MP Fraud Case: भगवान राम का नाम लेकर जालसाजों ने किया उसको बदनाम

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इतने बड़े फर्जीवाड़े के लिए दो क्रिकेट टीम लायक खड़ी कर ली जालसाज बिल्डर ने फौज, जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया गबन और जालसाजी का मामला

MP Fraud Case
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

भोपाल। मशहूर अभिनेता देवानंद (Actor Devanand) की 1970 में बनी फिल्म हरे राम हरे कृष्ण (Hare Rama Hare Krishna) आपको जरुर याद होगी। इस फिल्म में एक गीत है जिसके बोल है, देखो ओ दीवानो, तुम ये काम न करो राम का नाम बदनाम ना करो। यह बात लगभग पांच दशक बाद साबित होती नजर आ रही है। दरअसल, भगवान राम के नाम पर एक बिल्डर ने कंपनी शुरु की थी। लेकिन, यह कंपनी भगवान के नाम पर लोगों से पैंसा ऐंठ ((MP Fraud Case)) रही थी। मामला जब आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) के पास पहुंचा तो जांच के बाद जालसाजी और गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

जालसाज कंपनी के कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। इस मामले में नामजद आरोपियों की संख्या 30 हैं। ईओडब्ल्यू का दावा है कि यह उसकी प्रारंभिक जांच हैं। मतलब साफ है कि भगवान राम के नाम पर चल रही श्रीराम रियल स्टेट एंड बिजनेस सॉल्यूशन लिमिटेड कंपनी (Sri Ram Real Estate & Business Solution Limited Company) के मामले में अभी आरोपियों की संख्या ओर बढ़ेगी। यह कंपनी एक—दो नहीं ​बल्कि 6 साल से लोगों को चपत लगा रही थी। यह कंपनी ग्वालियर (Gwalior) में 2008—2009 में रजिस्टर्ड हुई थी। इस कंपनी का मुख्य काम भूमि खरीदकर उसमें प्लॉट बनाना था। लेकिन, ऐसा करने की बजाय कंपनी लोगों से पैसा लेकर उसमें ऐश कर रही थी। इस मामले में शिकायत फरवरी 2014 में भोपाल के एमपी नगर निवासी प्रदीप सिंह गूर्जर ने की थी। इस फर्जी कंपनी का मुख्य आरोपी संजय मेवाड़ा (Sanjay Mewada) है। वह इस कंपनी का डायरेक्टर है जो कि राजधानी के नजदीक सीहोर जिले के इंग्लिशपुरा का रहने वाला है।
संजय मेवाड़ा सीहोर जिले का बिल्डर भी है। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने संजय मेवाड़ा के अलावा राजेश कुमार भगत, ज्ञान सिंह, निर्मल धनेरिया, विजय सिंह, हेमंत भगत, मान सिंह वर्मा, विक्रम सिंह, सोहन कुमार पटेल, सुभाष देशमुख, जगदीश मीणा, भुवनेश्वर प्रसाद साहू, बबलू प्रजापति, गोपाल मीणा, देवेन्द्र मेवाड़ा, जगेश्वर नेमा, दिलीप भदौरिया, दयाराम प्रजापति, अजय साहू, रामपाल बंसल, प्रेमलता करोड़े, प्रभुलाल अहिरवार, उमा चंदेल, लक्ष्मी सरयाम, महेश सेन, बद्रीप्रसाद प्रजापति, सीता द्विवेदी, जीवेश वर्मा, हरिनारायण श्रीवास आरोपी बनाए गए है। यह आरोपी डायरेक्टर और एजेंट हैं। कंपनी का दफ्तर पहले भोपाल में एमपी नगर में था। बाद में कंपनी निशातपुरा इलाके में करोद क्षेत्र में खुल गई थी।

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