MP Congress News : प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश मीडिया अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से जनता को हकीकत बताने श्वेत पत्र जारी करने की मांग
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा—कांग्रेस के बीच तलवारें खींची रहती हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कभी भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हो या दूसरे नेता उनको नहीं बख्शते। अब इसी राजनीतिक बयानों से हमले के क्रम में कांग्रेस (MP Congress News) के प्रदेश मीडिया अध्यक्ष केके मिश्रा (KK Mishra) ने गृहमंत्री का घेराव किया है। प्रदेश की कानून—व्यवस्था को लेकर एक पत्रकार वार्ता बुलाई गई थी। जिसमें मिश्रा ने गृहमंत्री को सनी लियोनी और श्वेता तिवारी के अलावा विश्व के अन्य विषयों पर बयान देने पर जमकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा लॉ एंड आर्डर प्रदेश का बिगड़ा हुआ है और चिंता संयुक्त राष्ट्र महासचिव के जैसे विदेशों की जता रहे हैं।
विभागों में मुख्यमंत्री का नियंत्रण
कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सरकार में बैठे मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं के सरकारी संरक्षण के कारण प्रदेश अपराध का अभ्यारण बन गया। मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कुछ दिनों पूर्व प्रारंभ की गई पुलिस-कमिश्नरी प्रणाली जैसी सराहनीय व्यवस्था के बावजूद भी इंदौर और भोपाल जैसे महानगर की शक्ल अख्तियार कर चुके शहरों में भी अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहे है। जिसका कारण सरकारी हस्तक्षेप है। जिसमें सख्त और ईमानदार पुलिस अफसर चाहकर भी अपराधियों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। सारे मंत्रालयों पर मुख्यमंत्री का नियंत्रण है। इसीलिए मप्र के गृहमंत्री सनी लियोनि, श्वेता तिवारी, सब्यसाची और नेटफ्लिक्स में व्यस्त रहते हैं। लिहाजा, असरकारक कार्यवाही दिखायी नहीं दे रही है। गृहमंत्री तो अपने मंत्रालय से इतर संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव बन गये हैं, जो अपने अधिनस्थ महकमे और प्रदेश की निरंतर ध्वस्त होती जा रही कानून व्यवस्था से परे यूक्रेन, अमेरिका, रूस, कश्मीर, चाईना और अफगानिस्तान के मसलों पर प्रातःकालीन बेला में अपने कर्तव्य का परायण कर रहे हैं।
सरकार प्रचार में व्यस्त
मिश्रा ने कहा एनसीआरबी 2020 के अनुसार आईपीसी और एसएसएल के कुल 4 लाख 28 हजार 046 अपराध मप्र में हुये है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के खिलाफ प्रदेश में अपराध लगातार बढ़े हैं। वर्ष 2020 की बात करें तो प्रदेश में 9 हजार 664 उत्पीड़न के मामले रजिस्टर्ड हुये थे जो 2021 में बढ़कर 10 हजार 81 हो गये। पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा ने प्रदेश भर में 906 हाटस्पॉट चिन्हित किये हैं। जहां दलित उत्पीड़न अत्यधिक हैं। नेमावर, नीमच, खंडवा और सिवनी में हुई अमानवीय घटनाएं मप्र में आदिवासी उत्पीड़न की वास्तविकता को बयां कर रही है। प्रदेश में वर्ष 2021 में कुल 10 हजार 648 महिलाएं और बच्चों की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। जिसमें अधिकांश बच्चे 10-12 वर्ष की आयु के थे। इनमें से 8 हजार 876 लड़कियां और 1 हजार 772 लड़के हैं। एनजीओ चाईल्ड राईट्स एंड यू की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में मप्र के 52 जिलों से औसतन 29 बच्चे, 24 लड़कियां और 5 लड़के प्रतिदिन लापता हुये हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार ही मप्र बाल अपराधों व मासूमों के साथ दुष्कर्म में भी देश में अव्वल है। मिश्रा (MP Congress News) ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) से मांग करती है कि वे अपने कथित कुप्रचार और सुशासन को लेकर श्वेत-पत्र जारी करें।
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।