All India Police Water Sport’s: चंदे के पैसों से छपेगी पुलिस की स्मारिका, वसूली के लिए जिलों के एसपी को टारगेट

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बदमाशों, आपराधिक मुकदमों या फिर राजनीतिक दलों से जुड़े व्यक्तियों से विज्ञापन न लेने की दी गई सलाह, हर जिले को डेढ़ लाख का दिया गया टारगेट, बजट का अभाव बताकर आयोजन में खड़ा हुआ संकट

All India Police Sport
पुलिस स्पोर्ट कंट्रोल बोर्ड का लोगो

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री (Chief Minister) कमलनाथ (Kamalnath) वित्तीस संकट (Financial Crisis) से जूझ रही है। यह बात किसी से छुपी नहीं हैं। इस कारण कई विभागों की योजनाओं (MP Scheme) से लेकर उसके क्रियान्वयन (Execution) पर संकट खड़ा हो रहा है। आलम यह है कि देश के दूसरे राज्यों के सामने भी उसको अपनी नाक बचाने के लिए चंदे पर निर्भर होना पड़ा रहा है। आपको यकीन नहीं हुआ पर यह बिलकुल सच है। ताजा मामला मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (Madhya Pradesh Police Headquarters) से जुड़ा हुआ है। दरअसल, आल इंडिया पुलिस स्पोर्ट कंट्रोल बोर्ड (All India Police Sport Control Board) ने 19वीं वॉटर स्पोर्ट (19th Water Sport) के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को चुना है। इस आयोजन के लिए पुलिस मुख्यालय के पास बजट नहीं बचा है। इसलिए वह जिलों के एसपी से चंदा लेकर आयोजन को सफल बनाना चाहती है। इसके लिए बकायदा पत्र लिखकर प्रत्येक जिले से डेढ़—डेढ़ लाख रुपए मांगे गए हैं।

इस पत्र को आधार बनाकर प्रदेश की राजधानी से प्रकाशित प्रदेश टुडे (Pradesh Today) ने इस बात का खुलासा किया है। सांध्य दैनिक समाचार पत्र (Evening News Paper) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जिलों के एसपी से कहा गया है कि प्रतियोगिता के लिए स्मारिका (Souvenir) प्रकाशित की जानी है। इसमें विज्ञापनों (Advertisement) के रूप में मदद ली जाए। विज्ञापन 17 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक के हैं। भोपाल, वॉटर स्पोर्ट के लिए अच्छा शहर माना जाता है। इसलिए आल इंडिया पुलिस स्पोर्ट कंट्रोल बोर्ड ने मध्यप्रदेश को प्राथमिकता में लिया था। लेकिन, इस प्राथमिकता के आड़े पुलिस मुख्यालय का बजट (PHQ Budget) सामने आ गया। आयोजन 12 से 16 दिसंबर तक आयोजित किया जाना है। इसमें 20 से अधिक राज्यों की पुलिस वॉटर स्पोर्ट प्रतियोगिता में भाग लेगी। प्रतियोगिता के लिए सहयोग राशि जमा कराने के लिए अतिआवश्यक किया गया है। इस कारण जिलों में एसपी के सामने अब बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। खासतौर से छोटे जिले ज्यादा परेशान चल रहे हैं।

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एक महीने में दूसरा विवादित आदेश
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय का यह दूसरा विवादित आदेश है जो इस वक्त मीडिया की सुर्खियों में आया है। इससे पहले थाने में जाति पूछकर पीटने को लेकर बड़ा बवाल मचा था। अब इसके बाद दूसरा यह आदेश जिसमें बवाल मचना लाजिमी है। चंदे के लिए पत्र में निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि चंदा आपराधिक मामलों से जुड़े व्यक्तियों से न लिया जाए। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिनके राजनीतिक संबंद्ध हैं उनसे भी न लिया जाए।

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