MP Police Gossip: मामले में जांच की बजाय उजागर करने वाले के पीछे पड़ा पुलिस का महकमा
भोपाल। पिछले कई समय से मध्य प्रदेश (MP Police Gossip) की राजधानी भोपाल का क्राइम ब्रांच विवादों में रहा है। यहां पर पहले एएसपी रहे धर्मवीर सिंह यादव (Dharmveer Singh Yadav) ने जरुर सिस्टम में सुधार लाने का प्रयास किया था। यहां विभागीय ट्रांसपैरेंसी के साथ—साथ कई तरह के आरोप—प्रत्यारोप लगते रहे हैं। फिलहाल एक नया कारनामा उजागर हुआ है। मामला आईपीएल सट्टे से जुड़ा है। जिसको लेकर पिछले दिनों कुछ गिरफ्तारियां की गई थी। इन्हीं गिरफ्तारियों में से एक मामले का आॅडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मुकदमे की धमकी
इन तथ्यों के साथ एक पत्रकार ने आॅडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इससे पहले पत्रकार के खिलाफ वक्तव्य जारी करते हुए मुकदमे की धमकी दी गई थी। इसमें पत्रकार और सट्टे के आरोप में गिरफ्तार आरोपी से बातचीत की रिकॉर्डिंग हैं। आरोपी घर और क्राइम ब्रांच के बाहर पैसा लेन—देन करने का आरोप भी लगा रहा है। वह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ—साथ अफसरों के भी नाम ले रहा है। लेकिन, इस गंभीर आरोपों पर जांच की बजाय पत्रकार पर ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जाने लगी।
‘अंगद’ जांच में नपे
शहर के एक थाने में तैनात सिपाही को डीआईजी सिटी इरशाद वली ने निलंबित कर दिया। आरोप है कि वह सटोरिए से बातचीत करता था। हालांकि भीतरखाने की खबर यह भी है कि जहां सिपाही रहता है उसके ही नजदीक एक महिला भी रहती है। जिसका सिपाही से लंबे अरसे से विवाद चल रहा था। सिपाही अपनी वर्दी की दम पर उसके मकान पर निर्माण नहीं होने देता था। हालांकि जिस सिपाही को निलंबित किया गया है वह पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं।
गृहमंत्री ही थे बेखबर!
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पिछले दिनों इमरती देवी पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी को तूल देने के लिए राजनीतिक कार्यक्रम तय किया गया। लेकिन, यह खबर गृहमंत्री को तब मिली जब आला कमान से संदेशा आया। जबकि इस बारे में मुख्यमंत्री को पहले ही खबर लग चुकी थी कि कमल नाथ ने भाजपा के लिए संजीवनी मसाला दे दिया हैं। अब गृहमंत्री अपने महकमे में उन सिपहसलारों को तलाश रहे हैं जो उनसे भी तेज चल रहे हैं।
कोने कर दिए गए अफसर
कभी भाजपा सरकार में रसूखदार रहे अफसर की तूती बोलती थी। उन्होंने अपनी जांच से पूरे सिस्टम को हिला दिया था। जिसकी गूंज मध्य प्रदेश ही नहीं भारत में भी गूंजी थी। यह मामला था व्यापमं घोटाले का। लेकिन, इस घोटाले के एक अफसर काफी अरसे से कोने एक पहाड़ के केबिन में बैठा दिए गए हैं। उन्हें अब तक कोई भी तरीके की पोस्टिंग ही नहीं मिली।
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