। जहां जाते है अक्सर साथ होते हैं। पिछले दिनों तबादले की सूची आई। इसमें वीरु को एक घोंसले में बैठा दिया गया। हालांकि वह तो चाह रहे थे सल्तनत लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। खैर अब उनके जाने के बाद चर्चा गर्म है कि वीरु तो गए अब जय की बारी है। बीच में वीरु से पहले जय के जाने की चर्चा गर्म थी। लेकिन, अचानक बीच रास्ते में हरी—हरी हो गया।

चारों खाने चित्त
पिछले कुछ महीनों से बहुत तेजी से हवा फैली हुई थी। यह हवा थी पुलिस कमिश्नर प्रणाली। फैलाई गई थी मीडिया के जरिए। लेकिन, अचानक उसी मीडिया में एक हल्ला मुखिया को बदलने का चल गया। फिर तो भोपाल से दिल्ली तक हल्ला मच गया। अचानक फैले इस करंट की वजह पता लगाई गई तो पूरी प्रणाली ही ध्वस्त होकर खामोश बैठ गई।

यह भी पढ़ें:   MP Cyber News: सरकारी योजनाओं में चार जालसाजों ने लगाई सेंध

काम वाला क्राइम
शहर के एक अफसर के भाई साहब दलित अत्याचार में फंस गए। मामला मीडिया में दबाकर रखाकर रखा गया। किसी को भी कानों कान भनक भी नहीं लगने दी गई। अब साहब के सामने भाई को बचाने की जिम्मेदारी थी। इसलिए उसने ऐसा प्रपंच रचा कि अब वे उसमें फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, साहब एक बड़े महकमे के अफसर है। उस पोस्ट का फायदा उठाकर फरियादी को परेशान किया जा रहा है। ऐसी शिकायत डीजीपी से की गई। यह शिकायत होने के साथ ही फरियादी पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। अब यह मामला अदालत में हैं जिसमें अफसर के हाथ कभी भी झुलस सकते हैं।

अपील
www.thecrimeinfo.com विज्ञापन रहित दबाव की पत्रकारिता को आगे बढ़ाते हुए काम कर रहा है। हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। इसलिए हमारे फेसबुक पेज www.thecrimeinfo.com के पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।

 

Don`t copy text!