हाईकोर्ट बैंच में अवमानना परिवाद दायर, पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इंदौर। प्रथम श्रेणी न्यायाधीश (JMFC) विपिन सिंह भदौरिया के खिलाफ प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करना इंदौर पुलिस को महंगा (Contempt Motion) पड़ गया। इस मामले को लेकर न्यायाधीश संघ (Judges Association) एक मंच पर आ गया है। संघ ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इंदौर बैंच में परिवाद दायर (Writ Petition) करने का प्रस्ताव पारित किया।
मामला कुछ इस प्रकार है कि न्यायाधीश (Judge) विपिन सिंह भदौरिया की पत्नी ने इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र से मिलकर शिकायत की थी। पत्नी ने प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद न्यायाधीश को एसएसपी ने कार्यालय (SSP Office) बुलाकर काउंसलिंग की थी। मामला जब नहीं सुलझा तो संयोगितागंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसी मुकदमे को लेकर न्यायाधीश विपिन सिंह भदौरिया को कई बार थाने आना—जाना पड़ा था। इसी बात को लेकर उन्होंने इंदौर पुलिस पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया। इन आरोपो को लेकर वे न्यायाधीश संघ के पास पहुंचे। यहां पर देवास के खातेगांव में हुई ऐसी ही घटना भी सामने रखी गई। जिसके बाद अवमानना (Contempt) प्रस्ताव पारित करने का निर्णय पास हुआ।
प्रस्ताव को लेकर हाईकोर्ट प्रिंसीपल के पास आवेदन भेज दिया गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के सारे न्यायाधीशों को भी एक—एक प्रतिलिपि भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि न्यायाधीश की गरिमा के अनुकूल कार्रवाई नहीं की गई है। इसलिए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले को लेकर न्यायाधीश संघ (Judges Association) ने एडीजी इंदौर रेंज और पुलिस मुख्यालय (MP PHQ) के आला अफसरों से भी शिकायत की है। हालांकि इंदौर पुलिस ने इन सब आरोपों को बेबुनियाद बताया है। न्यायाधीश के समर्थन में संघ (Judges Association) के अध्यक्ष विपिन कुलकर्णी ने अवमानना प्रस्ताव पारित करने की पुष्टि की है।