Military Welfare Scam: ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया मुकदमा, तीन करोड़ रुपए के घोटाले में कई बड़े चेहरे
भोपाल। भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं पर सेंध (Military Welfare Scam) लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घोटाला करीब तीन करोड़ रुपए (Sainik Kalyan Board Ghotala) का है। लेकिन, इसकी परतें अभी सतही खुली है। इसके भीतर कई राज दफन है जिसके बाहर आने पर फिलहाल अभी संशय के बादल है। जांच आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (Economic Offense Wing) कर रही है। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) की है। आरोपी पूर्व हवलदार है जो अटैचमेंट में सैनिक कल्याण समिति के कार्यालय में आया था। आरोपी ने घोटाले की रकम को हथियाने के लिए समिति का दूसरा फर्जी खाता खोल लिया था।
सेना के पूर्व अधिकारियों ने की थी शिकायत
ईओडब्ल्यू ने बताया कि 15 सितंबर, 2020 को भोपाल ईओडब्ल्यू थाने में जालसाजी और गबन (Bhopal EOW Scam FIR) का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में फिलहाल आरोपी नीरज चतुर्वेदी (Neeraj Chaturvedi) है जो भूतपूर्व हवलदार है। आरोपी ने करीब 3 करोड़ रुपए की राशि का गबन किया है। यह गबन जनवरी, 2017 से सितंबर, 2019 के बीच अंजाम दिया गया था। इस बात की शिकायत सेना के अधिकारी और भूतपूर्व सैनिकों ने फरवरी, 2020 में की थी। शिकायत करने वालों में ईदगाह हिल्स निवासी नरेन्द्र रायकवार (Narendra Raikawar), कर्नल अश्विनी कुमार और कर्नल एसआर पिल्ले थे।
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ऐसे किया गया गबन
मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि भूतपूर्व सैनिकों को रोजगार दिलाने और उनके पुर्नवास के लिए मध्य प्रदेश में समिति (MP Military Welfare Committee News) का गठन हुआ था। यह समिति मध्य प्रदेश में फरवरी, 1992 में अस्तित्व में आई थी। समिति पुर्नवास और सुविधाओं के बदले में दान में राशि जमा कराती है। इसको समामेलित विशेष निधि (Amalgamated Special Fund) कहा जाता है। आरोपी नीरज चतुर्वेदी ने इसी निधि की राशि का गलत इस्तेमाल (Sainik Kalyan Board Ka Ghotala) किया। यह राशि करीब दो करोड़, 95 लाख रुपए से अधिक की है। नीरज चतुर्वेदी भोपाल के सैनिक कल्याण संचालनालय (Directorate of military welfare Bhopal) में अटैचमेंट में था। उसकी पोस्टिंग अगस्त, 2006 में टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले में हुई थी। वह 2012 में भोपाल आया था।
सैनिकों की रकम से बनाया मॉड्यूलर किचन
जांच में पाया गया है कि इस घोटाले में कई अन्य आरोपी है। लेकिन, प्राथमिक जांच में नीरज चतुर्वेदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल गए है। भारत सरकार ने 2014 से सर्विस टेक्स को आनलाइन भरने की अनिवार्यता की शर्त रख दी थी। जिसके लिए समिति ने सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया (Central Bank Of India Fake Account Case) टीटी नगर शाखा में दूसरा खाता खुलवाया था। यहां पहला भी बचत खाता था। दूसरे बचत खाते से आरोपी नीरज चतुर्वेदी ने अपने बचत खाते में यह रकम ट्रांसफर की थी। इस रकम में से उसने अपने दो फ्लैट के इंटीरियर और मॉड्यूलर किचन का काम मैसर्स रुचि इंटीरियर (MS Ruchi Interior) से कराया था। काम के बदले में करीब सवा सौलह लाख रुपए का भुगतान भी हुआ था।
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फर्जी पदनाम बनकर खाता खुलवाया
जांच में पता चला है कि आरोपी नीरज चतुर्वेदी ने जिस राशि का गबन किया वह कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा का अंशदान था। यह अंशदान बढ़ा—चढ़ाकर बनाए गए बिल से हासिल किया गया। यह अंशदान संचालनालय में तैनात सभी स्तर के कर्मचारियों का था। नीरज चतुर्वेदी के खिलाफ जांच में कई चौका देने वाले खुलासे भी हुए है। उसके दो अन्य बैंक खातों जो कि आईडीबीआई (IDBI) और आईसीआईसीआई (ICICI) की जानकारी भोपाल ईओडब्ल्यू (Bhopal EOW News) को मिली है। यह खाते खुलवाने के लिए नीरज चतुर्वेदी ने स्वयं को सैनिक कल्याण समिति का कोषाध्यक्ष (Fake Post Scam) होना बताया गया है। ईओडब्ल्यू अभी इन दो खातों से हुए लेन—देन की जानकारी जुटा रही है।
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